देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में तबादलों को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. यही कारण है कि हाल ही में विभिन्न तबादलों की सूची जारी होने के बाद भी शिकायत आने के चलते शिक्षकों को रिलीव न करने के आदेश हुए थे. उधर अब राजकीय शिक्षक संघ ने भी तबादलों में हुई गड़बड़ी से जुड़ा प्रत्यावेदन निदेशक माध्यमिक को भेज दिया है. ऐसे में इस प्रत्यावेदन के आधार पर शिक्षा महानिदेशक ने तथ्यों की देखने के लिए जल्द जांच करने के निर्देश दिए हैं.
शिक्षा विभाग में तबादलों पर अब राजकीय शिक्षक संघ ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं. शिक्षक संघ ने स्थानांतरण में अनियमितताओं के लिए जांच कराए जाने की मांग की है. राजकीय शिक्षक संघ का आरोप है कि गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों को लेकर अलग-अलग नीति अपनाई गई है. कुछ शिक्षकों के तबादले गंभीर बीमारी के आधार पर कर दिए गए, जबकि कुछ शिक्षकों को छोड़ दिया गया. इसी तरह कुछ शिक्षकों को तबादले में बेवजह लाभ देने की भी कोशिश किए जाने का आरोप लगाया गया. राजकीय शिक्षक संघ ने दुर्गम से सुगम के नाम पर कई शिक्षकों और शिक्षिकाओं को गढ़वाल से कुमाऊं और कुमाऊं से गढ़वाल में स्थानांतरित किए जाने की भी बात कही है.जिसे उन्होंने न्याय संगत नहीं बताया है.
पढ़ें-शिक्षा विभाग में शून्य सत्र में भी होंगे जरूरी तबादले, कमेटी तैयार करेगी शिक्षकों की सूची
इन्हीं तथ्यों को आगे रखते हुए शिक्षक संघ ने अब शिक्षकों के तबादले में गड़बड़ी की बात कहते हुए जांच की मांग की है. शिक्षक संघ की तरफ से माध्यमिक शिक्षा के निदेशक को प्रत्यावेदन भी दे दिया गया है.उधर इस पूरे मामले को लेकर शिक्षा विभाग ने भी गंभीरता दिखाई है और प्रतिवेदन मिलने के बाद जांच कराए जाने का आश्वासन दे दिया है. खुद शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि निदेशक के नाम एक प्रत्यावेदन राज्य के शिक्षक संघ की तरफ से भेजा गया है और इस प्रत्यावेदन में कुछ बिंदुओं के साथ स्थानांतरण में अन्य नेताओं की बात कही गई है. ऐसे में शिक्षा विभाग इन तथ्यों की जांच करवाएगा, ताकि यदि वाकई स्थानांतरण में कहीं गलती हुई है तो गलत करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.