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आंबेडकर विवाद के बीच NDA की 'टी पार्टी', सहयोगी दलों को विवाद से दूर रहने की सलाह - NDA ALLIES MEET

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर एनडीए की बैठक हुई. इस संबंध में पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

NDA Meeting
एनडीए दलों की मीटिंग (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 12 hours ago

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 100 जयंती और क्रिसमस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर बुधवार को एनडीए नेताओं की चाय पार्टी हुई. इस अवसर पर एनडीए के नेताओं कि भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमितशाह के साथ बैठक मीटिंग हुई. बैठक के दौरान अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए जा रहे संविधान के मुद्दे पर विस्तार से बात की.

सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्य रूप से आंबेडकर विवाद मामले पर चर्चा हुई. इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि कैसे कांग्रेस और उसकी सरकारों ने समय-समय पर संविधान का उल्लंघन किया. गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक में बताया कि किस तरह से कांग्रेस ने संविधान को लागू करने में गलतियां की है, साथ ही किस तरह से समय समय पर कांग्रेस ने संविधान का अपमान किया है और अब अपने टूल किट का इस्तेमाल करते हुए भाजपा को संविधान विरोधी बताने की कोशिश कर रही है.

बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
एनडीए की इस बैठक में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू,जीतन राम मांझी, एच डी कुमारास्वामी, जेडीयू नेता ललन सिंह भी मौजूद थे. इस मौके पर एनडीए नेताओं को ये भी बताया गया कि कैसे आंबेडकर वाले बयान को आउट ऑफ कॉन्टैक्ट्स लिया गया और इस बयान के बहुत देर बाद एक टूलकिट बनाकर कांग्रेस ने सिर्फ एक हिस्से को वायरल किया.

बैठक में यह भी तय किया गया कि एनडीए की पार्टियों के बीच और बेहतर समन्वय के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए. इसके अलावा आंबेडकर विवाद से संबंधित मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि भाषण के दौरान कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा पर राज्यसभा में भाषण के तीन घंटे बाद कांग्रेस ने बैठक की और बाद में बयान को एडिट करके फैलाया, इसके लिए टूलकिट का भी प्रयोग किया गया.

आंबेडकर पर दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया
बैठक में एनडीए के सहयोगियों बताया गया कि कैसे विपक्षी दलों ने आंबेडकर पर दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया और इसके इर्द-गिर्द एक राजनीतिक कहानी गढ़ने की कोशिश की. सूत्रों की मानें तो गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा उठाए मुद्दे जैसे आंबेडकर या अन्य विवादित मुद्दों में ना उलझे, क्योंकि विपक्ष उन्हें इन मुद्दों में उलझाने की कोशिश कर रहा है. इसके बजाय वह सरकार की नीतियों और काम को जमीनी तौर पर कार्यान्वयन करें.

बैठक में तय किया गया कि नियमित अंतराल पर समय-समय पर एनडीए के नेता मिलते रहेंगे, ताकि मुद्दों पर समन्वय बना रहे और सभी मुद्दों पर गठबंधन एक राय रहे. नाम ना लेने की शर्त पर एनडीए के सहयोगी दल के एक नेता ने बताया कि ये आपसी समन्वय पर बुलाई गई बैठक थी.

उन्होंने कहा कि आंबेडकर मामले पर जिस तरह से विवाद मचा उसे देखकर भाजपा की तरफ से ये सलाह दी गई कि एनडीए का कोई दल इस नेगेटिव कैंपेन में नहीं उलझेगा, बल्कि जनता से जुड़ी योजनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहेगा.

यह भी पढ़ें- तिरुमाला के परकामनी में 100 करोड़ रुपये के स्कैम का खुलासा, TTD सदस्य की तत्काल कार्रवाई की मांग

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 100 जयंती और क्रिसमस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर बुधवार को एनडीए नेताओं की चाय पार्टी हुई. इस अवसर पर एनडीए के नेताओं कि भाजपा अध्यक्ष और गृह मंत्री अमितशाह के साथ बैठक मीटिंग हुई. बैठक के दौरान अमित शाह और जेपी नड्डा दोनों ने कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए जा रहे संविधान के मुद्दे पर विस्तार से बात की.

सूत्रों के मुताबिक बैठक में मुख्य रूप से आंबेडकर विवाद मामले पर चर्चा हुई. इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि कैसे कांग्रेस और उसकी सरकारों ने समय-समय पर संविधान का उल्लंघन किया. गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक में बताया कि किस तरह से कांग्रेस ने संविधान को लागू करने में गलतियां की है, साथ ही किस तरह से समय समय पर कांग्रेस ने संविधान का अपमान किया है और अब अपने टूल किट का इस्तेमाल करते हुए भाजपा को संविधान विरोधी बताने की कोशिश कर रही है.

बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
एनडीए की इस बैठक में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू,जीतन राम मांझी, एच डी कुमारास्वामी, जेडीयू नेता ललन सिंह भी मौजूद थे. इस मौके पर एनडीए नेताओं को ये भी बताया गया कि कैसे आंबेडकर वाले बयान को आउट ऑफ कॉन्टैक्ट्स लिया गया और इस बयान के बहुत देर बाद एक टूलकिट बनाकर कांग्रेस ने सिर्फ एक हिस्से को वायरल किया.

बैठक में यह भी तय किया गया कि एनडीए की पार्टियों के बीच और बेहतर समन्वय के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए. इसके अलावा आंबेडकर विवाद से संबंधित मुद्दे पर अमित शाह ने कहा कि भाषण के दौरान कांग्रेस ने कुछ नहीं कहा पर राज्यसभा में भाषण के तीन घंटे बाद कांग्रेस ने बैठक की और बाद में बयान को एडिट करके फैलाया, इसके लिए टूलकिट का भी प्रयोग किया गया.

आंबेडकर पर दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया
बैठक में एनडीए के सहयोगियों बताया गया कि कैसे विपक्षी दलों ने आंबेडकर पर दिए गए बयान को गलत तरीके से पेश किया और इसके इर्द-गिर्द एक राजनीतिक कहानी गढ़ने की कोशिश की. सूत्रों की मानें तो गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के द्वारा उठाए मुद्दे जैसे आंबेडकर या अन्य विवादित मुद्दों में ना उलझे, क्योंकि विपक्ष उन्हें इन मुद्दों में उलझाने की कोशिश कर रहा है. इसके बजाय वह सरकार की नीतियों और काम को जमीनी तौर पर कार्यान्वयन करें.

बैठक में तय किया गया कि नियमित अंतराल पर समय-समय पर एनडीए के नेता मिलते रहेंगे, ताकि मुद्दों पर समन्वय बना रहे और सभी मुद्दों पर गठबंधन एक राय रहे. नाम ना लेने की शर्त पर एनडीए के सहयोगी दल के एक नेता ने बताया कि ये आपसी समन्वय पर बुलाई गई बैठक थी.

उन्होंने कहा कि आंबेडकर मामले पर जिस तरह से विवाद मचा उसे देखकर भाजपा की तरफ से ये सलाह दी गई कि एनडीए का कोई दल इस नेगेटिव कैंपेन में नहीं उलझेगा, बल्कि जनता से जुड़ी योजनाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करता रहेगा.

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