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हिमालयी राज्यों को गति देने के लिए देहरादून में होगा मंथन, सरकार तैयार कर रही मसौदा

उत्तराखंड में अब इन राज्यों की मौजूदा स्थिति और इनके योगदान समेत केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा. इसके लिए 28 जुलाई की तारीख तय की गई है जब सभी राज्य देहरादून के मसूरी में एक मंच पर दिखाई देंगे.

उत्पल कुमार मुख्य सचिव उत्तराखंड.
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Published : Jul 13, 2019, 3:20 PM IST

देहरादून: हिमालयी राज्यों को केंद्र से खास तवज्जों मिलने की मांग लंबे समय से उठती रही है. वहीं अब हिमालयी राज्यों के हितों को उत्तराखंड से साधने की तैयारी चल रही है. देहरादून के मसूरी में प्रस्तावित हिमालयी राज्यों के सम्मेलन के जरिए इन राज्यों की आर्थिक स्थिति और केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा.

हिमालयी राज्यों को गति देने के लिए देहरादून में होगा मंथन.

गौर हो कि उत्तराखंड में अब इन राज्यों की मौजूदा स्थिति और इनके योगदान समेत केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा. इसके लिए 28 जुलाई की तारीख तय की गई है जब सभी राज्य देहरादून के मसूरी में एक मंच पर दिखाई देंगे. देश के हिमालयी राज्यों के लिए पहली बार एक खास मसौदा तैयार किया जाने वाला है जिसमें इन राज्यों की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय स्थिति का एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा.

यही नहीं इन राज्यों के आर्थिकी को लेकर भी मसौदा तैयार होगा साथ ही केंद्र से जरूरी मदद पर भी यह राज्य एक मंच पर आकर चिंतन करेंगे. पहाड़ों की रानी मसूरी में हिमालय कॉन्क्लेव के इस कार्यक्रम को किए जाने की फिलहाल तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन के जरिए हिमालई राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए एक खास ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. ड्राफ्ट को तैयार कर नीति आयोग को भी सौंपा जाएगा.

पढ़ें-चैंपियन के पार्टी से निष्कासित होने पर विधायक कर्णवाल के छलके खुशी के आंसू

बता दें कि हिमालयी राज्य लंबे समय से ग्रीन बोनस समेत विशेष पैकेज की मांग केंद्र से करते रहे हैं. इसके पीछे हिमालयी राज्यों की पर्यावरण संरक्षण को लेकर भूमिका और इन राज्यों की प्रतिकूल परिस्थितियों को वजह बताया गया है. लेकिन अब हिमालयी राज्य मिलकर एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे, ताकि संयुक्त रूप से केंद्र के सामने मौजूदा हालातों को रखा जा सके.

हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में खास बात यह है कि यह सम्मेलन उत्तराखंड में पहली बार होने जा रहा है और हिमालयी राज्यों के लिए इसे बेहद खास भी माना जा रहा है. हिमालयी राज्यों के हितों को लेकर जो बात लंबे समय से कही जा रही थी, उसका ड्राफ्ट उत्तराखंड में प्रस्तावित सम्मेलन में तैयार होगा.

देहरादून: हिमालयी राज्यों को केंद्र से खास तवज्जों मिलने की मांग लंबे समय से उठती रही है. वहीं अब हिमालयी राज्यों के हितों को उत्तराखंड से साधने की तैयारी चल रही है. देहरादून के मसूरी में प्रस्तावित हिमालयी राज्यों के सम्मेलन के जरिए इन राज्यों की आर्थिक स्थिति और केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा.

हिमालयी राज्यों को गति देने के लिए देहरादून में होगा मंथन.

गौर हो कि उत्तराखंड में अब इन राज्यों की मौजूदा स्थिति और इनके योगदान समेत केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा. इसके लिए 28 जुलाई की तारीख तय की गई है जब सभी राज्य देहरादून के मसूरी में एक मंच पर दिखाई देंगे. देश के हिमालयी राज्यों के लिए पहली बार एक खास मसौदा तैयार किया जाने वाला है जिसमें इन राज्यों की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय स्थिति का एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा.

