देहरादून: प्रदेश में शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए लगातार नए कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में शिक्षा विभाग अब MIS पोर्टल तैयार करने जा रहा है, जिस पर सभी विद्यालयों, शिक्षकों और छात्रों की जानकारी एकत्रित की जाएगी. साथ ही इस डाटा को शिक्षा विभाग अपने पास भी रखेगा. इस व्यवस्था के बाद शिक्षा विभाग को किसी भी जानकारी के लिए विद्यालय से पत्राचार नहीं करना पड़ेगा. विभाग को जो भी जानकारी चाहिए होगी, तो वह पोर्टल से ही ले लेगा. इसके शिक्षण कार्य में भी कोई बाधा नहीं आएगी.
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी (Director General of Education Banshidhar Tiwari) ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से सभी जिलों में विकासखंड स्तर पर एक नोडल अधिकारी चयनित किया जाएगा, जो कि MIS पोर्टल को हर माह विभागीय जानकारियों को अपडेट करेगा. तिवारी ने बताया कि अभी तक विभागीय स्तर से किसी भी जानकारी के लिए विद्यालयों से बार-बार पत्राचार किया जाता था. इससे स्कूलों में शिक्षण कार्य भी प्रभावित होता था लेकिन अब विद्यालय सहित शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की जानकारी एक ही स्थान पर ही मिलेगी. साथ ही इन जानकारियों के लिए अब स्कूलों से पत्राचार नहीं किया जाएगा.
पढ़ें- उत्तराखंड का ये पुलिस अफसर एम्स को करेगा देहदान, जीवन के बाद भी जारी रहेगी जनसेवा
वहीं, MIS पोर्टल सुविधा से उन विद्यालयों को सहूलियत मिलेगी, जिन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है. इन स्कूलों में विभाग से मांगी जाने वाली जानकारियों और अन्य विभागीय कार्यों के कारण बार-बार जिला या राज्य स्तरीय विभागीय कार्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे. वहीं, शिक्षकों के विभागीय कार्यों के कारण बाहर रहने से छात्र-छात्राओं की शैक्षणिक गतिविधियों पर भी बुरा असर पड़ता था. अब शिक्षक भी विभागीय कार्यों का बहाना नहीं बना पाएंगे, क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से अब खंड स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात कर सभी जानकारियां एक ही स्तर पर उपलब्ध करवाई जाएंगी.
क्या है MIS सिस्टम: MIS सिस्टम एक कंप्यूटराइज्ड इनफॉर्मेशन प्रोसेसिंग सिस्टम है. इसका फुल फॉर्म Management Information System है. इसमें विद्यालयों और छात्रों की सारी जानकारी फीड कर दी जाती है. इससे शिक्षा विभाग के अधिकारी किसी भी स्थान से जो जानकारी चाहिए स्कूलों की वो जानकारी आसानी से हासिल कर सकते हैं. MIS सिस्टम से ही वो अध्यापकों या फिर शिक्षा विभाग के स्टाफ को जो निर्देश और आदेश देना चाहें वो दे सकते हैं. इस सिस्टम के कार्य करने के बाद पिथौरागढ़ के शिक्षक को फाइल लेकर 500 किलोमीटर दूर देहरादून नहीं दौड़ना पड़ेगा.