देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग बाघ, गुलदार और हाथियों पर रेडियो कॉलर के जरिए निगरानी रखता आया है. इस दौरान कई दफा इन सभी वन्यजीवों के व्यवहार और मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थितियों को देखने के लिए सैटेलाइट बेस्ड के जरिए भी निगरानी की गई है. लेकिन अब पहली बार राज्य में जलीय जीवों के व्यवहार पर भी वन विभाग अध्ययन करने जा रहा है. इसमें फिलहाल कछुए, ऊदबिलाव और मगरमच्छ को चिन्हित किया गया है.
राज्य में तीन जलीय जीव मगरमच्छ, कछुआ और ऊदबिलाव पर वन विभाग एक विशेष तरह का अध्ययन करेगा. राज्य में यह पहला मौका है जब इतने बड़े स्तर पर इन जलीय जीवों के व्यवहार को जानने के लिए सैटेलाइट बेस्ड अध्ययन किया जाएगा. योजना के तहत इन तीनों ही जलीय जीव पर एक विशेष तरह की चिप लगाकर इन पर निगरानी रखी जाएगी. इस दौरान यह जानने की कोशिश की जाएगी कि इन तीनों जलीय जीवों के व्यवहार में किस तरह का अंतर आ रहा है. यही नहीं, इनके भोजन की उपलब्धता से लेकर इनके मूवमेंट की हर स्थिति को भी बारीकी से देखा जाएगा.
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चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस सुहाग के मुताबिक राज्य में तीन अलग-अलग जगहों पर इस अध्ययन को पूरा किया जाएगा. इसके लिए बकायदा वन विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिए जाने की योजना है. योजना के तहत हरिद्वार जिले और कॉर्बेट में कुल 20 मगरमच्छ की पीठ पर इस चिप को लगाया जाएगा. इसी तरह कॉर्बेट क्षेत्र में ही 20 ऊदबिलाव पर चिप के जरिए निगरानी रखी जाएगी. जबकि नानक सागर और भीमगोड़ा जलाशयों में 20 कछुओं पर भी चिपनुमा टैग लगाए जाएंगे. अभी इस अध्ययन को लेकर कुछ समय लगने की उम्मीद है, माना जा रहा है कि इस अध्ययन को करीब 1 महीने बाद कर्मचारियों के प्रशिक्षण के पूरा होते ही शुरू किया जा सकेगा.