देहरादून: मानसखंड मंदिर माला मिशन के पहले चरण में कुमाऊं क्षेत्र के 16 पौराणिक मंदिरों को शामिल किया गया है. इस मिशन के तहत 16 मंदिरों को बेहतर बनाने के साथ ही पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किए जायेगा. ताकि चारधाम की तरह ही धार्मिक पर्यटन के रूप में श्रद्धालु इन पौराणिक मंदिरों का दर्शन करने आएं. राज्य सरकार की कोशिश है कि अगर इन स्थलों में तमाम सुविधाएं विकसित की जायेंगी तो इससे आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. पीएम मोदी मां हाटकाली, नैना देवी और जागेश्वर धाम के पहले चरण के कार्यों का शिलान्यास कर चुके हैं.
मानसखंड के विकास के लिए चाहिए खंड: मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत मुख्य रूप से प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र की अधिकांश सड़कों से जुड़ी परियोजनाएं हैं. जिसके तहत जो चिन्हित 16 पौराणिक मंदिर हैं, उनसे जुड़े मार्गों को लिया गया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए थे कि इन मार्गों को पर्यटकों के लिए बेहतर बनाया जाए. उस दिशा में काम किया जाए. जिसके चलते पर्यटन विभाग और पीडब्ल्यूडी मिलकर काम कर रहे हैं. ऐसे में जितनी भी रोड हैं, उसकी जानकारी ली गई है. लिहाजा, पहले चरण में इसका जीओ भी जारी कर दिया गया है. कहां पर जमीन लेनी है, कहां रोड चौड़ी करनी है, इसकी जरूरत और संभावित ट्रैफिक को ध्यान में रखा जा रहा है.
केंद्र सरकार से फंडिंग का अनुरोध: पीडब्ल्यूडी सचिव ने कहा कि इन मार्गों में जो एनएच को रोड जोड़ते हैं उनमें भी कुछ मार्ग सिंगल लेन हैं, जिन्हें दो लेन करने के काम को भारत सरकार ने स्वीकृति दी है. हालांकि, कुछ काम राज्य सरकार की ओर से भी होना है, जिसमें बड़ा फंड लगने की संभावना है. जिसके लिए प्राइमरी तौर पर सहमति दी गई है. ऐसे में उम्मीद है कि अगले कुछ सालों में ये परियोजना पूरी हो जायेगी. पंकज कुमार पांड ने साथ ही कहा कि ये बहुत महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसके चलते भारत सरकार से भी फंडिंग के लिए अनुरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से चारधाम में बड़ी संख्या में यात्री आते हैं और सरकार उनकी सुविधा का ख्याल रखती है, ऐसे में आने वाले कुछ सालों में मानसखंड में आने वाले लोगों की सुविधा का भी ख्याल रखा जायेगा.
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