देहरादून: नागरिकता संशोधन अधिनियम-2019 (सीएए) को लेकर पिछले काफी समय से कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच जुबानी जंग चल रही है. इन दिनों दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर बयानबाजी करते हुए नजर आ रहे हैं. हाल ही में सीएए के समर्थन में यूपी के सीएम योगी आदित्य ने कहा था कि यह कानून कांग्रेस का पाप है, जिसका परिमार्जन उसे खुद करना चाहिए था. लेकिन यह काम बीजेपी को करना पड़ा. इस पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पलटवार करते हुए कहा कि योगी जैसे लोग देश की आजादी को भी कांग्रेस का किया हुआ पाप मानते हैं.
हरीश रावत ने इस कानून को बांटने वाला कानून बताया है. इसके अलावा उन्होंने सीएम योगी के बयान पर पटलवार करते हुए कहा कि योगी जैसे लोग देश की आजादी को भी कांग्रेस का किया हुआ पाप मानते हैं. क्योंकि ये लोग उस समय अंग्रेजों के साथ थे और इनका देश के स्वाधीनता आंदोलन में कोई हाथ नहीं था. विशेष तौर पर हिंदू महासभा जिन्ना के साथ मिलकर एक षड्यंत्र के तहत देश को विभाजित कर रही थी.
पढ़ें- पिथौरागढ़: भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट पुल टूटा, अग्रिम पोस्ट से जवानों का संपर्क कटा
रावत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये वह शक्तियां हैं, जिनका कभी देश और कांग्रेस की आइडोलॉजी में विश्वास नहीं रहा.
सीएए पर अपने विचार रखते हुए हरीश रावत ने कहा कि इस कानून को लेकर कांग्रेस का विरोध सैद्धांतिक है. कांग्रेस का स्पष्ट मानना है कि सीएए ऐसा कानून है जो देश की प्रस्तावना पर चोट करता है, जो प्रस्तावना सर्वधर्म समभाव पर आधारित है. यह कानून आर्टिकल 14, 15, 16 पर भी हमला करता है. कांग्रेस ने नागरिकता के साधारण कानून के जरिए लगभग सवा सौ करोड़ लोगों को देश में शरण देकर उन्हें नागरिकता प्रदान की है, ऐसे में बीजेपी आखिर इस कानून में क्यों भेद कर रही है?
हरीश रावत ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सीएए को देश पर थोपने का काम कर रही है, जिससे संविधान की आत्मा की हत्या की जा रही है. कांग्रेस शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं है, मगर भेद करना उचित नहीं है. क्योंकि सरकार ने केवल चुनिंदा तीन मुस्लिम राष्ट्रों को ही छांटा है, इसे देखकर लग रहा है कि बीजेपी की दृष्टि बांटने की है, इसलिए यह बांटने वाला कानून है.