देहरादून: उत्तराखंड चारधाम की यात्रा अप्रैल महीने से शुरू होने जा रही है. बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय हो चुकी है. जिसके तहत 27 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट खुलेंगे. वहीं, अक्षय तृतीय 22 अप्रैल के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि 18 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन तय की जाएगी.
पिछली कमियों से सबक लेगी सरकार: पिछले सीजन चारधाम यात्रा के दौरान हुई तमाम खामियों से सबक लेते हुए चारधाम यात्रा से संबंधित तमाम विभाग अभी से ही व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुट गए हैं. ताकि इस सीजन समय रहते व्यवस्थाओं को मुकम्मल कर लिया जाए. जिससे यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो.
पिछले साल 46 लाख श्रद्धालु पहुंचे चारधाम: उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से पहले साल 2019 में ऐतिहासिक रिकॉर्ड दर्ज करते हुए चारधाम की यात्रा पर 34 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे जिन्होंने चारधाम के दर्शन किए थे. वहीं, सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए साल 2022 में चारधाम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था. साल 2022 में हुई चारधाम की यात्रा के दौरान 46 लाख से अधिक लोगों ने चारों धामों के दर्शन किए थे. वहीं उम्मीद है कि इस साल भी चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम करेंगे.
ऑनलाइन, ऑन कॉल और व्हाट्सएप से रजिस्ट्रेशन: इस बार चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा. हालांकि इस बार ना सिर्फ ऑनलाइन बल्कि ऑन कॉल और व्हाट्सएप के माध्यम से ही रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. वहीं पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि चारधाम यात्रा की तैयारियां पर्यटन विभाग ने दिसंबर महीने से ही शुरू कर दी थी. लिहाजा इस बार सभी यात्रियों का अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रखी गई है. इसके अलावा चारधाम यात्रा से संबंधित अन्य तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही सचिव ने कहा कि हमेशा की तरह ही बदरीनाथ की यात्रा सुगमता के साथ ही होगी. इसके लिए अब विभाग के अधिकारियों से बातचीत चल रही है.
कैरिंग कैपेसिटी के अनुसार आराम करने के लिए रोके जाएंगे यात्री: उत्तराखंड की यात्रा निर्वाध, सरल और सुखद हो इसके लिए पर्यटन विभाग लगातार व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटा हुआ है. वहीं, पर्यटन और पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन विभाग कोशिश कर रहा है कि सभी यात्री रुकते हुए यात्रा करें. ताकि वह अपनी बॉडी को परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल कर सकें. जोशीमठ से भी यात्रा जाएगी. लिहाजा, कैरिंग कैपेसिटी के अनुसार ही यात्रियों को आराम करने की अनुमति होगी. साथ ही महाराज ने कहा कि कहीं सड़क खराब होती है या फिर धंसती है तो उसे ठीक करने के लिए पीडब्ल्यूडी की पूरी व्यवस्था है.
बदरीनाथ-केदारनाथ धाम में बनेगे 50- 50 बेड के हॉस्पिटल: पिछले सीजन उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते 281 लोगों की मौत हुई थी. इनमें मुख्य रूप से केदारनाथ धाम में 150, बदरीनाथ धाम में 66, यमुनोत्री धाम में 48 और गंगोत्री धाम में 17 श्रद्धालुओं की हृदय गति रुकने से मौत हुई थी. लिहाजा पिछले सीजन की कमियों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग, बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में 50- 50 बेड के हॉस्पिटल बनाने जा रहा है. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि इस सीजन चारधाम की यात्रा पर जितने भी श्रद्धालु आएंगे, उन सभी के लिए पर्याप्त सुविधाओं के साथ ही सभी प्रकार की जांच और दवाइयों की व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, पिछले सीजन करीब ढाई लाख से अधिक लोगों का इलाज किया गया था.
पशुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए फाटा में बनेगा केंद्र: पिछले सीजन चारधाम यात्रा के दौरान न सिर्फ श्रद्धालुओं की मौत हुई थी, बल्कि करीब 351 घोड़े और खच्चरों की भी जान गई थी. इसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर दो दौर की बैठकें की जा चुकी हैं. लिहाजा इस बार पशुपालन विभाग काफी सख्ती बरतने जा रहा है. हालांकि पिछले सीजन पशुओं की मौत के पीछे गर्म पानी उपलब्ध ना होने का भी मामला सामने आया था. लिहाजा, इस सीजन पशुओं को गर्म पानी उपलब्ध किए जाने के साथ ही टिन शेड की व्यवस्था किए जाने को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से साढ़े 11 करोड़ भी जारी कर दिये गये हैं. इसके अलावा पशुओं की जांच के लिए फाटा में जांच केंद्र भी बनाया जाएगा, जहां पशुओं की जांच की जाएगी.
