मसूरीः जॉर्ज एवरेस्ट में प्रवेश और पार्किंग के नाम पर शुल्क लेने का मामला तूल पकड़ने लगा है. मामले को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल मुखर हो गया है. आज यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने जॉर्ज एवरेस्ट के मुख्य द्वार पर सांकेतिक धरना दिया और कथित वसूली का जमकर विरोध किया. उन्होंने 'जॉर्ज एवरेस्ट बचाओ' के बैनर तले बीजेपी सरकार पर भू माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया और जमकर नारेबाजी की.
यूकेडी के पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड का निर्माण जल-जंगल-जमीन को लेकर किया गया था, लेकिन सरकार भू माफिया को संरक्षण देकर स्थानीय लोगों को बेरोजगार करने में लगी है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनका कहना है कि जॉर्ज एवरेस्ट संचालन करने को लेकर सरकार की ओर से करीब 25 करोड़ रुपए खर्च कर एक प्राइवेट कंपनी को ठेके पर दे दिया गया है. उनका आरोप है कि संबंधित कंपनी, स्थानीय लोगों का उत्पीड़न कर रही है. साथ ही जॉर्ज एवरेस्ट के आस पास रहने वाले लोगों के संपर्क मार्ग तक बंद कर दिए हैं.
वहीं, जॉर्ज एवरेस्ट के चारों ओर तार के जाल लगा दिए गए हैं, जिससे जॉर्ज एवरेस्ट के आस पास रोजगार करने वालों पर रोजी रोटी का संकट मंडराने लगा है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि धामी सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, लेकिन मसूरी में भू माफियाओं को संरक्षण देकर रोजगार छीनने का काम किया जा रहा है, जो उत्तराखंड क्रांति दल किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा. जॉर्ज एवरेस्ट के आस पास की जमीन पर भू माफिया कुंडली मारकर बैठे हैं, लेकिन सरकार आंख बंद करके बैठी हुई है.
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यूकेडी मसूरी विधायक गणेश जोशी पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना था कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है, केवल मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मामले में इतिश्री कर दी गई है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य बाहरी लोगों और भू माफियाओं के लिए नहीं बनाया गया है, यहां के मूल निवासियों के लिए बनाया गया है. यह राज्य मूल निवासियों का है और इस पर हक भी यहां के मूल निवासियों का ही होगा.
उनका कहना था कि जॉर्ज एवरेस्ट में स्थानीय लोगों और पर्यटकों से प्रवेश शुल्क के नाम पर ₹200 लिए जा रहे हैं तो वहीं पार्किंग के नाम पर हजार रुपए वसूले जा रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए जॉर्ज एवरेस्ट पर आगमन निशुल्क किया जाए. इसके अलावा स्थानीय लोगों का रोजगार भी प्रभावित न हो, इसके लिए कोई भी ठोस पहल करनी होगी.
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