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कोरोना के शिकार हुए पुलिस ऑफिसर को दी गई श्रद्धांजलि, डीजीपी बोले- राजीव का बलिदान रहेगा याद

कोरोना के कारण एडिशनल एसपी राजीव मोहन की मौत 19 जनवरी को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में हो गई थी. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में राजीव को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन व्रत धारण कर उनके परिवार जनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई.

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Published : Jan 21, 2021, 7:38 PM IST

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एडिशनल एसपी राजीव मोहन दी गई श्रद्धांजलि

देहरादून: कोविड-19 के दौर में कोरोना वॉरियर्स बनकर लोगों की रक्षा करने वाले एडिशनल एसपी राजीव मोहन खुद इसके शिकार हो गए, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. आज पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजीव का बलिदान हमेशा याद रहेगा.

एडिशनल एसपी राजीव मोहन को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन व्रत धारण कर उनके परिवार जनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई. वहीं, कोरोना से जान गवाने वाले एएसपी राजीव मोहन के पुलिस में अभूतपूर्व योगदान और बलिदान को भी याद किया गया.

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डीजीपी बोले राजीव का बलिदान याद रहेगा

राजीव मोहन का जन्म 27 मई 1981 को अल्मोड़ा जिले के छोटे से गांव पुराना डांग में हुआ था. 7 अगस्त 2009 को वह पुलिस उपाध्यक्ष के पद पर तैनात हुए थे. 2009 से नवंबर 2013 तक वह पिथौरागढ़ में पुलिस उपाधीक्षक थे. मार्च 2016 से सितंबर 2016 तक वह हरिद्वार जनपद में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे. मार्च 2017 से जून 2017 तक वह सहायक सेनानायक आया भी प्रथम रामनगर में तैनात थे. जून 2017 से 1 जनवरी 2019 तक वह नैनीताल जिले में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे. 2 जनवरी 2019 को वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोशन पाकर एडिशनल एसपी बने और नैनीताल में तैनात थे.

ये भी पढ़ें: राज्य के पहले 'बालमित्र' थाने का सीएम करेंगे उद्घाटन

उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में एएसपी राजीव मोहन का बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा. फ्रंटलाइन वॉरियर्स बनकर जनता, स्वास्थ्य, सुरक्षा में उनके कठिन और अंकुर सेवाओं से पुलिस का मनोबल हमेशा ऊंचा रहेगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्तराखंड पुलिस के 2000 से अधिक कर्मचारी अधिकारी संक्रमित हुए. दुर्भाग्यपूर्ण 7 पुलिस कर्मचारियों की मौत दुखद विषय है. किसी राजपत्रित अधिकारी की कोविड-19 से हुई यह पहली मौत है.

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एडिशनल एसपी राजीव मोहन दी गई श्रद्धांजलि

बता दें कि नैनीताल में तैनात रहे एडिशनल एसपी राजीव मोहन 29 दिसंबर 2020 से कोविड-19 संक्रमण से ग्रसित हुए थे. शुरुआती दौर में उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी स्थिति अत्यधिक गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली मैक्स अस्पताल रेफर किया गया था. 21 दिन तक एक योद्धा की तरह लड़ते हुए 19 जनवरी 2021 को एएसपी राजीव मोहन ने उपचार के दौरान दिल्ली मैक्स में दम तोड़ दिया.

देहरादून: कोविड-19 के दौर में कोरोना वॉरियर्स बनकर लोगों की रक्षा करने वाले एडिशनल एसपी राजीव मोहन खुद इसके शिकार हो गए, जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई. आज पुलिस मुख्यालय में डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजीव का बलिदान हमेशा याद रहेगा.

एडिशनल एसपी राजीव मोहन को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. इस दौरान उनकी आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन व्रत धारण कर उनके परिवार जनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की गई. वहीं, कोरोना से जान गवाने वाले एएसपी राजीव मोहन के पुलिस में अभूतपूर्व योगदान और बलिदान को भी याद किया गया.

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डीजीपी बोले राजीव का बलिदान याद रहेगा

राजीव मोहन का जन्म 27 मई 1981 को अल्मोड़ा जिले के छोटे से गांव पुराना डांग में हुआ था. 7 अगस्त 2009 को वह पुलिस उपाध्यक्ष के पद पर तैनात हुए थे. 2009 से नवंबर 2013 तक वह पिथौरागढ़ में पुलिस उपाधीक्षक थे. मार्च 2016 से सितंबर 2016 तक वह हरिद्वार जनपद में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे. मार्च 2017 से जून 2017 तक वह सहायक सेनानायक आया भी प्रथम रामनगर में तैनात थे. जून 2017 से 1 जनवरी 2019 तक वह नैनीताल जिले में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे. 2 जनवरी 2019 को वह अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर प्रमोशन पाकर एडिशनल एसपी बने और नैनीताल में तैनात थे.

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उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में एएसपी राजीव मोहन का बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा. फ्रंटलाइन वॉरियर्स बनकर जनता, स्वास्थ्य, सुरक्षा में उनके कठिन और अंकुर सेवाओं से पुलिस का मनोबल हमेशा ऊंचा रहेगा. उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्तराखंड पुलिस के 2000 से अधिक कर्मचारी अधिकारी संक्रमित हुए. दुर्भाग्यपूर्ण 7 पुलिस कर्मचारियों की मौत दुखद विषय है. किसी राजपत्रित अधिकारी की कोविड-19 से हुई यह पहली मौत है.

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एडिशनल एसपी राजीव मोहन दी गई श्रद्धांजलि

बता दें कि नैनीताल में तैनात रहे एडिशनल एसपी राजीव मोहन 29 दिसंबर 2020 से कोविड-19 संक्रमण से ग्रसित हुए थे. शुरुआती दौर में उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी स्थिति अत्यधिक गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली मैक्स अस्पताल रेफर किया गया था. 21 दिन तक एक योद्धा की तरह लड़ते हुए 19 जनवरी 2021 को एएसपी राजीव मोहन ने उपचार के दौरान दिल्ली मैक्स में दम तोड़ दिया.

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