देहरादून: कांग्रेस की दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया है. उत्तरप्रदेश से अपनी राजनीतिक सफर शुरू करने वाली नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को उत्तराखंड राजनीति में 'आयरन लेडी' के नाम से जाना जाता था. मिली जानकारी के अनुसार इंदिरा राजनीतिक बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंची थीं. वहीं उत्तराखंड सदन में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई.
हालांकि उत्तराखंड राज्य में राज्य गठन के बाद से यह छटा ऐसा मामला है जब किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा की सीट खाली हुई है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन से उत्तराखंड राजनीति को एक बड़ा झटका लगा है क्योंकि मुख्य रूप से देखें तो उत्तराखंड की राजनीति में इंदिरा हृदयेश एक जाना माना राजनीतिज्ञ थी. वही, इनके निधन के बाद उत्तराखंड कांग्रेस को गहरा सदमा लगा है. वर्तमान समय में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ही वो दो चेहरे थे, जिनके बलबूते चुनाव लड़ा जा रहा था. इंदिरा हृदयेश के होने से कांग्रेस मजबूत दिखाई दे रही थी. लेकिन अब इंदिरा ह्रदयेश की मौत के बाद कांग्रेस का एक पिलर टूट सा गया है.
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बता दें कि, उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा सीट खाली होने का यह छटा मामला है.
यह है डाटा..
1- साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई द्वाराहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे.
2- साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे.
3- साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई थराली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे.
4- साल 2019 में वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ था.
5- साल 2020 में सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद इसी साल उपचुनाव हुआ है.
6- साल 2021 में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद हल्द्वानी विधानसभा सीट खाली हो गई है.