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2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री करने की तैयारी, नशे पर रोक लगाने में नाकाम थानेदार नपेंगे - 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री करने की तैयारी

उत्तराखंड में बढ़ते नशे के काले कारोबार पर लगाम लगाने के लिए उत्तराखंड पुलिस ने कमर कस ली है. डीजीपी अशोक कुमार ने नाम Drugs Free Devbhoomi by 2025 नाम से कैंपन लाया है. इस कैंपन का उद्देश्य उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स के मुक्त करना है. डीजीपी अशोक कुमार ने थाना प्रभारियों की जिम्मेदारी भी तय की है.

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Published : Aug 16, 2022, 10:46 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 2:09 PM IST

देहरादून: अवैध नशे के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. उत्तराखंड में पुलिस ने 2025 तक ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड (Drugs Free Uttarakhand) बनाने का लक्ष्य रखा है. इस कैंपन का नाम Drugs Free Devbhoomi by 2025 रखा गया है. इसी को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया था, जिसको लेकर डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाल का आयोजन किया.

कार्यशाल में डीजीपी अशोक कुमार ने साफ किया कि 2025 तक उत्तराखंड को हर हाल में अवैध नशे से मुक्त करना है. यदि कोई थाना प्रभारी इस तरह के मामलों में लापरवाही बरता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिस इलाके में भी अवैध नशा का काला कारोबार (illegal drug cases in uttarakhand) देखा जाएगा उस थाना प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
पढ़ें- उत्तराखंड में कल लॉन्च होगी अग्निपथ योजना, कोटद्वार में CM धामी करेंगे शुभारंभ, 19 को भर्ती रैली

टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत: अवैध नशे से होने वाली काली कमाई पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत होती है. डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ड्रग्स हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है. किसी भी परिवार का बच्चा यदि नशे के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार के जीवन भर की कमाई और इज्जत बर्बाद हो जाती है. नशे की गर्द में अच्छे-अच्छे परिवार बर्बाद हो जाते हैं.

डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स को समूल तरह से नष्ट करना हमारी जिम्मेदारी है. ड्रग्स का काला कारोबार पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है. इस नाते पुलिस की ड्यूटी इसके खिलाफ इंफोर्समेंट को बढ़ाने के लिए और अधिक जाती है.

अवैध ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति: डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जनपद स्तर और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स किसी भी थाने क्षेत्र में जाकर कार्रवाई करेगी तो संबंधित थाना प्रभारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी. देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए Enforcement, Awareness और Rehab जैसे तीनों विषयों लेकर आगे बढ़ना है.
पढ़ें- पत्नी से रेप करने वाला आरोपी गिरफ्तार, पीड़िता पर बना रहा था समझौते का दबाव

उत्तराखंड में साल 2019 से लेकर साल 2020 तक करीब 62 करोड़ रूपए के पदार्थ पकड़े गए है. इस दौरान पुलिस ने करीब 6007 ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया है. 2019 में 1558 नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11 करोड़ से अधिक मादक पदार्थ पकड़े गए थे.

वहीं साल 2020 में 1490 ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत 13 करोड़ से अधिक मादक पदार्थ बरामद किए गए. जबकि वर्ष 2021 में 2165 नशा तस्करों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए लगभग 26 करोड़ के मादक पदार्थ बरामद किए गए. इसी प्रकार वर्ष 2022 के शुरुआती 6 माह में 794 ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए 12 करोड़ के मादक पदार्थ रिकवरी की जा चुकी है.

देहरादून: अवैध नशे के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है. उत्तराखंड में पुलिस ने 2025 तक ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड (Drugs Free Uttarakhand) बनाने का लक्ष्य रखा है. इस कैंपन का नाम Drugs Free Devbhoomi by 2025 रखा गया है. इसी को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया था, जिसको लेकर डीजीपी अशोक कुमार की अध्यक्षता में एक कार्यशाल का आयोजन किया.

कार्यशाल में डीजीपी अशोक कुमार ने साफ किया कि 2025 तक उत्तराखंड को हर हाल में अवैध नशे से मुक्त करना है. यदि कोई थाना प्रभारी इस तरह के मामलों में लापरवाही बरता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जिस इलाके में भी अवैध नशा का काला कारोबार (illegal drug cases in uttarakhand) देखा जाएगा उस थाना प्रभारी की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
पढ़ें- उत्तराखंड में कल लॉन्च होगी अग्निपथ योजना, कोटद्वार में CM धामी करेंगे शुभारंभ, 19 को भर्ती रैली

टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत: अवैध नशे से होने वाली काली कमाई पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत होती है. डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि ड्रग्स हमारे समाज का सबसे बड़ा अभिशाप है. किसी भी परिवार का बच्चा यदि नशे के जाल में फंस जाता है तो उस परिवार के जीवन भर की कमाई और इज्जत बर्बाद हो जाती है. नशे की गर्द में अच्छे-अच्छे परिवार बर्बाद हो जाते हैं.

डीजीपी ने कहा कि ड्रग्स को समूल तरह से नष्ट करना हमारी जिम्मेदारी है. ड्रग्स का काला कारोबार पूरी दुनिया में टेरर फंडिंग का सबसे बड़ा स्रोत है. इस नाते पुलिस की ड्यूटी इसके खिलाफ इंफोर्समेंट को बढ़ाने के लिए और अधिक जाती है.

अवैध ड्रग्स के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति: डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जनपद स्तर और थाना स्तर पर एंटी नारकोटिक्स किसी भी थाने क्षेत्र में जाकर कार्रवाई करेगी तो संबंधित थाना प्रभारी की जवाबदेही भी तय की जाएगी. देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए Enforcement, Awareness और Rehab जैसे तीनों विषयों लेकर आगे बढ़ना है.
पढ़ें- पत्नी से रेप करने वाला आरोपी गिरफ्तार, पीड़िता पर बना रहा था समझौते का दबाव

उत्तराखंड में साल 2019 से लेकर साल 2020 तक करीब 62 करोड़ रूपए के पदार्थ पकड़े गए है. इस दौरान पुलिस ने करीब 6007 ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया है. 2019 में 1558 नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11 करोड़ से अधिक मादक पदार्थ पकड़े गए थे.

वहीं साल 2020 में 1490 ड्रग्स माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत 13 करोड़ से अधिक मादक पदार्थ बरामद किए गए. जबकि वर्ष 2021 में 2165 नशा तस्करों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए लगभग 26 करोड़ के मादक पदार्थ बरामद किए गए. इसी प्रकार वर्ष 2022 के शुरुआती 6 माह में 794 ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए 12 करोड़ के मादक पदार्थ रिकवरी की जा चुकी है.

Last Updated : Aug 17, 2022, 2:09 PM IST
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