नैनीताल: पहाड़ी संस्कृति-पहाड़ी बोली-पहाड़ी लोग और पहाड़ी व्यंजन देश-विदेश में विख्यात हैं. इसी कड़ी में आज हम आपको एक ऐसी चीज से रूबरू करा रहे हैं. जिसका नाम जुबां पर आते ही मुंह में पानी आ जाता है. वो है पिसी नूण. हैरान मत होइये, हम नमक की बात कर रहे हैं. ये वे पहाड़ी नमक जिसका स्वाद जुबां पर चढ़ा तो उतरना नामुमकिन है.
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दरअसल, नैनीताल में लगभग 24 फ्लेवरों में इस नमक को तैयार किया जाता है. जो बेहतरीन स्वाद के अलावा लोगों को स्वस्थ्य रखने में भी असरदार साबित हो रहा है. जिसके चलते न सिर्फ देश में बल्कि अमेरिका तक इस नूण की महक लोगों को अपना दीवाना बना रही है.
सरोवर नगरी के नमक की मांग सात समुन्दर पार बढ़ने लगी है. औषधीय गुण और लाजवाब स्वाद की वजह से देश ही नहीं बल्कि अमेरिका के लोग भी इस जायकेदार नमक के दीवाने हैं. जिसकी वजह से इस नमक की मांग अमेरिका में भी बनी रहती है.
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नैनीताल-अल्मोड़ा की सीमा पर बसा छोटा सा गांव काकड़ीघाट एक आम गांव की तरह ही है, लेकिन इस गांव की विशेषता इसे खास बनाती है. पहाड़ी तरीके से पिसा नूण यानी जायकेदार नमक आज इस गांव की पहचान बन चुका है. पहाड़ी सलीके और सिलबट्टे पर पीसे जा रहे हिमालयन फ्लेवर नमक की मांग देश ही नहीं, बल्कि कई विदेशी देशों में भी है. जिसे महिलाओं द्वारा तैयार किया जा रहा है.
वहीं उत्तराखंड की महिलाओं ने स्वरोजगार को अपना हथियार बनाते हुये पहाड़ के स्वाद को विदेशों तक पहुंचा दिया है. पहाड़ की बेटियों ने नमक को सुपरहिट तो कर ही दिया और उसे अपने रोजगार का साधन भी बना लिया है.
नमक के 24 प्लेवर
असली पहाड़ी, भंगीरा, तिमूर, काला जीरा, पीली मिर्च, लहसुन हरी मिर्च, लाल मिर्च, पिली मिर्च तिमूर, काला जीरा मिक्स, लहसुन पत्ती और फली, लहसुन नारियल, मिर्च, भांग, भंगीरा अलसी, दैंण, आंवला, अदरक, भुटी मिर्च, तील मिर्च, हींग, काली मिर्च, पोदीना, भट्ट, अजवाइन हैं. जो इसके बेहतरीन स्वाद को बढ़ाता है.