देहरादून: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ उत्तराखंड में घुसपैठ कर तनावपूर्ण माहौल बनाने वाले लोगों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस पैनी नजर बनाए हुए है. इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सख्त रुख अपनाने के बाद पुलिस टीम ने हल्द्वानी में निवासरत एक ऐसे परिवार पर संदेह जताया है, जो जामिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाला बताया जा रहा है. साथ ही हल्द्वानी में हुए धरना प्रदर्शन में शामिल एक शख्स से पूछताछ भी शुरू कर दी है. बताया जा रहा है वो शख्स मूल रूप से बरेली का रहने वाला है और यूपी अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का छात्र है. संदेह के घेरे में आए दोनों मामलों में नैनीताल पुलिस हर पहलू पर छानबीन कर रही है.
बता दें, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को सख्त रुख अपनाते हुए एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया यूनिवर्सिटी और कुछ संदिग्ध कश्मीरी छात्र उत्तराखंड में घुसपैठ कर तनावपूर्ण माहौल बढ़ाने के प्रयास में जुटे हैं. इस मौके पर उन्होंने कहा था कि राज्य में कानून एवं शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. सीएम के इसी सख्त रुख को देखते हुए पुलिस प्रदेशभर में अलर्ट मोड पर है.
पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार का मानना है कि अभी तक की जांच में यही बात सामने आई है कि हल्द्वानी में तय समय से अधिक धरना प्रदर्शन में कुछ ऐसे बाहरी तत्व शामिल हो सकते हैं, जिनके द्वारा भड़काऊ भाषण देकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया गया हो. हालांकि तस्वीर अभी पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई है. इस मामले में नैनीताल एसएसपी को पूरे धरना प्रदर्शन के दौरान सभी लोगों बात, भाषण व अन्य तरह की जांच पड़ताल करने आदेश दिए गए हैं.
पढ़ें- हल्द्वानी: करियर काउंसलिंग सेमिनार का आयोजन, युवाओंं को सेना भर्ती के दिये टिप्स
डीजी अशोक कुमार ने साफ किया कि अगर जांच पड़ताल में किसी भी तरह की अराजकता शांति व्यवस्था या राष्ट्र के खिलाफ जैसी कोई भी गतिविधियां सामने आती हैं तो आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीजी ने यह भी साफ किया कि शांतिपूर्ण तरीके से लोकतंत्र में सभी को आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन स्थानीय बाहरी लोगों द्वारा किसी भी तरह की अशांति फैलाने वाली गतिविधि सामने आती है तो सभी जनपद पुलिस प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि आरोपित लोगों के खिलाफ जांच के मुताबिक धारा 144, 151, 153 और अन्य बड़ी धाराओं के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.