देहरादून: भ्रष्टाचार के मामले में फंसे उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक हरविंदर बवेजा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. आज 26 अक्टूबर को इस मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व निदेशक हरविंदर बवेजा के खिलाफ सीबीआई (सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) जांच के आदेश दिए है.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई इसी महीने अक्टूबर में पूरी हो गई थी. ऐसे में कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मामले की सीबीआई से ही जांच करवाई जाए. दरअसल, हरविंदर बवेजा पर वितरण के लिए खरीदे गए कीवी के पौधे की कीमतों में बढ़ोत्तरी समेत अन्य मामलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, जिसक चलते उत्तराखंड सरकार ने उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक हरविंदर बवेजा को निलंबित भी कर दिया था.
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भ्रष्टाचार के मामले में फंसे उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक हरविंदर बवेजा के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने दिया. खंडपीठ ने सीबीआई को जल्द से जल्द 3 महीने के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है.
साथ ही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हरविंदर बवेजा के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े जो भी दस्तावेज और सबूत राज्य सरकार की जांच एजेंसी के पास उन्हें सीबीआई को हेडओवर किया जाए.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल इस मामले को लेकर दीपक करगेती ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने उद्यान विभाग में लाखों रुपए के घोटाले के आरोप लगाय था. आरोप है कि उद्यान विभाग में फल और अन्य प्रजातियों के पौधारोपण में गड़बड़ियां की गई है.
याचिकाकर्ता का आरोप है कि उद्यान विभाग ने एक ही दिन में वर्कऑर्डर जारी कर उसी दिन जम्मू और कश्मीर से कीवी के पेड़ लाना दिखाया गया, जिसकी पेमेंट भी कर दी गई है, जो किसी भी कीमत पर संभव नहीं है. ऐसे करके उद्यान विभाग ने बड़ा घपला किया है. याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई या अन्य निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की थी.