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ग्रेड-पे मामला: PHQ ने तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया, परिजनों ने बताया तानाशाही

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने ग्रेड-पे मामले में तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इन पुलिसकर्मियों के नाम कुलदीप भंडारी, दिनेश चंद्र और हरेंद्र रावत है. इन तमाम पुलिसकर्मियों के परिवार के लोग बीते दिन प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए थे. वहीं, परिजनों ने इस कार्रवाई को तानाशाही बताते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही है.

Uttarakhand Police Headquarters
उत्तराखंड
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Published : Aug 2, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Aug 2, 2022, 1:10 PM IST

देहरादून: बीते रोज राजधानी देहरादून में पुलिस ग्रेड-पे को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मियों के परिजन शामिल हुए थे. लंबे समय से उत्तराखंड में पुलिस ग्रेड-पे मामले को लेकर अंदरखाने पुलिस के जवान भी आंदोलनरत हैं, लेकिन अब पुलिस मुख्यालय ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए तीन पुलिसकर्मियों को पुलिस आचार संहिता नियमावली तोड़ने का दोषी पाए जाने पर सस्पेंड (three policemen suspended) कर दिया है.

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने आंतरिक जांच में ये पाया कि ये पुलिसकर्मी कहीं ना कहीं इस पूरे मामले से जुड़े दिखाई दे रहे थे. इन पुलिसकर्मियों में एक पुलिसकर्मी चमोली जिले से है, दूसरा उत्तरकाशी और तीसरे पुलिसकर्मी की पहचान देहरादून पुलिस मुख्यालय में तैनात कर्मी के रूप में हुई है. इन पुलिसकर्मियों के नाम कुलदीप भंडारी, दिनेश चंद्र और हरेंद्र रावत हैं. इन तमाम पुलिसकर्मियों के परिवार के लोग सोमवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए थे. वहीं, पुलिसकर्मियों के निलंबन को परिजनों ने तानाशाही बताते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
पढ़ें- टिहरी ट्रेजरी घोटाले में एक और गिरफ्तारी, दिल्ली IGI एयरपोर्ट से नैना शर्मा गिरफ्तार

वहीं, इस एक्शन को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि, पुलिस एक अनुशासित बल है और इस तरह की अनुशासनहीनता स्वीकार्य नहीं है. पुलिस नियमावली के आचरण के विरुद्ध कार्य हुआ है. डीजीपी ने पुलिसजन और उनके परिजनों से संयम बनाने की अपील की है और कहा है कि उनकी मांगों को शासन को भेजा गया है, लेकिन अपनी मांगों को लेकर किसी भी तरह की अनुशासनहीनता न करें, क्योंकि ऐसा बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

गौर हो कि, साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले पुलिसकर्मियों के परिजन ग्रेड-पे को लेकर खुलकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. पूरे प्रदेश में भाजपा को वोट न करने की अपील कर रहे थे. उसके बावजूद भी सरकार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ गई. अब देखना होगा कि पुलिसकर्मियों पर हुई इस कार्रवाई के बाद इस आंदोलन को क्या दिशा मिलती है. पुलिसकर्मियों का आगे का आंदोलन किस तरह से चलता है या फिर सरकार अपने स्तर पर हस्तक्षेप करके इस पूरे मामले को शांत करेगी.

देहरादून: बीते रोज राजधानी देहरादून में पुलिस ग्रेड-पे को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी, जिसमें कई पुलिसकर्मियों के परिजन शामिल हुए थे. लंबे समय से उत्तराखंड में पुलिस ग्रेड-पे मामले को लेकर अंदरखाने पुलिस के जवान भी आंदोलनरत हैं, लेकिन अब पुलिस मुख्यालय ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए तीन पुलिसकर्मियों को पुलिस आचार संहिता नियमावली तोड़ने का दोषी पाए जाने पर सस्पेंड (three policemen suspended) कर दिया है.

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने आंतरिक जांच में ये पाया कि ये पुलिसकर्मी कहीं ना कहीं इस पूरे मामले से जुड़े दिखाई दे रहे थे. इन पुलिसकर्मियों में एक पुलिसकर्मी चमोली जिले से है, दूसरा उत्तरकाशी और तीसरे पुलिसकर्मी की पहचान देहरादून पुलिस मुख्यालय में तैनात कर्मी के रूप में हुई है. इन पुलिसकर्मियों के नाम कुलदीप भंडारी, दिनेश चंद्र और हरेंद्र रावत हैं. इन तमाम पुलिसकर्मियों के परिवार के लोग सोमवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में शामिल हुए थे. वहीं, पुलिसकर्मियों के निलंबन को परिजनों ने तानाशाही बताते हुए आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
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वहीं, इस एक्शन को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि, पुलिस एक अनुशासित बल है और इस तरह की अनुशासनहीनता स्वीकार्य नहीं है. पुलिस नियमावली के आचरण के विरुद्ध कार्य हुआ है. डीजीपी ने पुलिसजन और उनके परिजनों से संयम बनाने की अपील की है और कहा है कि उनकी मांगों को शासन को भेजा गया है, लेकिन अपनी मांगों को लेकर किसी भी तरह की अनुशासनहीनता न करें, क्योंकि ऐसा बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

गौर हो कि, साल 2022 विधानसभा चुनाव से पहले पुलिसकर्मियों के परिजन ग्रेड-पे को लेकर खुलकर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए थे. पूरे प्रदेश में भाजपा को वोट न करने की अपील कर रहे थे. उसके बावजूद भी सरकार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आ गई. अब देखना होगा कि पुलिसकर्मियों पर हुई इस कार्रवाई के बाद इस आंदोलन को क्या दिशा मिलती है. पुलिसकर्मियों का आगे का आंदोलन किस तरह से चलता है या फिर सरकार अपने स्तर पर हस्तक्षेप करके इस पूरे मामले को शांत करेगी.

Last Updated : Aug 2, 2022, 1:10 PM IST
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