यही नहीं इन राज्यों के आर्थिकी को लेकर भी मसौदा तैयार होगा साथ ही केंद्र से जरूरी मदद पर भी यह राज्य एक मंच पर आकर चिंतन करेंगे. पहाड़ों की रानी मसूरी में हिमालय कॉन्क्लेव के इस कार्यक्रम को किए जाने की फिलहाल तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन के जरिए हिमालई राज्यों की विषम भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए एक खास ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. ड्राफ्ट को तैयार कर नीति आयोग को भी सौंपा जाएगा.

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बता दें कि हिमालयी राज्य लंबे समय से ग्रीन बोनस समेत विशेष पैकेज की मांग केंद्र से करते रहे हैं. इसके पीछे हिमालयी राज्यों की पर्यावरण संरक्षण को लेकर भूमिका और इन राज्यों की प्रतिकूल परिस्थितियों को वजह बताया गया है. लेकिन अब हिमालयी राज्य मिलकर एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे, ताकि संयुक्त रूप से केंद्र के सामने मौजूदा हालातों को रखा जा सके.

हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में खास बात यह है कि यह सम्मेलन उत्तराखंड में पहली बार होने जा रहा है और हिमालयी राज्यों के लिए इसे बेहद खास भी माना जा रहा है. हिमालयी राज्यों के हितों को लेकर जो बात लंबे समय से कही जा रही थी, उसका ड्राफ्ट उत्तराखंड में प्रस्तावित सम्मेलन में तैयार होगा.

Intro:summary- देश में हिमालयी राज्यों के हितों को उत्तराखंड से साधने की तैयारी चल रही है.. देहरादून के मसूरी में प्रस्तावित हिमालयी राज्यों के सम्मेलन के जरिए इन राज्यों की आर्थिक स्थिति और केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा।


हिमालयी राज्यों को केंद्र से खास तवज्जों मिलने की मांग तो पुरानी है लेकिन उत्तराखंड में अब इन राज्यों की मौजूदा स्थिति और इनके योगदान समेत केंद्र से जरूरी मदद को लेकर मसौदा तैयार किया जाएगा... इसके लिए 28 जुलाई की तारीख तय की गई है जब सभी राज्य देहरादून के मसूरी में एक मंच पर दिखाई देंगे।


Body:देश के हिमालई राज्यों के लिए पहली बार एक खास मसौदा तैयार किया जाने वाला है जिसमें इन राज्यों की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय स्थिति का एक ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा यही नहीं इन राज्यों के आर्थिकी को लेकर भी मसौदा तैयार होगा साथ ही केंद्र से जरूरी मदद पर भी यह राज्य एक मंच पर आकर चिंतन करेंगे। पहाड़ों की रानी मसूरी में हिमालय कॉन्क्लेव के इस कार्यक्रम को किए जाने की फिलहाल तैयारी की जा रही है... बताया जा रहा है कि इस सम्मेलन के जरिए हिमालई राज्य विषम भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए एक खास ड्राफ्ट तैयार करेंगे जिसे नीति आयोग को भी सौंपा जाएगा। आपको बता दें कि हिमालई राज्य लंबे समय से ग्रीन बोनस समेत विशेष पैकेज की मांग केंद्र से करते रहे हैं और इसके पीछे हिमालई राज्यों की पर्यावरण संरक्षण को लेकर भूमिका और इन राज्यों की प्रतिकूल परिस्थितियों को वजह बताया गया है। लेकिन अब हिमालई राज्य मिलकर एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे ताकि संयुक्त रूप से केंद्र के सामने मौजूदा हालातों को रखा जा सके।

बाइट उत्पल कुमार मुख्य सचिव उत्तराखंड


Conclusion:हिमालई राज्यों के सम्मेलन में खास बात यह है कि यह सम्मेलन उत्तराखंड में पहली बार होने जा रहा है और हिमालई राज्यों के लिए इसे बेहद खास भी माना जा रहा है। इससे भी बड़ी बात यह है कि हिमालई राज्यों के हितों को लेकर जो बात लंबे समय से कही जा रही थी उसका ड्राफ्ट उत्तराखंड में प्रस्तावित सम्मेलन में तैयार होगा।
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