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लॉकडाउन 2.0: उत्तराखंड के इन नौ जिलों में मिल सकती है छूट - लॉकडाउन पार्ट 2

उत्तराखंड के नौ जिलों में कोरोना वायरस का एक भी पॉजिटिव मामला नहीं है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के बाद राज्य सरकार इन जिलों में कुछ ज्यादा छूट दे सकती है.

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Published : Apr 15, 2020, 2:11 PM IST

Updated : Apr 16, 2020, 9:30 AM IST

देहरादून: 20 अप्रैल के बाद उत्तराखंड के नौ जिलों में राज्य सरकार कुछ रियायत दे सकती है. यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बुधवार को रियायत को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से जो गाइड लाइन जारी की गई है, उसमें कई ऐसे पहलुओं को दर्शाया गया है.

दरअसल, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल को छोड़ दिया जाए तो बाकी के नौ जिलों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तराखंड सरकार इन नौ जिलों में 20 अप्रैल के बाद काफी हद तक छूट दे सकती है.

पढ़ें- कोरोना के खिलाफ लड़ाई : जानें, लॉकडाउन के दौरान किन चीजों की छूट मिलेगी

केंद्र सरकार की तरफ दी गई रियायतें

  • हेल्थ सर्विसेज चालू रहेंगी.
  • खेती से जुड़ी सभी गतिविधियां चालू रहेंगी. किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने में रियायत दी गई है. कृषि उपकरणों की दुकानें, उनकी मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी. खाद, बीज, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण की गतिविधियां चालू रहेंगी. इनकी दुकानें भी खुली रहेंगी. कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) को एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट पर कोई रोक नहीं रहेगी.
  • मछली पालन से जुड़ी गतिविधियां, ट्रांसपोर्ट चालू रहेंगी.
  • दूध और दुग्ध उत्पाद के प्लांट और इनकी सप्लाई चालू रहेगी.
  • मवेशियों के चारा से जुड़े प्लांट, रॉ मटिरियल की सप्लाई चालू रहेगी.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में (जो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन या म्यूनिसिपलिटी के तहत न हों) काम करने वाले उद्योगों को छूट.
  • स्पेशल इकनॉमिक जोन में मैन्यूफैक्चरिंग और दूसरे औद्योगिक संस्थानों, निर्यात से जुड़ी इकाइयों को शर्तों के साथ छूट.
  • यहां ये उद्योग अपना काम शुरू कर सकते हैं लेकिन उन्हें वर्करों को अपने परिसर में ही ठहराने का भी इंतजाम करना होगा.
  • वर्करों को वर्कप्लेस पर लाने की जिम्मेदारी नियोक्ता की होगी और उसे इस दौरान सोशल डिस्टेंस के मानकों का पालन करना होगा.
  • दवा, फार्मा, सड़क की मरम्मत और निर्माण को छूट.
  • जहां भीड़ नहीं हो जैसे बैंक शाखाएं, एटीएम, पोस्टल सर्विसेज चालू रहेंगी.
  • ऑनलाइन टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • सोशल डिस्टेंस का सख्ती से पालन करते हुए मनरेगा के काम की इजाजत रहेगी.
  • मनरेगा में सिंचाई और वॉटर कंजर्वेशन से जुड़े कामों को प्राथमिकता दी जाएगी.
  • इमरजेंसी के हालात में फोर ह्वीलर में ड्राइवर के अलावा केवल एक ही आदमी रहेगा.
  • दोपहिया वाहन पर सिर्फ एक ही व्यक्ति को अनुमति है. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगेगा.
  • कोई शख्स क्वारंटाइन किया गया है और वो नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
  • तेल और गैस सेक्टर का ऑपरेशन चलता रहेगा. इनसे जुड़ीं ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रिब्यूशन, स्टोरेज और रिटेल से जुड़ी गतिविधियां चलती रहेंगी.
  • एक ट्रक में 2 ड्राइवरों और एक हेल्पर की इजाजत. इस बार ट्रकों के मरम्मत की दुकानों को भी छूट. हाईवेज पर ढाबे भी खुले रहेंगे ताकि ट्रक चालकों को दिक्कत न हो.
  • रेलवे में मालगाड़ियों को छोड़कर बाकी सभी परिवहन बंद रहेंगे. सभी जरूरी सामानों की सप्लाई चेन की इजाजत.
  • प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छूट.
  • डीटीएच और केबल सर्विस को भी छूट.
  • आईटी से जुड़ी कंपनियों को वर्कफोर्स के 50 प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ काम करने की इजाजत. (जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप चिह्नित इलाकों में नहीं).
  • ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियों, इनके ऑपरेटरों की गाड़ियों को छूट.
  • सरकारी काम में लगीं डेटा और कॉल सेंटर सर्विसेज को इजाजत.
  • प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्विसेज को इजाजत

देहरादून: 20 अप्रैल के बाद उत्तराखंड के नौ जिलों में राज्य सरकार कुछ रियायत दे सकती है. यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बुधवार को रियायत को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से जो गाइड लाइन जारी की गई है, उसमें कई ऐसे पहलुओं को दर्शाया गया है.

