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मेट्रो प्रोजेक्ट पर सरकार ने खड़े किये हाथ, अब CM त्रिवेंद्र ने रोप-वे का अलापा राग

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Published : Jul 3, 2019, 9:06 PM IST

विदेशों में मेट्रो रेल की जानकारियों लेने के लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के तमाम अधिकारियों ने जर्मनी का दौरा किया था. लेकिन अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रदेश में भूमि की कमी का हवाला देते हुए मेट्रो रेल परियोजना पर असहमति जाता दी है.

मेट्रो प्रोजेक्ट रहा नाकाम

देहरादून: उत्तराखंड में मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर पर शासन ने असहमति जता दी है. यह परियोजना प्रदेश में पूरी तरह फेल हो गयी है. जिसके बाद अब शासन ने प्रदेश के भीतर रोप-वे आधारित केबल कार चलाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रदेश में भूमि की कमी का हवाला देते हुए मेट्रो रेल परियोजना पर असहमति जताई है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

बता दें कि उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का गठन साल 2017 में किया गया था. परियोजना गठन की शुरुआत से ही परियोजना अधर में लटकी हुई है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मेट्रो रेल परियोजना का डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा था, लेकिन शासन ने मेट्रो रेल पर ही असहमति जता दी है.

पढे़ं- दिल्ली में खुलेगा बदरी-केदार टिकट काउंटर, सस्ते दामों पर यहां मिलेगी BKTC की धर्मशाला

विदेशों में मेट्रो रेल की जानकारियों लेने के लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के तमाम अधिकारियों ने जर्मनी का दौरा किया था. जिसके बाद अगस्त 2018 में उत्तराखंड राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में चार विधायक और उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन के 13 अफसरों ने लंदन और जर्मनी का दौरा किया था.

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में भूमि की कमी है. शहरों में भूमि मिलने की समस्या है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक पर्यटन प्रदेश है, जहां देश और दुनिया से पर्यटक आते हैं. इस लिहाज से राज्य की खूबसूरती बरकरार रखना भी जरूरी है, जिस पर सरकार जल्द निर्णय लेगी.

देहरादून: उत्तराखंड में मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर पर शासन ने असहमति जता दी है. यह परियोजना प्रदेश में पूरी तरह फेल हो गयी है. जिसके बाद अब शासन ने प्रदेश के भीतर रोप-वे आधारित केबल कार चलाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रदेश में भूमि की कमी का हवाला देते हुए मेट्रो रेल परियोजना पर असहमति जताई है.

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

बता दें कि उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का गठन साल 2017 में किया गया था. परियोजना गठन की शुरुआत से ही परियोजना अधर में लटकी हुई है. उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मेट्रो रेल परियोजना का डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा था, लेकिन शासन ने मेट्रो रेल पर ही असहमति जता दी है.

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विदेशों में मेट्रो रेल की जानकारियों लेने के लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के तमाम अधिकारियों ने जर्मनी का दौरा किया था. जिसके बाद अगस्त 2018 में उत्तराखंड राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में चार विधायक और उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन के 13 अफसरों ने लंदन और जर्मनी का दौरा किया था.

वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में भूमि की कमी है. शहरों में भूमि मिलने की समस्या है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक पर्यटन प्रदेश है, जहां देश और दुनिया से पर्यटक आते हैं. इस लिहाज से राज्य की खूबसूरती बरकरार रखना भी जरूरी है, जिस पर सरकार जल्द निर्णय लेगी.

Intro:उत्तराखंड राज्य में मेट्रो रेल परियोजना की डीपीआर पर शासन ने असहमति जाता दी है साथ ही यह परियोजना प्रदेश में पूरी तरह फेल हो गयी है। लिहाज शासन ने प्रदेश के भीतर रोपवे आधारित केवल कार चलाने की सहमति दी है। और मौजूद समय मे शासन देहरादून से मसूरी रोपवे पर काम कर रही है। तो वही मुख्यमंत्री ने प्रदेश में भूमि की उपलब्धता के कमी का हवाला देते हुए मेट्रो रेल परियोजना पर असहमति जाता दी है। 


Body:गौर हो कि उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का गठन साल 2017 में किया गया था और जब से इस परियोजना का गठन किया गया है तब से ही परियोजना अधर में लटकी हुई है। और बमुश्किल उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मेट्रो रेल परियोजना का किसी तरह से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा था लेकिन शासन ने मेट्रो रेल पर ही असहमति जता दी है।


मेट्रो रेल परियोजना के लिए अधिकारी और मंत्री गए थे विदेश....

विदेशों में मेट्रो रेल की स्थिति और तमाम जानकारियों को जानने के लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के तमाम अधिकारी अधिकारियों ने जर्मनी का दौरा किया था इसके बाद अगस्त 2018 में उत्तराखंड राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में चार विधायक स्वशासन आला अधिकारियों सहित उत्तराखंड मेट्रो कॉरपोरेशन के 13 अफसरों ने लंदन और जर्मनी का दौरा किया था।


वही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड राज्य, पर्यटन प्रदेश है, लेकिन यहां पर कुछ दिक्कतें हैं क्योंकि प्रदेश में भूमि की उपलब्धता की कमी है, और जो शहर है वहा भूमि की बहुत कमी है। इसलिए सबको निर्णय लेना है, कि उत्तराखंड राज्य की जो खूबसूरती है जिसके लिए देश दुनिया से लोग प्रदेश में घूमने आते हैं उनको दिक्कत ना हो और यहां की खूबसूरती भी बरकरार रहे इस पर सरकार निर्णय लेगी। 

बाइट - त्रिवेंद्र सिंह रावत, सीएम


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