देहरादूनः उत्तराखंड के उच्च न्यायालय नैनीताल में अब तक उत्तराखंड सरकार की तरफ से पैरवी करने वाले कई विधि अधिकारियों के अनुबंध समाप्त कर दिए गए हैं. खास बात यह है कि इसमें अपर महाधिवक्ता और उप महाधिवक्ता समेत अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता का नाम भी शामिल है. अपर सचिव सुधीर कुमार सिंह ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया है.
न्याय विभाग के अंतर्गत अनुबंधित किए गए इन विधि अधिकारियों को प्रदेश सरकार से जुड़े विभिन्न मामलों के लिए हाईकोर्ट नैनीताल में बहस के लिए तैनात किया गया था. हालांकि, इस आदेश में अनुबंध समाप्त करने की वजह को नहीं बताया गया है. उत्तराखंड के महाधिवक्ता को लिखे गए इस पत्र में बताया गया है कि एडिशनल एडवोकेट जनरल, डिप्टी एडवोकेट जनरल, एडिशनल चीफ स्टैंडिंग काउंसिल, स्टैंडिंग काउंसिल, असिस्टेंट गवर्नमेंट एडवोकेट और ब्रीफ होल्डर के पदों पर तैनात विधि अधिकारियों की सेवाएं खत्म की गई हैं.
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इन सभी विधि अधिकारियों की तैनाती के दौरान शासन की तरफ से इन सभी का अनुबंध इस शब्द के साथ किया गया था कि राज्य सरकार अपने इच्छा से कभी भी बिना सूचना के उनकी सेवाएं समाप्त कर सकती है. वैसे इससे पहले भी कई विधि अधिकारियों पर इसी तरह सरकार ने निर्णय लिया है और उनकी सेवाएं खत्म की है. इसी कड़ी में अब महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे और उत्तराखंड सरकार के विभिन्न कानूनी मामलों को हाईकोर्ट में बहस के तौर पर देख रहे इन विधि अधिकारियों की सेवाएं समाप्त की गई है.
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विभिन्न जिम्मेदारियों पर विधि अधिकारियों की तैनाती: इसके साथ ही हाईकोर्ट में राज्य सरकार की ओर से विभिन्न शिकायतों और याचिकाओं की पैरवी करने वाले दो अपर महाधिवक्ता जेपी जोशी और अमरेंद्र प्रताप सिंह के साथ-साथ राज्य सरकार ने 29 विधि अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश भी जारी कर दिए हैं. यह आदेश अपर सचिव सुधीर कुमार सिंह ने जारी किए हैं. सरकार को अब उम्मीद है कि कोर्ट में सरकार की तरफ से दलील और तमाम मामलों की और भी बेहतर तरीके से पैरवी की जाएगी.