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उत्तराखंड का शिक्षा विभाग हर साल 5 स्कूलों का करेगा निरीक्षण, 4 सदस्यीय समिति का गठन - Directorate General of Education Uttarakhand

उत्तराखंड शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए चार सदस्यीय नामित अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है, जो कि हर साल प्रत्येक विकासखंड के एक प्राथमिक सहित माध्यमिक और इंटरमीडिएट स्कूलों का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट महानिदेशालय को सौंपेगी.

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उत्तराखंड शिक्षा विभाग
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Published : May 6, 2022, 8:39 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में शैक्षिक वर्ष 2022-23 में शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी प्रयोग के क्रम में शिक्षा महानिदेशालय ने एक निर्देश जारी कर चार सदस्यीय नामित अनुश्रवण समिति का गठन किया है, जो कि हर साल प्रत्येक विकासखंड के एक प्राथमिक सहित माध्यमिक और इंटरमीडिएट स्कूलों का निरीक्षण करेगी. यह समिति हर साल पांच स्कूलों का निरीक्षण करेगी, जिसमें एक अशासकीय और एक मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल भी शामिल किया जाएगा. इसके बाद यह समिति अपनी जांच रिपोर्ट 10 दिन के भीतर महानिदेशालय को सौंपेगी.

शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी (Director General of Education Bansidhar Tiwari) की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि इस 2022-23 के शैक्षिक वर्ष से नामित अनुश्रवण समिति का गठन किया जा रहा है, जिसमें एक राज्य स्तरीय जनपद नोडल अधिकारी समेत जनपद स्तरीय अधिकारी या उनकी ओर से नामित प्राधानाचार्य, संबंधित खंडविकास अधिकारी संबंधित जनपद के डायट के लैब प्रभारी व विकासखंड प्रभारी शामिल होंगे. यह समिति हर वर्ष दो दिन प्रदेश के पांच स्कूलों का निरीक्षण करेगी, जिसमें यह निरीक्षण टीम अपने विषयों का प्रस्तुतीकरण भी देगी.
पढ़ें- चारधाम यात्रा: खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, PM मोदी के नाम की हुई पहली पूजा, CM धामी रहे मौजूद

यह समिति प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना सभा से लेकर समस्त शैक्षिक सहित अन्य विद्यालयी गतिविधियों का निरीक्षण करेगी. साथ ही निरीक्षण के दूसरे दिन स्कूल से शिक्षक अभिभावक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ बैठक करेगी. बैठक में स्कूल की सभी प्रकार की गतिविधियों और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड में शैक्षिक वर्ष 2022-23 में शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इसी प्रयोग के क्रम में शिक्षा महानिदेशालय ने एक निर्देश जारी कर चार सदस्यीय नामित अनुश्रवण समिति का गठन किया है, जो कि हर साल प्रत्येक विकासखंड के एक प्राथमिक सहित माध्यमिक और इंटरमीडिएट स्कूलों का निरीक्षण करेगी. यह समिति हर साल पांच स्कूलों का निरीक्षण करेगी, जिसमें एक अशासकीय और एक मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल भी शामिल किया जाएगा. इसके बाद यह समिति अपनी जांच रिपोर्ट 10 दिन के भीतर महानिदेशालय को सौंपेगी.

शिक्षा महानिदेशक बंसीधर तिवारी (Director General of Education Bansidhar Tiwari) की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि इस 2022-23 के शैक्षिक वर्ष से नामित अनुश्रवण समिति का गठन किया जा रहा है, जिसमें एक राज्य स्तरीय जनपद नोडल अधिकारी समेत जनपद स्तरीय अधिकारी या उनकी ओर से नामित प्राधानाचार्य, संबंधित खंडविकास अधिकारी संबंधित जनपद के डायट के लैब प्रभारी व विकासखंड प्रभारी शामिल होंगे. यह समिति हर वर्ष दो दिन प्रदेश के पांच स्कूलों का निरीक्षण करेगी, जिसमें यह निरीक्षण टीम अपने विषयों का प्रस्तुतीकरण भी देगी.
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यह समिति प्रत्येक विद्यालय में प्रार्थना सभा से लेकर समस्त शैक्षिक सहित अन्य विद्यालयी गतिविधियों का निरीक्षण करेगी. साथ ही निरीक्षण के दूसरे दिन स्कूल से शिक्षक अभिभावक संघ और विद्यालय प्रबंधन समिति के साथ बैठक करेगी. बैठक में स्कूल की सभी प्रकार की गतिविधियों और व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए विचार विमर्श किया जाएगा.

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