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उत्तराखंड में कितनी महंगी होगी बिजली 5 जून को पता चलेगा, UPCL ने की है 12.27% बढ़ोत्तरी की मांग

उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों की तरफ से 12.27 प्रतिशत बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया है. उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से 5 जून को जनसुनवाई होनी है. उसके बाद तय होगा कि बिजली महंगी होगी या नहीं.

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Published : May 23, 2022, 10:07 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम बढ़ाए जाने को लेकर जनसुनवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है. उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से 5 जून को जनसुनवाई होनी है. इसमें तय होगा कि राज्य में इसी साल दूसरी बार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली (electricity prices in Uttarakhand) के रूप में कितना बड़ा झटका लगेगा.

उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों की तरफ से 12.27 प्रतिशत बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया है. राज्य में इसी साल ऊर्जा निगमों की तरफ से बिजली के दाम बढ़ाए जाने को लेकर यह दूसरा प्रस्ताव है. इससे पहले ऊर्जा निगमों ने करीब 10 फीसदी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा था. जिसके बाद 2 महीने पहले ही आयोग की तरफ से बिजली के दामों में 2.68 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी. लेकिन ऊर्जा निगम की तरफ से राज्य में बिजली की कमी को देखते हुए खरीदी गई महंगी बिजली का तर्क रखते हुए दोबारा बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी की मांग की गई है.

ऊर्जा निगम की तरफ से उपभोक्ताओं को बड़ा झटका देने की तैयारी की गई है. वहीं, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई के जरिए ऊर्जा निगम की दामों में बढ़ोत्तरी की मांग पर विचार किया जाएगा. फिलहाल, आयोग 5 जून को होने वाली जनसुनवाई की तैयारी कर रहा है. इस दौरान आयोग की तरफ से लोगों की आपत्तियों को सुना जाएगा. उपभोक्ता ऊर्जा निगम की बिजली के दाम बढ़ाए जाने के तर्क को लेकर अपनी बात रख पाएंगे. आयोग की तरफ से जन सुनवाई के लिए विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम तय किए गए हैं.
पढ़ें- ऊर्जा निगम के MD अनिल कुमार यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप, सुराज सेवा दल ने की बर्खास्तगी की मांग

वैसे तो ऊर्जा निगम ने अपने तर्क रख दिए हैं लेकिन अगर उपभोक्ता इस दौरान बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी से जुड़ी इस याचिका का ठीक से विरोध करते हैं और ऊर्जा निगम बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी के तर्कों से आयोग को संतुष्ट नहीं कर पाता तो उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है. हालांकि हाल ही में बिजली की कमी और ऊर्जा निगमों की तरफ से महंगी बिजली खरीदने जाने के चलते करीब एक से 2 फीसदी तक बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी होना संभव है. उपभोक्ता उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की वेबसाइट पर भी सभी जानकारियां देख सकते हैं. इसके अलावा अपने सुझावों को भी ऑनलाइन आयोग तक पहुंचा सकते हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में उपभोक्ताओं के लिए बिजली के दाम बढ़ाए जाने को लेकर जनसुनवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है. उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की तरफ से 5 जून को जनसुनवाई होनी है. इसमें तय होगा कि राज्य में इसी साल दूसरी बार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली (electricity prices in Uttarakhand) के रूप में कितना बड़ा झटका लगेगा.

उत्तराखंड में ऊर्जा निगमों की तरफ से 12.27 प्रतिशत बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग को भेजा गया है. राज्य में इसी साल ऊर्जा निगमों की तरफ से बिजली के दाम बढ़ाए जाने को लेकर यह दूसरा प्रस्ताव है. इससे पहले ऊर्जा निगमों ने करीब 10 फीसदी बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा था. जिसके बाद 2 महीने पहले ही आयोग की तरफ से बिजली के दामों में 2.68 फीसदी की बढ़ोत्तरी की गई थी. लेकिन ऊर्जा निगम की तरफ से राज्य में बिजली की कमी को देखते हुए खरीदी गई महंगी बिजली का तर्क रखते हुए दोबारा बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी की मांग की गई है.

ऊर्जा निगम की तरफ से उपभोक्ताओं को बड़ा झटका देने की तैयारी की गई है. वहीं, उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई के जरिए ऊर्जा निगम की दामों में बढ़ोत्तरी की मांग पर विचार किया जाएगा. फिलहाल, आयोग 5 जून को होने वाली जनसुनवाई की तैयारी कर रहा है. इस दौरान आयोग की तरफ से लोगों की आपत्तियों को सुना जाएगा. उपभोक्ता ऊर्जा निगम की बिजली के दाम बढ़ाए जाने के तर्क को लेकर अपनी बात रख पाएंगे. आयोग की तरफ से जन सुनवाई के लिए विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम तय किए गए हैं.
पढ़ें- ऊर्जा निगम के MD अनिल कुमार यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप, सुराज सेवा दल ने की बर्खास्तगी की मांग

वैसे तो ऊर्जा निगम ने अपने तर्क रख दिए हैं लेकिन अगर उपभोक्ता इस दौरान बिजली के दाम में बढ़ोत्तरी से जुड़ी इस याचिका का ठीक से विरोध करते हैं और ऊर्जा निगम बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी के तर्कों से आयोग को संतुष्ट नहीं कर पाता तो उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है. हालांकि हाल ही में बिजली की कमी और ऊर्जा निगमों की तरफ से महंगी बिजली खरीदने जाने के चलते करीब एक से 2 फीसदी तक बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी होना संभव है. उपभोक्ता उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की वेबसाइट पर भी सभी जानकारियां देख सकते हैं. इसके अलावा अपने सुझावों को भी ऑनलाइन आयोग तक पहुंचा सकते हैं.

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