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लॉकडाउन संकट के बीच उत्तराखंड सरकार ने 421 डॉक्टरों को दिखाया बाहर का रास्ता, ये है वजह

उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 421 डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है. जानिए इसके पीछे की वजह.

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Published : May 6, 2020, 7:24 PM IST

Updated : May 6, 2020, 8:38 PM IST

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देशवासियों को बचाने के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया है. कोरोना वायरस से जनता को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे डॉक्टरों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई बार सम्मानित कर चुकी है. तो वहीं उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमे ने इसके उलट एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 421 डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है.

उत्तराखंड सरकार ने 421 डॉक्टरों को निकाला.

दरअसल, साल 2010 से साल 2015 के बीच करीब 385 ऐसे डॉक्टरों का चयन हुआ था, जिन्होंने ड्यूटी ज्वाइंन नहीं की, इसके साथ ही करीब 41 डॉक्टर ऐसे थे, जिन्होंने अपनी ड्यूटी तो ज्वाइन कर ली. लेकिन इन डॉक्टरों ने अपना पर्यवेक्षक काल पूरा नहीं किया था. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए कुल 421 डॉक्टरों की नियुक्ति को समाप्त कर दिया है ताकि इन रिक्त स्थानों पर नए डॉक्टरों की तैनाती की जा सके. जिसे स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर की जा सकेंगी.

पढ़े: Etvभारत पर श्रमिक महिलाओं का छलका दर्द, बोलीं- पति शराब पीकर पीटता है, बंद हों दुकानें

मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में 401 चिकित्सकों के नियुक्ति का अभियाचन भेजा गया था. इसके साथ ही अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को 467 पदों के लिए जल्द ही अधियाचन भेजा जाएगा. इन डॉक्टरों का चयन भी जल्द ही कर लिया जाएगा. जिससे स्वास्थ्य सेवाएं और व्यवस्थित हो पाएं. उन्होंने बताया कि 400 पदों पर चिकित्सों की नियुक्ति की जा चुकी है और अब बाकी बचे 467 और 180 अन्य पदों पर नियुक्ति जल्द ही कर ली जाएगी.

देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से देशवासियों को बचाने के लिए सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया है. कोरोना वायरस से जनता को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे डॉक्टरों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार कई बार सम्मानित कर चुकी है. तो वहीं उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमे ने इसके उलट एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 421 डॉक्टरों की सेवाओं को समाप्त कर दिया है.

उत्तराखंड सरकार ने 421 डॉक्टरों को निकाला.

दरअसल, साल 2010 से साल 2015 के बीच करीब 385 ऐसे डॉक्टरों का चयन हुआ था, जिन्होंने ड्यूटी ज्वाइंन नहीं की, इसके साथ ही करीब 41 डॉक्टर ऐसे थे, जिन्होंने अपनी ड्यूटी तो ज्वाइन कर ली. लेकिन इन डॉक्टरों ने अपना पर्यवेक्षक काल पूरा नहीं किया था. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लेते हुए कुल 421 डॉक्टरों की नियुक्ति को समाप्त कर दिया है ताकि इन रिक्त स्थानों पर नए डॉक्टरों की तैनाती की जा सके. जिसे स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर की जा सकेंगी.

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मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में 401 चिकित्सकों के नियुक्ति का अभियाचन भेजा गया था. इसके साथ ही अधीनस्थ चयन सेवा आयोग को 467 पदों के लिए जल्द ही अधियाचन भेजा जाएगा. इन डॉक्टरों का चयन भी जल्द ही कर लिया जाएगा. जिससे स्वास्थ्य सेवाएं और व्यवस्थित हो पाएं. उन्होंने बताया कि 400 पदों पर चिकित्सों की नियुक्ति की जा चुकी है और अब बाकी बचे 467 और 180 अन्य पदों पर नियुक्ति जल्द ही कर ली जाएगी.

Last Updated : May 6, 2020, 8:38 PM IST
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