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उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ में रोष, जानिए वजह - education policy in uttarakhand

आरोप है कि विभाग लगभग पिछले 12 सालों के समायोजित शिक्षकों का आंकड़ा नहीं जुटा सका है. जिसकी वजह से आज तक कई शिक्षकों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पाया है.

उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ
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Published : Oct 19, 2021, 6:40 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ ने एक बार फिर शिक्षा विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली पर रोष जाहिर किया है. दरअसल, हाल ही में शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारियों से समायोजित शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है. जिस पर संघ की ओर से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

संघ का सीधे तौर पर शिक्षा विभाग पर आरोप है कि विभाग लगभग पिछले 12 सालों के समायोजित शिक्षकों का आंकड़ा नहीं जुटा सका है. जिसकी वजह से आज तक कई शिक्षकों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पाया है. करीब 12 साल पहले भी बेसिक से एलटी में 7000 से ज्यादा शिक्षकों को समायोजित किया गया था लेकिन अब तक इन शिक्षकों के चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ बेसिक की सेवाओं में नहीं जोड़ा गया है. जिसकी वजह से आज तक समायोजित शिक्षक विभाग और राज्य सरकार से चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ पूर्व की सेवाओं को जोड़कर देने की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- नैनी झील का बढ़ा जलस्तर, नैना देवी मंदिर में घुसा पानी, देखें वीडियो

हालांकि, जिन समायोजित शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी उन शिक्षकों को विभाग चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दे रहा है लेकिन अभी भी हजारों समायोजित शिक्षक चयन प्रोन्नत वेतनमान के इंतजार में हैं. जबकि कोर्ट सभी समायोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ देने के आदेश दे चुका है. जबकि, विभाग और राज्य सरकार कोर्ट के आदेशों की भी अवेलना कर रही है. इस स्थिति में शिक्षकों के पास आंदोलन के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.

देहरादून: उत्तराखंड अधिकारी कार्मिक शिक्षक महासंघ ने एक बार फिर शिक्षा विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली पर रोष जाहिर किया है. दरअसल, हाल ही में शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारियों से समायोजित शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है. जिस पर संघ की ओर से कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

संघ का सीधे तौर पर शिक्षा विभाग पर आरोप है कि विभाग लगभग पिछले 12 सालों के समायोजित शिक्षकों का आंकड़ा नहीं जुटा सका है. जिसकी वजह से आज तक कई शिक्षकों को उनका वाजिब हक नहीं मिल पाया है. करीब 12 साल पहले भी बेसिक से एलटी में 7000 से ज्यादा शिक्षकों को समायोजित किया गया था लेकिन अब तक इन शिक्षकों के चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ बेसिक की सेवाओं में नहीं जोड़ा गया है. जिसकी वजह से आज तक समायोजित शिक्षक विभाग और राज्य सरकार से चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ पूर्व की सेवाओं को जोड़कर देने की मांग कर रहे हैं.

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हालांकि, जिन समायोजित शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका दायर की थी उन शिक्षकों को विभाग चयन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ दे रहा है लेकिन अभी भी हजारों समायोजित शिक्षक चयन प्रोन्नत वेतनमान के इंतजार में हैं. जबकि कोर्ट सभी समायोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ देने के आदेश दे चुका है. जबकि, विभाग और राज्य सरकार कोर्ट के आदेशों की भी अवेलना कर रही है. इस स्थिति में शिक्षकों के पास आंदोलन के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.

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