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वित्तीय सेक्टर को संभालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती, राजस्व वसूली में आई कमी

कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड की वित्तीय स्थिति गिर गई है. टैक्स सेक्टर में राजस्व वसूली में कमी आई है.

Uttarakhand loan of more than 40 thousand crores
वित्तीय सेक्टर को संभालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती.
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Published : Jun 19, 2020, 7:51 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 8:25 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी चुनौती खड़ी हो रही है. एक तरफ कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के भारी नुकसान उठाना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ सरकार के दुधारू विभाग भी राजस्व के मोर्चे पर असफल साबित हो रहे हैं.

वित्तीय सेक्टर को संभालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती.

मौजूदा समय में उत्तराखंड सरकार 40 हजार करोड़ के कर्ज में दबी हुई है. कोरोना की वजह से प्रदेश की वित्तीय स्थिति गिर गई है. टैक्स सेक्टर में राजस्व वसूली में कमी आई है. इसके साथ ही आबकारी जैसे विभाग भी सरकार को घाटे का सिग्नल दे रहे हैं.

राज्य में 148 शराब की दुकानें बंद हैं. जिससे सरकार को करीब 450 करोड़ तक का राजस्व मिलता था. सचिव वित्त अमित नेगी के मुताबिक आय के मुख्य स्रोत के रूप में आबकारी, जीएसटी जैसे सेक्टर को स्थिरिता और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में बढ़े मानव तस्करी के मामले, जानिए क्या कहती है NCRB की रिपोर्ट

पिछले साल भी करीब 350 करोड़ का घाटा आबकारी विभाग झेल चुका है. लेकिन इस बार भी स्थिति कुछ खास दिखती नजर नहीं आ रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह महकमे के अधिकारी हैं, जो फिलहाल मौजूदा हालातों से निपटने के लिए रणनीति बनाने की जगह उदासीन बैठे हुए हैं. उधर सरकार राजस्व वसूली को लेकर हर लिहाज से अपनी तरफ से प्रयास करने का दावा कर रही है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी चुनौती खड़ी हो रही है. एक तरफ कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के भारी नुकसान उठाना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ सरकार के दुधारू विभाग भी राजस्व के मोर्चे पर असफल साबित हो रहे हैं.

वित्तीय सेक्टर को संभालना सरकार के लिए बड़ी चुनौती.

मौजूदा समय में उत्तराखंड सरकार 40 हजार करोड़ के कर्ज में दबी हुई है. कोरोना की वजह से प्रदेश की वित्तीय स्थिति गिर गई है. टैक्स सेक्टर में राजस्व वसूली में कमी आई है. इसके साथ ही आबकारी जैसे विभाग भी सरकार को घाटे का सिग्नल दे रहे हैं.

राज्य में 148 शराब की दुकानें बंद हैं. जिससे सरकार को करीब 450 करोड़ तक का राजस्व मिलता था. सचिव वित्त अमित नेगी के मुताबिक आय के मुख्य स्रोत के रूप में आबकारी, जीएसटी जैसे सेक्टर को स्थिरिता और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है.

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पिछले साल भी करीब 350 करोड़ का घाटा आबकारी विभाग झेल चुका है. लेकिन इस बार भी स्थिति कुछ खास दिखती नजर नहीं आ रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह महकमे के अधिकारी हैं, जो फिलहाल मौजूदा हालातों से निपटने के लिए रणनीति बनाने की जगह उदासीन बैठे हुए हैं. उधर सरकार राजस्व वसूली को लेकर हर लिहाज से अपनी तरफ से प्रयास करने का दावा कर रही है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 8:25 PM IST
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