दरअसल, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार और नैनीताल को छोड़ दिया जाए तो बाकी के नौ जिलों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तराखंड सरकार इन नौ जिलों में 20 अप्रैल के बाद काफी हद तक छूट दे सकती है.

पढ़ें- कोरोना के खिलाफ लड़ाई : जानें, लॉकडाउन के दौरान किन चीजों की छूट मिलेगी

केंद्र सरकार की तरफ दी गई रियायतें

  • हेल्थ सर्विसेज चालू रहेंगी.
  • खेती से जुड़ी सभी गतिविधियां चालू रहेंगी. किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने में रियायत दी गई है. कृषि उपकरणों की दुकानें, उनकी मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी. खाद, बीज, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण की गतिविधियां चालू रहेंगी. इनकी दुकानें भी खुली रहेंगी. कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) को एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट पर कोई रोक नहीं रहेगी.
  • मछली पालन से जुड़ी गतिविधियां, ट्रांसपोर्ट चालू रहेंगी.
  • दूध और दुग्ध उत्पाद के प्लांट और इनकी सप्लाई चालू रहेगी.
  • मवेशियों के चारा से जुड़े प्लांट, रॉ मटिरियल की सप्लाई चालू रहेगी.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में (जो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन या म्यूनिसिपलिटी के तहत न हों) काम करने वाले उद्योगों को छूट.
  • स्पेशल इकनॉमिक जोन में मैन्यूफैक्चरिंग और दूसरे औद्योगिक संस्थानों, निर्यात से जुड़ी इकाइयों को शर्तों के साथ छूट.
  • यहां ये उद्योग अपना काम शुरू कर सकते हैं लेकिन उन्हें वर्करों को अपने परिसर में ही ठहराने का भी इंतजाम करना होगा.
  • वर्करों को वर्कप्लेस पर लाने की जिम्मेदारी नियोक्ता की होगी और उसे इस दौरान सोशल डिस्टेंस के मानकों का पालन करना होगा.
  • दवा, फार्मा, सड़क की मरम्मत और निर्माण को छूट.
  • जहां भीड़ नहीं हो जैसे बैंक शाखाएं, एटीएम, पोस्टल सर्विसेज चालू रहेंगी.
  • ऑनलाइन टीचिंग और डिस्टेंस लर्निंग को प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • सोशल डिस्टेंस का सख्ती से पालन करते हुए मनरेगा के काम की इजाजत रहेगी.
  • मनरेगा में सिंचाई और वॉटर कंजर्वेशन से जुड़े कामों को प्राथमिकता दी जाएगी.
  • इमरजेंसी के हालात में फोर ह्वीलर में ड्राइवर के अलावा केवल एक ही आदमी रहेगा.
  • दोपहिया वाहन पर सिर्फ एक ही व्यक्ति को अनुमति है. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगेगा.
  • कोई शख्स क्वारंटाइन किया गया है और वो नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
  • तेल और गैस सेक्टर का ऑपरेशन चलता रहेगा. इनसे जुड़ीं ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रिब्यूशन, स्टोरेज और रिटेल से जुड़ी गतिविधियां चलती रहेंगी.
  • एक ट्रक में 2 ड्राइवरों और एक हेल्पर की इजाजत. इस बार ट्रकों के मरम्मत की दुकानों को भी छूट. हाईवेज पर ढाबे भी खुले रहेंगे ताकि ट्रक चालकों को दिक्कत न हो.
  • रेलवे में मालगाड़ियों को छोड़कर बाकी सभी परिवहन बंद रहेंगे. सभी जरूरी सामानों की सप्लाई चेन की इजाजत.
  • प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छूट.
  • डीटीएच और केबल सर्विस को भी छूट.
  • आईटी से जुड़ी कंपनियों को वर्कफोर्स के 50 प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ काम करने की इजाजत. (जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप चिह्नित इलाकों में नहीं).
  • ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियों, इनके ऑपरेटरों की गाड़ियों को छूट.
  • सरकारी काम में लगीं डेटा और कॉल सेंटर सर्विसेज को इजाजत.
  • प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्विसेज को इजाजत

Last Updated : Apr 16, 2020, 9:30 AM IST
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