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नई शिक्षा नीति को लेकर उत्तराखंड सरकार और शिक्षाविद् उत्साहित, वंचितों को मिलेगा लाभ - नई शिक्षा नीति देश की संस्कृति और मातृभाषा को आगे बढ़ाने वाली

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि नई शिक्षा नीति देश की संस्कृति और मातृभाषा को आगे बढ़ाने वाली है. साथ ही गरीब छात्रों के साथ अंग्रेजी की प्रतिस्पर्धा को भी इस नीति ने खत्म किया है.

New education policy
नई शिक्षा नीति
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Published : Aug 2, 2020, 3:42 PM IST

देहरादून: 34 साल बाद देश में एक नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है. इससे पहले 1986 में शिक्षा नीति लागू की गई थी और 1992 में इस नीति में कुछ संशोधन किए गए थे. नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. नई शिक्षा नीति को लेकर उत्तराखंड सरकार और शिक्षाविद् खासे उत्साहित नजर आ रही है.

उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति को बेहद प्रभावी माना जा रहा है. क्योंकि नई नीति में क्षेत्रीय भाषा को जगह दी गई है और छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम करने की भी कोशिश भी की गई है. उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि नई शिक्षा नीति देश की संस्कृति और मातृभाषा को आगे बढ़ाने वाली है. साथ ही गरीब छात्रों के साथ अंग्रेजी की प्रतिस्पर्धा को भी इस नीति ने खत्म किया है. वहीं, नई शिक्षा नीति पर शिक्षाविद् भी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

नई शिक्षा नीति को लेकर उत्तराखंड सरकार और शिक्षाविद् उत्साहित

देहरादून के शिक्षाविद् टोनी जुयाल बताते हैं कि शिक्षा नीति में भले ही 34 साल का वक्त लगा है. लेकिन इसमें जिस तरह टेक्निकल रूप से छात्रों को मजबूती प्रदान की गई है, वह काबिले तारीफ है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में अंतरराष्ट्रीय स्तर का सिलेबस तैयार करने की भी कोशिश की गई है. आज की नीति में सिलेबस खत्म करने तक ही छात्रों को सीमित नहीं रखा जाएगा. बल्कि उन्हें टेक्निकल जानकारी देकर भविष्य की राह भी प्रस्तुत की जाएगी.

ये भी पढ़ें: CORONA: ग्राहकों का इंतजार, फूड इंडस्ट्री बेहाल

नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन हुआ था. करीब 34 साल बाद 2020 में इसमें कई अहम और महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं.

देहरादून: 34 साल बाद देश में एक नई शिक्षा नीति लागू होने जा रही है. इससे पहले 1986 में शिक्षा नीति लागू की गई थी और 1992 में इस नीति में कुछ संशोधन किए गए थे. नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. नई शिक्षा नीति को लेकर उत्तराखंड सरकार और शिक्षाविद् खासे उत्साहित नजर आ रही है.

उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति को बेहद प्रभावी माना जा रहा है. क्योंकि नई नीति में क्षेत्रीय भाषा को जगह दी गई है और छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम करने की भी कोशिश भी की गई है. उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि नई शिक्षा नीति देश की संस्कृति और मातृभाषा को आगे बढ़ाने वाली है. साथ ही गरीब छात्रों के साथ अंग्रेजी की प्रतिस्पर्धा को भी इस नीति ने खत्म किया है. वहीं, नई शिक्षा नीति पर शिक्षाविद् भी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.

नई शिक्षा नीति को लेकर उत्तराखंड सरकार और शिक्षाविद् उत्साहित

देहरादून के शिक्षाविद् टोनी जुयाल बताते हैं कि शिक्षा नीति में भले ही 34 साल का वक्त लगा है. लेकिन इसमें जिस तरह टेक्निकल रूप से छात्रों को मजबूती प्रदान की गई है, वह काबिले तारीफ है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति में अंतरराष्ट्रीय स्तर का सिलेबस तैयार करने की भी कोशिश की गई है. आज की नीति में सिलेबस खत्म करने तक ही छात्रों को सीमित नहीं रखा जाएगा. बल्कि उन्हें टेक्निकल जानकारी देकर भविष्य की राह भी प्रस्तुत की जाएगी.

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नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते बुधवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में ड्राफ्ट हुई थी और 1992 में इसमें संशोधन हुआ था. करीब 34 साल बाद 2020 में इसमें कई अहम और महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं.

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