देहरादून: उत्तराखंड में वन्यजीवों की बाहुल्यता यहां के जंगलों की सुखद तस्वीर को बयां करता है. वैसे तो इसे वन महकमे के लिए एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा सकता है, लेकिन यह हालात विभाग के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं. विभिन्न राज्यों के साथ- साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के वन्यजीव तस्कर भी प्रदेश के जंगलों पर नजरें गड़ाएं रहते हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़ा होने के कारण राज्य में ऐसी गतिविधियों की संभावनाएं बेहद ज्यादा रहती हैं. खासतौर पर मॉनसून सीजन में वन्यजीव तस्करों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में वन विभाग द्वारा वन्यजीव तस्करों का रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है.
संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग ने बढ़ाई गश्त: मुख्य वन संरक्षक इंटेलिजेंस निशांत वर्मा ने बताया वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो ने कुछ गिरोह के एक्टिव होने की सूचना दी थी . जिसके बाद अलर्ट जारी करते हुए विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई गई . खासतौर पर मानसून सीजन में इस तरह के अलर्ट के साथ सभी को सक्रियता बढ़ाने के निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा पिछले दिनों वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो की तरफ से भी देश भर के ऐसे कई क्षेत्रों और राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया गया था. उत्तराखंड में भी गढ़वाल और कुमाऊं के कई क्षेत्रों को अलर्ट मोड में रखा गया है. कुमाऊं क्षेत्र में इस अलर्ट के बाद एक बाघ की खाल और हड्डियों के साथ चार लोगों की गिरफ्तारी भी की गई थी.
बाघ की सबसे बड़ी खाल और कई किलो हड्डियां बरामद: कुमाऊं क्षेत्र में पिछले दिनों एक बाघ की सबसे बड़ी खाल और कई किलों हड्डियां बरामद की गई थी. जिसमें 4 लोग गिरफ्तार किए गए थे. हालांकि पूछताछ के बाद अब गिरफ्तार हुए लोगों की संख्या 6 बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र में शिकारी ने बाघ का शिकार किया था . इसके बाद अब वह उत्तराखंड के रास्ते नेपाल और चीन तक इसे भेजने की तैयारी में थे.
अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा होने के कारण उत्तराखंड संवेदनशील: उत्तराखंड के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन डॉ समीर सिन्हा ने बताया उत्तराखंड अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लगा होने के कारण बेहद संवेदनशील है. इसके अलावा वन्य जीवों की अधिकता के कारण भी तस्कर यहां शिकार की तलाश में रहते हैं. उन्होंने कहा अपराधियों की धर पकड़ के लिए वन विभाग की तरफ से नियमित समीक्षा की जाती है.
वन्यजीव तस्करों का खंगाला जा रहा रिकॉर्ड: प्रदेश में मॉनसून सीजन के दौरान तमाम संरक्षित क्षेत्र में अलर्ट जारी है. इस बीच उत्तराखंड वन विभाग अब ऐसे अपराधियों के बायोडाटा तैयार करने में जुट गया है, जो या तो बड़े वन्यजीव तस्कर गिरोह के सदस्य हैं या फिर उनके लिए सूचनाएं उपलब्ध कराते हैं. फिलहाल वन विभाग की तरफ से उन लोगों का डाटा खंगाला जा रहा है, जो राज्य में किसी भी वन्य जीव तस्करी के दौरान पूर्व में गिरफ्तार किए गए हो. इसमें वन विभाग का फोकस उन अपराधियों पर होगा, जो एक से ज्यादा बार वन्य जीव तस्करी में शामिल रहे हो. इसके अलावा जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ऐसे लोगों का पिछला आपराधिक इतिहास भी खंगाला जाएगा.
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बड़े गिरोह उत्तराखंड के लोगों को देते हैं लालच: सबसे खास बात यह है कि उत्तराखंड वन विभाग अब राज्य के बाहर से वन्यजीव तस्करी को ऑपरेट कर रहे अपराधियों की भी गिरफ्तारी करने जा रहा है. दरअसल, बड़े गिरोह उत्तराखंड में लोगों को पैसों का लालच देकर उन्हें वन्य जीव तस्करी से जोड़ देते हैं. ऐसा करके वह खुद कानून की गिरफ्त से बचे रहते हैं. लिहाजा वन विभाग पकड़े गए लोगों से पूछताछ के बाद मिली सूचनाओं के आधार पर राज्य के बाहर भी अपराधियों को पकड़ने की तैयारी कर रहा है.
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