देहरादून/हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देहरादून में बीजेपी का घोषणा-पत्र जारी किया. इस घोषणा-पत्र में महिला, किसान और बेरोजगार से लेकर अनुसूचित जाति के लोगों को रिझाने की पूरी कोशिश की गई है. वहीं, कांग्रेस ने इसे अपने घोषणा-पत्र को नकल करार देते हुए 2017 के घोषणा-पत्र का हिसाब देने की बात कही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने भाजपा के घोषणा पत्र पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसे दृष्टि पत्र का नाम दिया गया है, लेकिन यह दृष्टि दोष पत्र के रूप में देखा जा रहा है.
गौरव वल्लभ ने कहा कि 5 साल में सरकार ने कोई काम नहीं किया. 2017 का ही घोषणा पत्र कुछ बिंदुओं को हटाकर भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो जारी किया है. रोजगार के नाम पर भाजपा ने घोषणा पत्र में कोई स्थान नहीं दिया. वहीं, लोकायुक्त के मसले पर भी सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है, जिससे पता लगता है कि राज्य की सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है.
भाजपा के घोषणा-पत्र में महिलाओं को फ्री सिलेंडर देने, किसानों को ₹6000 सालाना देने और 24,000 युवाओं को नौकरी देने की बात कही है. घोषणा-पत्र के जरिए सभी वर्ग को साधने की कोशिश की गई है. हालांकि, भाजपा के घोषणा-पत्र को कांग्रेस ने नकल करार दिया है. कांग्रेस प्रदेश महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि भाजपा ने भी अपना घोषणा-पत्र कांग्रेस की तरह बनाने की कोशिश की है.
मथुरा दत्त जोशी ने कहा भाजपा को सबसे पहले जवाब देना चाहिए कि 2017 में जो घोषणा-पत्र को बड़े जोर शोर से पार्टी ने लोगों के बीच रखा था, उस घोषणा-पत्र के वादों का क्या हुआ? घोषणा-पत्र की पहली लाइन लोकायुक्त पर ही है. अब तक कोई काम नहीं हो पाया. जबकि, बाकी वादों को भी पार्टी नहीं निभा पाई. ऐसे में भाजपा घोषणा-पत्र जारी करने की हकदार ही नहीं है.
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वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता गणेश उपाध्याय बीजेपी की दृष्टि पत्र सवाल खड़े करते हुए कहा है कि कांग्रेस की संकल्प पत्र को बीजेपी ने नकल किया है. बीजेपी अपने घोषणा-पत्र में देरी इस बात का सबूत है कि उन्होंने कांग्रेस के घोषणा-पत्र की नकल को ही जनता के बीच रखा है, लेकिन यहां की जनता अब बीजेपी के बहकावे में नहीं आने वाली है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का नाम भारतीय झूठा पार्टी है और वह झूठ बोलकर सत्ता में आती है.
उन्होंने पुरानी योजनाओं और घोषणाओं को फिर से अपने संकल्प पत्र में तैयार कर दिया है. बीजेपी आज भी चारधाम के नाम पर राजनीति कर रही है. चारधाम की सड़क योजना कांग्रेस कार्यकाल की है, लेकिन आज भी बीजेपी अपने दृष्टि पत्र में चारधाम योजना का नाम लेकर यहां की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है.