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उत्तराखंड: हाई एल्टीट्यूड में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर, केंद्रीय बलों की तर्ज पर मिलेंगी सुविधाएं

उत्तराखंड पुलिस में हाई एल्टीट्यूड इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों की वेतन विसंगति में सुधार किया जाएगा. उन्हें केंद्रीय बलों की तर्ज सुविधाएं देने के कवायद तेज हो गई है.

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हाईएल्टीट्यूड इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर
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Published : Oct 17, 2020, 6:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को अब जल्द ही केंद्रीय सुरक्षा बलों की तर्ज पर हाई एल्टीट्यूड वेतन-भत्ता व सुविधा मिलने जा रही है. इस मामले में गढ़वाल रेंज द्वारा चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के एसपी से आईटीबीपी और सेना के तुलनात्मक (चार्ट) वेतन-भत्ता और सुविधाओं वाली जानकारी मांगी गई है. ताकि उसी के तर्ज पर दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रों में तैनात पुलिस कर्मियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जा सके. इस मामले में गढ़वाल रेंज स्तर पर संबंधित पर्वतीय जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के सहयोग से एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा.

हाईएल्टीट्यूड इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर


वर्तमान समय में हाई एल्टीट्यूड पुलिसकर्मियों को प्रतिदिन ₹200 भत्ता मिलता है

बता दें कि उत्तराखंड में 5 हजार से 9 हजार फीट से भी अधिक ऊंचाई वाले कई दुर्गम पर्वतीय इलाकों में सेना और आईटीबीपी की तर्ज पर राज्य की पुलिस भी तैनात हैं. चारों और बर्फीले पहाड़ और प्राकृतिक आपदाओं में अपनी जान जोखिम उठाकर SDRF फोर्स सहित सिविल पुलिस भी तत्परता से ड्यूटी निभाती है. बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम सहित चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जैसे तमाम दुर्गम इलाकों में 365 दिन पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. ऐसे में फिलहाल हाई एल्टीट्यूड में तैनात इन पुलिसकर्मियों को मात्र ₹200 प्रतिदिन के हिसाब से ही अलग से भत्ता मुहैया कराया जाता है.

पढ़ें- जल्द विधानसभा में फहराया जाएगा 101 फीट ऊंचा तिरंगा, तैयारियां पूरी

सेना की तर्ज पर मिलेगी सुविधाएं: आईजी

इस मामले में आईजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार का मानना है कि साल के 365 दिन 5 हजार से 9 हजार और उससे अधिक ऊंचाई वाले दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में जिस तरह से पुलिसकर्मी केंद्रीय बलों की तरह तैनात रहकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, वह काफी कठिन है. उसे देखते हुए उनकी वेतन विसंगतियों और अन्य सुविधाओं को दूर करना आवश्यक है.

पढ़ें- प्रवासियों को लेकर पलायन आयोग ने दी रिपोर्ट, 65% नहीं छोड़ना चाहते देवभूमि

इसी क्रम में रुद्रप्रयाग चमोली जैसे जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओर से आइटीबीपी और सेना के जवानों के तुलनात्मक हाई एल्टीट्यूड वेतन भत्ते और सुविधाओं वाली सूची मांगी गई है, ताकि हाई एल्टीट्यूड में तैनात रहने वाले केंद्रीय सुरक्षा बलों की तर्ज पर मिलने वाली आवश्यक सुविधाओं के संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय और शासन को भेजा जा सके. आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड के ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में तैनात रहने वाले पुलिस वालों को भी केंद्रीय बलों की तर्ज पर वेतन भत्ता व अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

देहरादून: उत्तराखंड के ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों को अब जल्द ही केंद्रीय सुरक्षा बलों की तर्ज पर हाई एल्टीट्यूड वेतन-भत्ता व सुविधा मिलने जा रही है. इस मामले में गढ़वाल रेंज द्वारा चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के एसपी से आईटीबीपी और सेना के तुलनात्मक (चार्ट) वेतन-भत्ता और सुविधाओं वाली जानकारी मांगी गई है. ताकि उसी के तर्ज पर दुर्गम व अति दुर्गम क्षेत्रों में तैनात पुलिस कर्मियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जा सके. इस मामले में गढ़वाल रेंज स्तर पर संबंधित पर्वतीय जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के सहयोग से एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा.

हाईएल्टीट्यूड इलाकों में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए अच्छी खबर


वर्तमान समय में हाई एल्टीट्यूड पुलिसकर्मियों को प्रतिदिन ₹200 भत्ता मिलता है

बता दें कि उत्तराखंड में 5 हजार से 9 हजार फीट से भी अधिक ऊंचाई वाले कई दुर्गम पर्वतीय इलाकों में सेना और आईटीबीपी की तर्ज पर राज्य की पुलिस भी तैनात हैं. चारों और बर्फीले पहाड़ और प्राकृतिक आपदाओं में अपनी जान जोखिम उठाकर SDRF फोर्स सहित सिविल पुलिस भी तत्परता से ड्यूटी निभाती है. बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम सहित चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जैसे तमाम दुर्गम इलाकों में 365 दिन पुलिस के जवान तैनात रहते हैं. ऐसे में फिलहाल हाई एल्टीट्यूड में तैनात इन पुलिसकर्मियों को मात्र ₹200 प्रतिदिन के हिसाब से ही अलग से भत्ता मुहैया कराया जाता है.

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सेना की तर्ज पर मिलेगी सुविधाएं: आईजी

इस मामले में आईजी गढ़वाल रेंज अभिनव कुमार का मानना है कि साल के 365 दिन 5 हजार से 9 हजार और उससे अधिक ऊंचाई वाले दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में जिस तरह से पुलिसकर्मी केंद्रीय बलों की तरह तैनात रहकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, वह काफी कठिन है. उसे देखते हुए उनकी वेतन विसंगतियों और अन्य सुविधाओं को दूर करना आवश्यक है.

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इसी क्रम में रुद्रप्रयाग चमोली जैसे जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ओर से आइटीबीपी और सेना के जवानों के तुलनात्मक हाई एल्टीट्यूड वेतन भत्ते और सुविधाओं वाली सूची मांगी गई है, ताकि हाई एल्टीट्यूड में तैनात रहने वाले केंद्रीय सुरक्षा बलों की तर्ज पर मिलने वाली आवश्यक सुविधाओं के संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर पुलिस मुख्यालय और शासन को भेजा जा सके. आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड के ऊंचाई वाले दुर्गम इलाकों में तैनात रहने वाले पुलिस वालों को भी केंद्रीय बलों की तर्ज पर वेतन भत्ता व अन्य सुविधाएं मिल सकेंगी.

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