देहरादूनः उत्तराखंड के गरीब परिवारों के लिए शासन से एक राहत भरी खबर आई है. शासन ने गरीब परिवारों के बनने वाले आय प्रमाण पत्रों की वैधता को 6 महीने से बढ़ाकर साल भर कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब प्रदेश के लाखों परिवारों को बार-बार आय प्रमाण पत्र बनाने की परेशानी से निजात मिलेगी.
उत्तराखंड में आय प्रमाण पत्र का अपना एक खास महत्व है. युवाओं से लेकर विभिन्न योजनाओं के लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. खास बात यह है कि प्रदेश में आय प्रमाण पत्र की वैधता को 6 महीने रखा गया था, यानी आय प्रमाण पत्र बनने के बाद उसे हर 6 महीने में रिन्यू कराना आवश्यक होता है. एक तरफ कोरोना काल में आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए हर 6 महीने में तहसील के चक्कर काटना मुश्किल भरा हो रहा था तो वहीं गरीब परिवारों के लिए सामान्य रूप से भी आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कार्यालयों में जाना परेशानी भरा था.
लिहाजा इन्हीं बातों के मद्देनजर सरकार ने आय प्रमाण पत्र की समय सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया. आखिरकार राज्य सरकार ने इस फैसले के बाद इस पर आदेश जारी करते हुए वित्तीय वर्ष की जगह प्रमाण पत्र केंद्रित होने के 1 साल तक के लिए इस प्रमाण पत्र को वैध किए जाने का निर्णय लिया है.
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इन लोगों को मिलेगा फायदाः जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देहरादून की अधिवक्ता ऋतु भट्ट (रतूड़ी) का कहना है कि आय प्रमाण पत्र की वैधता बढ़ाने से सबसे ज्यादा मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों को लाभ होगा. आय प्रमाण पत्र से ही सरकार को व्यक्ति के गरीब वर्ग से आने की जानकारी मिलती है. जिसके बाद उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है. इसके अलावा राइट टू एजुकेशन (RTE) के तहत गरीब परिवार के बच्चों को लाभ मिलता है. साथ ही समाज कल्याण विभाग द्वारा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन व राशन कार्ड (बीपीएल/एपीएल) की जानकारी भी आय प्रमाण के जरिए मिलती है.