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देहरादून के कई अस्पतालों में लग सकता है 'ताला'! जानिए क्या है पूरा मामला

देहरादून के कई क्लीनिक और अस्पतालों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई हो सकती है. दरअसल, इन संस्थानों ने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रिन्यूअल नहीं कराया है. इसके अलावा उन्होंने कोरोनाकाल में संस्थान बंद होने का हवाला देते हुए रिन्यूअल में छूट देने की मांग की थी. जबकि, जांच में ऐसे कोई अभिलेख नहीं मिले. अब जुर्माना न भरने पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है.

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चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
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Published : Aug 4, 2023, 8:07 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने 247 क्लीनिक और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है. बताया जा रहा है कि इन क्लीनिक और अस्पतालों ने बीते लंबे समय से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रिन्यूअल नहीं कराया है. ऐसे में इन अस्पतालों में सीलिंग की कार्रवाई की जा सकती है. इससे पहले देहरादून डीएम सोनिका सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि तमाम ऐसे संस्थानों को नोटिस भेजा जाए.

देहरादून के कई अस्पतालों और क्लीनिक संचालकों ने जिला प्रशासन से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत एक मांग रखी थी. जिसमें उनका कहना था कि कोरोनाकाल में ज्यादातर प्रतिष्ठान बंद रहे. लिहाजा, उन्हें रिन्यूअल में छूट दी जाए. इसके बाद देहरादून सीएमओ और जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई. जिसमें डीएम सोनिका सिंह ने पाया कि इस तरह के कोई भी अभिलेख नहीं है, जिसमें यह कहा जा सके कि अगर प्रतिष्ठान महामारी के दौरान बंद हुए हैं तो उनको जुर्माने में छूट दी जाएगी.

ऐसे में इन सभी 247 अस्पताल और क्लीनिकों को जल्द से जल्द अपना रिन्यूअल करवाने को कहा जा रहा था, लेकिन अभी भी 200 से ज्यादा संस्थाओं ने रिन्यूअल नहीं करवाया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं. उधर, क्लीनिक संचालकों का आरोप है कि इसमें गलती देहरादून सीएमओ की है. जबकि, सीएमओ संजय जैन ने साफ कर दिया है कि छूट से संबंधी नियमों को स्वास्थ्य समिति के बीच रखी गई थी, लेकिन कोई निर्णय और कोई अभिलेख न होने की वजह से जुर्माना लगाया जा रहा है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में आई फ्लू के मरीजों में इजाफा, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, बरतें ये सावधानी

देहरादून सीएमओ संजय जैन के मुताबिक, जिन क्लीनिकों और अस्पतालों ने रिन्यूअल नहीं कराया है, उनके खिलाफ आदेशित किया गया है कि 100 रुपए प्रतिदिन जुर्माने का जो प्रावधान है, उसे तत्काल प्रभाव से जमा करवा दें. ऐसा नहीं करने पर आने वाले समय में दिक्कतें हो सकती हैं. उनका कहना है कि साल 2020 से 2022 तक कई संस्थानों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद दिखाकर छूट की मांग की थी.

बता दें कि देहरादून में 1802 मेडिकल संस्थान पंजीकृत हैं. जिसमें 206 सरकारी, 278 आयुष्मान, 75 होम्योपैथिक, 148 रेडियोलॉजी, 307 डेंटल, 248 बैडेड अस्पताल और 263 एलोपैथिक संस्थान हैं. हालांकि, साल 2006 से अब तक 277 बंद भी हो चुके हैं. देहरादून के एसीएमओ दिनेश चौहान के मुताबिक, अगर ये सभी संस्थान समय से भुगतान नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी.

देहरादूनः उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने 247 क्लीनिक और अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है. बताया जा रहा है कि इन क्लीनिक और अस्पतालों ने बीते लंबे समय से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत रिन्यूअल नहीं कराया है. ऐसे में इन अस्पतालों में सीलिंग की कार्रवाई की जा सकती है. इससे पहले देहरादून डीएम सोनिका सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है कि तमाम ऐसे संस्थानों को नोटिस भेजा जाए.

देहरादून के कई अस्पतालों और क्लीनिक संचालकों ने जिला प्रशासन से क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत एक मांग रखी थी. जिसमें उनका कहना था कि कोरोनाकाल में ज्यादातर प्रतिष्ठान बंद रहे. लिहाजा, उन्हें रिन्यूअल में छूट दी जाए. इसके बाद देहरादून सीएमओ और जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई. जिसमें डीएम सोनिका सिंह ने पाया कि इस तरह के कोई भी अभिलेख नहीं है, जिसमें यह कहा जा सके कि अगर प्रतिष्ठान महामारी के दौरान बंद हुए हैं तो उनको जुर्माने में छूट दी जाएगी.

ऐसे में इन सभी 247 अस्पताल और क्लीनिकों को जल्द से जल्द अपना रिन्यूअल करवाने को कहा जा रहा था, लेकिन अभी भी 200 से ज्यादा संस्थाओं ने रिन्यूअल नहीं करवाया है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं. उधर, क्लीनिक संचालकों का आरोप है कि इसमें गलती देहरादून सीएमओ की है. जबकि, सीएमओ संजय जैन ने साफ कर दिया है कि छूट से संबंधी नियमों को स्वास्थ्य समिति के बीच रखी गई थी, लेकिन कोई निर्णय और कोई अभिलेख न होने की वजह से जुर्माना लगाया जा रहा है.
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देहरादून सीएमओ संजय जैन के मुताबिक, जिन क्लीनिकों और अस्पतालों ने रिन्यूअल नहीं कराया है, उनके खिलाफ आदेशित किया गया है कि 100 रुपए प्रतिदिन जुर्माने का जो प्रावधान है, उसे तत्काल प्रभाव से जमा करवा दें. ऐसा नहीं करने पर आने वाले समय में दिक्कतें हो सकती हैं. उनका कहना है कि साल 2020 से 2022 तक कई संस्थानों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद दिखाकर छूट की मांग की थी.

बता दें कि देहरादून में 1802 मेडिकल संस्थान पंजीकृत हैं. जिसमें 206 सरकारी, 278 आयुष्मान, 75 होम्योपैथिक, 148 रेडियोलॉजी, 307 डेंटल, 248 बैडेड अस्पताल और 263 एलोपैथिक संस्थान हैं. हालांकि, साल 2006 से अब तक 277 बंद भी हो चुके हैं. देहरादून के एसीएमओ दिनेश चौहान के मुताबिक, अगर ये सभी संस्थान समय से भुगतान नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी.

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