देहरादून: सामुदायिक और स्मार्ट पुलिसिंग के को आगे बढ़ाने में देशभर में उत्तराखंड पुलिस की केंद्र सरकार ने सराहना की है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय BPR&D (पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो) की वार्षिक प्रकाशन पुस्तक 'Best Practice on Smart Policing' में उत्तराखंड पुलिस द्वारा किए जा रहे तीन विशेष कार्य, जिसमें-थाने में महिला सुरक्षा डेस्क, भिक्षावृत्ति पर रोक 'ऑपरेशन मुक्ति' और स्मार्ट चीता पु लिस की सराहना की गई है.
बता दें भारत सरकार ने देशभर के विभिन्न राज्यों की पुलिस और अन्य पुलिस संगठनों के द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों पर एक किताब'Best Practice on Smart Policing' को प्रकाशित किया है. जिसमें देशभर के पुलिस संगठनों के पुलिसिंग विषयक उल्लेखनीय कार्यों के कुल 30 चुनिंदा कार्यों को शामिल किया गया है. जिसमें उत्तराखंड पुलिस को भी शामिल किया गया है. भारत सरकार के गृह मंत्रालय की प्रकाशन पुस्तक 'Best Practice on Smart Policing' में उत्तराखंड पुलिस की बाल भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को पुनर्वास के लिए चलाए गए ऑपरेशन मुक्ति के अलावा स्मार्ट पुलिसिंग के लिए स्मार्ट चीता पुलिस की तैनाती और महिला सुरक्षा के मध्यनजर प्रत्येक थाने में एक महिला डेस्क स्थापित कर उनकी सुनवाई करना पुस्तक में विस्तृत रूप में प्रकाशित किया गया है.
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ऑपरेशन मुक्ति: उत्तराखंड पुलिस ने ऑपरेशन मुक्ति शुरू किया. इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ Integrated Drive चलाकर प्रभावी Enforcement के माध्यम से सड़कों बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति पर प्रभावी रोकथाम है. इस अभियान के तहत भिक्षा न दिए जाने के संबंध में जनता को जागरुक करना और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित कर उनका पुनर्वास करना मुख्य तौर पर शामिल है. ऑपरेशन मुक्ति का थीम 'भिक्षा नहीं, शिक्षा दें' और Educate a child है. इस अभियान के अंतर्गत पूरे राज्य भर से भिक्षावृत्ति से हटाकर कुल 14 से 30 बच्चों को स्कूल और डेकेयर होम में दाखिला कराया जा चुका है. ऑपरेशन मुक्ति अभियान में प्रदेशभर के अलग-अलग जनपदों से महिला और पुरुष पुलिसकर्मियों की विशेष टीम बनाई जाती है.
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महिला सुरक्षा को लेकर हर थाने में महिला डेस्क स्थापित: उत्तराखंड में महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने के दृष्टिगत राज्य के प्रत्येक थाने में महिला डेस्क स्थापित किए गए हैं. ताकी महिला संबंधी एवं उनके द्वारा अन्य प्राप्त शिकायतों को इस डेस्क द्वारा प्राथमिकता से सुना जाना और उनपर त्वरित कार्रवाई करना इस महिला डेस्क का उद्देश्य है.
घटनास्थल पर प्रभावी रिस्पांस के लिए स्मार्ट चीता पुलिस: उत्तराखंड में किसी भी घटना या पुलिस से जुड़ी शिकायत में त्वरित रिस्पांस के लिए आधुनिक संसाधनों से लैस चीता पुलिस को स्मार्ट चीता पुलिस में अपग्रेड किया गया है. स्मार्ट सिटी पुलिस की वर्दी में अतिरिक्त उपकरण जैसे बॉडी ऑन कैमरा, मल्टीपल बेल्ट, short-range वेपन देकर 24 फरवरी 2021 को देहरादून जनपद से इसकी शुरुआत की गई थी. स्मार्ट चीता पुलिस की कार्य क्षमता और दक्षता को बढ़ाने के लिए 148 चीता पुलिस का दल जिसमें 30 महिला 118 पुरुष कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त प्रशिक्षण देकर स्मार्ट पुलिसिंग के लिए तैयार किया जाता है.
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PM विजन के तहत पीड़ित केंद्रित एवं जन केंद्रित पुलिसिंग पर जोर: भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा प्रकाशन पुस्तक 'Best Practice on Smart Policing' में उत्तराखंड पुलिस के कार्यों की सराहना को लेकर DGP अशोक कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग विजन को वजह बताते हैं. डीजीपी के मुताबिक, प्रधानमंत्री के स्मार्ट पुलिसिंग को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से ही अंग्रेजो के समय से बनी पुलिस की छवि को सुधार कर पीड़ित केंद्रित एवं जन केंद्रित पुलिसिंग को बढ़ाने का कार्य लगातार जारी है.