देहरादून: मोदी सरकार ने देश के तमाम शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए शहरी विकास विभाग के अंतर्गत स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को आगे तो बढ़ाया, लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ये स्कीम कछुए की चाल ही रही है. यहां खुद भाजपा के विधायकों ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए हैं और इस मामले में भाजपा सरकार की ही बोलती बंद कर दी है.
देश को स्मार्ट बनाए जाने को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दल तो सवाल खड़े करते रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भाजपा विधायक भी इस मामले में स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल उठाते रहे हैं. इस बार देहरादून शहर के पूर्व मेयर और देहरादून की विधानसभा धर्मपुर के विधायक ने स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल खड़े करते हुए साफ किया है कि सरकार ने स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों को सौंप दी है. जबकि, सरकार को खुद इस मामले में मॉनिटरिंग करनी चाहिए थी.
बता दें कि, देहरादून प्रशासन की तरफ से 2021 के अंत तक स्मार्ट सिटी के काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन फिलहाल जितना काम हुआ है उससे लगता नहीं कि यह काम 2021 के अंत तक हो पाएगा.
वहीं, इससे पहले देहरादून में ही राजपुर से भाजपा विधायक खजान दास भी पलटन बाजार में हुए स्मार्ट सिटी के काम पर सवाल खड़े कर चुके हैं और अधिकारियों पर तमाम तरह के आरोप भी लगा चुके हैं. अब दूसरे विधायक विनोद चमोली की तरफ से लगाए गए आरोपों के बाद स्मार्ट सिटी के कार्यों पर जाहिर तौर से सवाल उठते ही है न केवल स्मार्ट सिटी के कामों पर गुणवत्ता के लिए आज सवाल उठे हैं बल्कि इस की धीमी गति को लेकर भी सवाल खड़े होते रहे हैं.
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इस मामले पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री नवीन जोशी का कहना है कि स्मार्ट सिटी को लेकर सरकार ने कई दावे किए थे लेकिन हकीकत यह है कि सड़क पर लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है और इस काम में सरकार पूरी तरह से फेल हुई है.