पशुओं पर क्रूरता को रोकने के लिए टास्क फोर्स: पिछले साल चारधाम यात्रा के दौरान पशुओं से क्रूरता के मामले सामने आये थे. इसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने यात्रा के पहले दिन से ही पशुओं पर क्रूरता के मामले में एफआईआर दर्ज करने की बात कही है. पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि इस सीजन यात्रा के दौरान 5-7 हजार पशुओं का ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इसके अलावा पशुओं के इलाज के लिए सात से आठ नए वेटरनरी डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी. यात्रा मार्गों पर पशुओं पर हो रही क्रूरता को देखते हुए 20 लोगों का टास्क फोर्स बनाया गया है. इसमें पुलिस प्रशासन, डॉक्टरों और लोकल प्रशासन को शामिल किया गया है, जो यात्रा रूटों पर मॉनिटरिंग करेंगे कि कहीं पशुओं के साथ कोई क्रूरता ना हो. उनकी व्यवस्थाओं का ध्यान रखा जा रहा है या नहीं? साथी मंत्री ने कहा कि सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि मार्च अंत तक सारी तैयारियां हर हाल में पूरी कर लें.
आईआरसीटीसी के माध्यम से होगी हेली बुकिंग: नागरिक उड्डयन विभाग ने केदारनाथ धाम में हेली सेवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है. दरअसल साल 2020 में 3 साल के लिए टेंडर प्रक्रिया की गई थी. लिहाजा इस सीजन नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की जानी है. जिसकी कवायद शुरू हो गई है. वहीं नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि केदारनाथ की यात्रा में बड़ी संख्या में यात्री हेली सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं. पिछले साल करीब एक लाख 36 हजार यात्रियों ने हेली सेवा का इस्तेमाल किया था. इसे देखते हुए इस सीजन कौन-कौन से ऑपरेटर हेली सेवा देंगे, इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हालांकि, हर साल टिकटों के ब्लैक होने का मामला सामने आता रहा है. इसे देखते हुए इस बार टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से किए जाने का निर्णय लिया गया है.
इस सीजन बढ़ेगा हेली सेवाओ का किराया: 3 साल बाद इस साल फिर से हेली सेवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया खोली गई है. ऐसे में इस सीजन पिछले सालों की तुलना में हेली सेवाओं का किराया बढ़ने की संभावना है. वहीं, इस पूरे मामले पर नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि इन 3 साल में एविएशन फ्यूल के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. करीब 30 से 40 फ़ीसदी का खर्च फ्यूल का होता है. लिहाजा इस बार हेली सेवाओं के रेट बढ़ने की संभावना है. लेकिन यात्रियों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए टेंडरिंग के रेट की सीमा तय की गई है. ताकि ऑपरेटर उससे ज्यादा रेट कोट ना कर सकें.
परिवहन विभाग ने बनाए नोडल अधिकारी: सभी विभागों की तरह चारधाम की यात्रा को लेकर परिवहन विभाग भी तैयारियों को मुकम्मल करने की कवायद में जुटा हुआ है. इसी क्रम में परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के मद्देनजर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है. संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि पिछले साल चारधाम की व्यवस्था देहरादून आरटीओ को सौंपा गया था. लिहाजा इस सीजन भी चारधाम यात्रा के लिए देहरादून आरटीओ को ही नोडल अधिकारी बनाया गया है. साथ ही पौड़ी आरटीओ (प्रवर्तन) को अपर नोडल अधिकारी एवं हरिद्वार, ऋषिकेश, पौड़ी, चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी के एआरटीओ को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है.
जरूरत पड़ने पर हिमाचल से मंगवाई जाएंगी बसें: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिसमें से अधिकांश श्रद्धालु पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं. इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं. ऐसे में परिवहन विभाग, रोडवेज की बसों के साथ ही यात्रियों की संख्या बढ़ने पर हिमाचल प्रदेश से बसों को मंगायेगा. इन बसों को चारधाम यात्रा रूटों पर चलाया जाएगा, ताकि यात्रियों को सहूलियत हो सके.
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कुल मिलाकर चारधाम की यात्रा अप्रैल महीने से शुरू होने जा रही है जिसकी तैयारियों में उत्तराखंड सरकार जुट गई है. सरकार को उम्मीद है कि साल 2022 में जिस तादात में श्रद्धालु पहुंचे थे, उससे अधिक तादात में इस सीजन चारधाम की यात्रा पर श्रद्धालुओं पहुंचेंगे. लिहाजा, सरकार अब पिछले साल चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के दृष्टिगत व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटी हुई है. ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो.