देहरादून: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को राज्य सरकार सुशासन दिवस के रूप में मनाने जा रही है, जिसको लेकर शासन स्तर पर तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही है. राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सुशासन दिवस के अवसर पर प्रदेश में भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. इसके साथ ही सभी जनपदों में ग्राम चौपाल का आयोजन भी किया जायेगा, जिनमें मंत्री और अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी ने प्रधानमंत्री रहते हुए उत्तराखंड राज्य को बनाया था. उसे देखते हुए उनकी जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाएगा. लिहाजा, सुशासन दिवस पर प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में चौपाल लगाकर जनसुनवाई और समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा. सुशासन दिवस पर सीएम खुद भी ग्राम चौपाल में प्रतिभाग करेंगे. साथ ही कहा कि ग्राम चौपालों में अफसरों की भागीदारी के लिए रोस्टर बनाने के निर्देश दिए गए है.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उत्तराखंड से गहरा नाता था. दशकों की लंबी मांग के बाद अगर 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड देश के मानचित्र पर अलग राज्य के रूप में वजूद में आ पाया, तो उसमें सबसे निर्णायक भूमिका अटल जी की थी. राज्य गठन के अलावा प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड को विशेष औद्योगिक पैकेज और विशेष राज्य के दर्जे से भी नवाजा था.
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अटल जी ने राज्य आंदोलनकारियों को दिया था आश्वासन: उत्तराखंड राज्य के निर्माण को लेकर लंबा आंदोलन चला था. 42 लोग अलग राज्य के लिए शहीद हो चुके थे. साल 1996 में अपने देहरादून दौरे के दौरान अटल जी ने राज्य आंदोलनकारियों की मांग पर विचार करने का भरोसा दिया था. अटल बिहारी वाजपेयी ने इस भरोसे को कायम भी रखा और उनके प्रधानमंत्रित्वकाल में ही उत्तराखंड बना.