देहरादून: उत्तराखंड सरकार के लिए वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ी चुनौती खड़ी हो रही है. एक तरफ कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उत्तराखंड के भारी नुकसान उठाना पड़ा, वहीं दूसरी तरफ सरकार के दुधारू विभाग भी राजस्व के मोर्चे पर असफल साबित हो रहे हैं.
मौजूदा समय में उत्तराखंड सरकार 40 हजार करोड़ के कर्ज में दबी हुई है. कोरोना की वजह से प्रदेश की वित्तीय स्थिति गिर गई है. टैक्स सेक्टर में राजस्व वसूली में कमी आई है. इसके साथ ही आबकारी जैसे विभाग भी सरकार को घाटे का सिग्नल दे रहे हैं.
राज्य में 148 शराब की दुकानें बंद हैं. जिससे सरकार को करीब 450 करोड़ तक का राजस्व मिलता था. सचिव वित्त अमित नेगी के मुताबिक आय के मुख्य स्रोत के रूप में आबकारी, जीएसटी जैसे सेक्टर को स्थिरिता और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है.
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पिछले साल भी करीब 350 करोड़ का घाटा आबकारी विभाग झेल चुका है. लेकिन इस बार भी स्थिति कुछ खास दिखती नजर नहीं आ रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह महकमे के अधिकारी हैं, जो फिलहाल मौजूदा हालातों से निपटने के लिए रणनीति बनाने की जगह उदासीन बैठे हुए हैं. उधर सरकार राजस्व वसूली को लेकर हर लिहाज से अपनी तरफ से प्रयास करने का दावा कर रही है.