देहरादून: डीजीपी अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने परिक्षेत्र, जनपद प्रभारियों और क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) के कार्यों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. डीजीपी ने कहा कि एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की मासिक समीक्षा (Monthly Review of Anti Narcotics Task Force) होगी. साथ ही थाना और चौकी क्षेत्र में ड्रग्स की बिक्री के स्रोतों पर कार्रवाई नहीं करने वाले थाना और चौकी प्रभारी निलंबित होंगे.
बैठक में डीजीपी ने कहा कि थाना स्तर पर मादक पदार्थों की रोकथाम (drug prevention) करना थानाध्यक्ष की नैतिक जिम्मदारी है. यदि राज्य स्तर की टास्क फोर्स किसी थाने क्षेत्र पर जाकर ड्रग्स पकडती है, तो संबंधित थाना प्रभारी की भी जवाबदेही तय की जाएगी. जिला स्तरीय टास्क फोर्स में कर्मठ, लगनशील, कार्यों के प्रति समर्पित पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाए.
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अशोक कुमार ने कहा कि ड्रग्स पैडलिंग में लिप्त अपराधियों और माफियाओं को चिन्हित कर उन पर मादक पदार्थ अधिनियम (narcotics act), PIT NDPS और गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत प्रभावी कार्रवाई करें. साथ ही इनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति भी जब्त की जाए. यदि ड्रग्स पैडर्ल्स के साथ किसी पुलिस कर्मी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने साल 2025 तक उत्तराखंड को नशामुक्त करने के लिए (Drugs Free Devbhoomi by 2025) का लक्ष्य निर्धारित किया है. उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देश पर त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का राज्य, जनपद और थाना स्तर पर गठन किया गया है. ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं. ANTF को प्रभावी बनाएं. इसमें समर्पित, इच्छुक और सक्षम कर्मियों को नियुक्त करें, जिससे अच्छे परिणाम मिलें.