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सरकार ने कोविड टेस्ट बढ़ाने का लिया फैसला, टेस्टिंग मशीन खरीदने के लिए जारी किए 11.25 करोड़ रुपए

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Published : Jun 19, 2020, 7:35 PM IST

उत्तराखंड में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या बढ़ाने को लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. इसके तहत राज्य सरकार ने नई टेस्टिंग मशीन खरीदने के लिए धनराशि स्वीकृत की है.

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हाईटेक कोरोना टेस्टिंग मशीन

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के लिये दून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिये 3 हाईटेक टेस्टिंग मशीन खरीने के लिए ₹11.25 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. यह धनराशि राज्य आपदा मोचन निधि से स्वीकृत की गई है. क्रय की जाने वाली इन हाईटेक मशीनों की टेस्टिंग क्षमता 800 प्रति दिन है. इस प्रकार इससे 2400 टेस्टिंग प्रतिदिन हो सकेगी. अभी तक इन मेडिकल कालेजों में स्थापित मशीनों की टेस्टिंग क्षमता कम थी.

इसके अतिरिक्त प्रदेश से 50 से 100 सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ की इम्पैक्ट लैब भेजे जा रहे हैं, जबकि नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब में हरिद्वार से 300, उधमसिंह नगर से 300 और नैनीताल से 100 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. जबकि लगभग 50 टेस्ट आईआईपी की टेस्टिंग लेब में किए जा रहे हैं.

पढ़ें- गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों ने गंगा पूजा कर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

जनपद स्तर पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 7 स्थानों पर टू नॉट मशीन स्थापित की गई है. इनमें से चार ने कार्य आरंभ कर दिया है, जबकि 11 मशीनों की और व्यवस्था की जा रही है. उधर, राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रामनगर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण का कार्य पीपीपी मोड पर संचालित होने से इन चिकित्सालयों में कार्यरत 17 चिकित्सक राज्य को मिल गये हैं. इसमें 7 विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल हैं. इन चिकित्सकों की तैनाती उन अस्पतालों में की जाएगी, जहां चिकित्सकों की कमी है. ये दोनों चिकित्सालय विश्व बैंक परियोजना के तहत पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे हैं.

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के लिये दून, हल्द्वानी व श्रीनगर मेडिकल कालेज के लिये 3 हाईटेक टेस्टिंग मशीन खरीने के लिए ₹11.25 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है. यह धनराशि राज्य आपदा मोचन निधि से स्वीकृत की गई है. क्रय की जाने वाली इन हाईटेक मशीनों की टेस्टिंग क्षमता 800 प्रति दिन है. इस प्रकार इससे 2400 टेस्टिंग प्रतिदिन हो सकेगी. अभी तक इन मेडिकल कालेजों में स्थापित मशीनों की टेस्टिंग क्षमता कम थी.

इसके अतिरिक्त प्रदेश से 50 से 100 सैंपल जांच के लिए चंडीगढ़ की इम्पैक्ट लैब भेजे जा रहे हैं, जबकि नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब में हरिद्वार से 300, उधमसिंह नगर से 300 और नैनीताल से 100 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. जबकि लगभग 50 टेस्ट आईआईपी की टेस्टिंग लेब में किए जा रहे हैं.

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जनपद स्तर पर भी जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 7 स्थानों पर टू नॉट मशीन स्थापित की गई है. इनमें से चार ने कार्य आरंभ कर दिया है, जबकि 11 मशीनों की और व्यवस्था की जा रही है. उधर, राजकीय संयुक्त चिकित्सालय रामनगर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण का कार्य पीपीपी मोड पर संचालित होने से इन चिकित्सालयों में कार्यरत 17 चिकित्सक राज्य को मिल गये हैं. इसमें 7 विशेषज्ञ चिकित्सक भी शामिल हैं. इन चिकित्सकों की तैनाती उन अस्पतालों में की जाएगी, जहां चिकित्सकों की कमी है. ये दोनों चिकित्सालय विश्व बैंक परियोजना के तहत पीपीपी मोड पर संचालित हो रहे हैं.

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