देहरादून: देशभर में महिलाओं के प्रति अपराध का ग्राफ एकाएक पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है. हाल ही में हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर से बर्बरतापूर्ण गैंगरेप और हत्या को लेकर जहां एक तरफ देशभर में गुस्सा उबल रहा है तो वहीं ये सवाल भी कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी इस देश में महिलाओं को ऐसी हैवानियत से कब छुटकारा मिलेगा. ऐसे ही कुछ सवालों को लेकर ईटीवी भारत की टीम उत्तराखंड के डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के पास पहुंची और देवभूमि में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई जानकारियां जुटाईं.
दरअसल, महिलाओं की सुरक्षा के प्रति पुलिस प्रशासन कितनी जिम्मेदारी से अपना काम पूरा करता है इसकी एक बानगी हैदराबाद शहर में ही देखने को मिलती है. यहां आईपीएस स्वाति लकड़ा के नेतृत्व में महिला सुरक्षा के लिये SHE टीम का गठन किया गया है. हैदराबाद शहर को देश में महिलाओं के लिये सबसे सुरक्षित शहर की कोशिश में स्वाति लकड़ा का बड़ा हाथ है. साल 2014 में शुरू हुई मुहिम SHE टीम अबतक 10 हजार से ज्यादा महिलाओं से संबंधित मामलों का निपटारा कर चुकी है. इस टीम का काम इतना चुस्त है कि शहर की लगभग हर लड़की किसी भी मुसीबत में सबसे पहले इस टीम को कॉल करती है और 5 मिनट के अंदर पेट्रोलिंग टीम घटनास्थल पर पहुंच जाती है.
इस टीम के काम को देखते हुये ईटीवी भारत की उत्तराखंड टीम की ओर से ये सवाल उठाया गया कि क्या उत्तराखंड में भी महिलाओं को लेकर ऐसी चुस्त-दुरुस्त कोई सर्विस है और अगर नहीं है तो क्या उत्तराखंड पुलिस हैदराबाद के इस मॉडल को अपना सकता है? इन्ही कुछ सवालों को लेकर ईटीवी भारत की टीम डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार के पास जवाब जानने पहुंची.
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हमारे सवाल पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि किसी नाम से नहीं लेकिन राज्य पुलिस की डायल 1090 नंबर महिला हेल्पलाइन जरूर है. जबकि डायल 100 नंबर की जगह अब राष्ट्रीय स्तर पर 112 हेल्पलाइन नंबर भी मौजूद है. हालांकि, अभी तक पहले से मौजूद 1090 महिला हेल्पलाइन नंबर को तकनीकी कारणों के चलते लिंक नहीं किया जा सका है. जानकारों के मुताबिक जल्द ही महिला अपराध से जुड़े 1090 डायल को भी 112 डायल से लिंक कर दिया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा समस्याओं का निस्तारण किया जा सके.
बता दें कि आने वाले दिनों में डायल 112 का मोबाइल ऐप भी लांच किया जाएगा, जिसमें एक बटन क्लिक करते ही हेल्पलाइन कंट्रोल रूम को मोबाइल धारक का मैसेज चला जाएगा. इतना ही नहीं मोबाइल धारक की लोकेशन भी कंट्रोल रूम को पता चलेगी. जिससे पुलिस तत्काल मदद के लिए घटनास्थल तक पहुंच सकेगी. गौर हो कि राजधानी दून के एसएसपी कार्यालय में 112 हेल्पलाइन का कंट्रोल रूम उपलब्ध है. जहां प्रतिदिन 200 कॉल आती हैं. जिनमें से लगभग 18 से 20 कॉल प्रतिदिन महिलाओं से संबंधित होती है.
मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि राज्यभर में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध की शिकायतों को लेकर तत्काल मुकदमा दर्ज कर निस्तारण के लिए सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं. साथ ही बताया कि प्रदेश के सभी थानों में महिला डेस्क बनाई गई है, जिसमें एक महिला सब इंस्पेक्टर और 4 महिला कांस्टेबल तैनात की गई हैं ताकि तत्काल महिलाओं की शिकायत पर कार्रवाई की जा सके.
वहीं, SHE टीम के काम करने के तरीके की तारीफ करते हुये अशोक कुमार ने बताया कि इस टीम का काम प्रेरणादायक है और वो जरूर इससे सीख लेंगे और उत्तराखंड पुलिस के काम में बेहतरी के लिये जो भी योगदान दिया जा सकेगा, वो किया जाएगा.