देहरादून: उत्तर प्रदेश की घटनाओं को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने तमाम अभियानों को शुरू कर अपराधियों की धरपकड़ तेज कर दी है. पुलिस महकमे की तरफ से इसके लिए अलग-अलग कई अभियान भी चलाये गए हैं. बड़ी बात ये है कि पुलिस महानिदेशक के निर्देशों के बाद जिला पुलिस ही नहीं बल्कि एसटीएफ ने भी टॉप प्रियोरिटी में बड़े अपराधियों पर फोकस किया है.
उत्तराखंड में इन दिनों एसटीएफ बड़े अपराधियों की धरपकड़ में जुटी हुई है. इस दौरान STF कई इनामी बदमाशों की भी गिरफ्तारी कर चुकी है. दरअसल, राज्य में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के उमेश पाल हत्याकांड और पंजाब में पंजाबी सिंगर मूसेवाला की हत्या के बाद अपराधियों के खिलाफ नकेल कसनी शुरू कर दी थी. इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि कई बार दूसरे राज्यों के कुख्यात अपराधी उत्तराखंड में शरण लेते हैं. लिहाजा पुलिस शिकंजा कसते हुए न केवल उत्तराखंड के शातिर अपराधियों की धरपकड़ कर रही थी, बल्कि इसके जरिए दूसरे राज्यों के संदिग्ध अपराधियों के उत्तराखंड में पहुंचने पर इसका भी पता लगा रही है.
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राज्य में अपराधियों पर दबाव बनाए रखने के लिए पुलिस दो तरफा दबाव बना रही है. पुलिस पहले से बड़े अपराधियों की सूची पर काम कर रही है तो वहीं एसटीएफ भी प्रदेश भर के अपराधियों को अलग से ढूंढ रही है. बता दें कि जिलों में पुलिस टॉप टेन अपराधियों पर शिकंजा कसने के साथ उन पर निगरानी रख रही है तो वहीं एसटीएफ को राज्य भर के 50 कुख्यात अपराधियों को खोज निकालने की जिम्मेदारी दी गई है. ताजा अपडेट ये है कि एसटीएफ की तरफ से कई इनामी बदमाशों को पकड़ा जा चुका है तो वहीं कई ऐसे भी हैं जिनकी खोज भी लगातार जारी है और उनसे जुड़े संदिग्ध लोगों को भी ट्रेस किया जा रहा है.
इसको लेकर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि एसटीएफ को अलग से जिम्मेदारी दी गई थी. जिसमें उनके द्वारा 50 कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार करने के साथ उन पर निगरानी रखने के लिए भी कहा गया है. दिए गए निर्देशों के क्रम में अब तक हजारों के इनामी बदमाशों को दबोचने में एसटीएफ कामयाब रही है और अभी लगातार तैयार की गई सूची के अनुसार अपराधियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.