देहरादून: उत्तराखंड की एटीएस विंग में पहली बार शामिल होने वाले महिला कमांडो दस्ते की ट्रेनिंग में विवादित शिफूजी शौर्य भारद्वाज द्वारा प्रशिक्षण देने वाला मामला तूल पकड़ने लगा है. अब इस मामले में उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र नगर पीटीसी में महिला कमांडो दस्ते को मोटिवेशनल क्लास देने के लिए कई आउटसोर्सिंग गेस्ट टीचरों को बुलाया जाता है. इसी क्रम में शिफूजी को आमंत्रित किया गया था. शिफूजी द्वारा दी गई मोटिवेशनल ट्रेनिंग से महिला कमांडो दस्ते को काफी फायदा हुआ है.
डीजीपी ने कहा कि हरिद्वार में ट्रेनिंग देने के बाद नरेंद्र नगर पीटीसी में एटीएस महिला कमांडो को ट्रेनिंग देने के दौरान आउटसोर्सिंग स्तर पर ही शिफूजी को बुलाया गया था. डीजीपी ने बताया कि इस तरह की ट्रेनिंग में किसी भी आउटसोर्सिंग गेस्ट एक्सपर्ट को बुलाकर जवानों को ट्रेनिंग दे सकते हैं और यह ट्रेनिंग भी उसी पाठ का हिस्सा था.
वहीं, शिफूजी शौर्य भारद्वाज को लेकर उठ रही चर्चाओं के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने यह भी कहा है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि शौर्य भारद्वाज पुलिस को ट्रेनिंग दे रहे हों, इससे पहले भी वह दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस, मध्य प्रदेश, तेलंगाना व उत्तर प्रदेश पुलिस सहित कई राज्यों की पुलिस को ट्रेनिंग दे चुके हैं. उनपर लगे आरोपों की बात करें तो अबतक इस तरह के कोई आरोप सिद्ध हुए हों या उनके ऊपर कोई कार्रवाई हुई हो, ऐसी जानकारी नहीं मिलती. अब शिफूजी को लेकर सोशल मीडिया से जो भी विवाद सामने आया है, उससे संबंधित जानकारियां जुटाई जा रही हैं.
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बता दें कि, उत्तराखंड पुलिस के पास अभी तक शिफूजी को लेकर ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है लेकिन उत्तराखंड ATS महिला कमांडो को मोटिवेशनल ट्रेनिंग देने वाले शिफूजी को लेकर मीडिया में अब सवाल उठ रहे हैं. 40 साल के शिफूजी मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं.
ये है शिफूजी से जुड़ा विवाद
शिफूजी के सेना के जुड़े होने को लेकर विवाद है. उनके बैज, वर्दी लगाकर यू-ट्यूब वीडियोज शूट करने को लेकर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं. शिफूजी खुद को ट्रेनर के साथ ही मेंटर के तौर पर पेश करते हैं. शिफूजी के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर मौजूद हैं, इसमें वह कमांडो वर्दी और बैजेज के साथ दिखाई देते हैं. शिफूजी अपने वीडियो संदेशों में इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर भी यूजर्स के निशाने पर रहते हैं.