देहरादून: मोदी सरकार ने तीन कृषि विधेयकों को पारित किया है, जिसको लेकर देशभर में जबरदस्त विरोध हो रहा है. यहां तक कि बीजेपी के साथ गठबंधन वाली पार्टियां भी इसका विरोध कर रही हैं. वहीं, अब इन बिलों के विरोध में कांग्रेस राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने जा रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए बिल को किसान विरोधी बताया. उन्होंने कहा इन बिलों के विरोध में 24 सितंबर से लेकर 31 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जिसमें किसानों की आवाज को उठाया जाएगा.
प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान विरोधी बिल पारित किए गए हैं. संख्या बल के आधार पर बिल राज्यसभा और लोकसभा में पारित हो गए हैं, लेकिन इस सरकार ने बिलों के माध्यम से किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. उन्होंने कहा भाजपा सरकार किसानों को उद्योगपतियों के रहमो करम पर छोड़ रही है. वास्तव में अगर केंद्र सरकार को किसानों की चिंता होती तो विधेयक में एमएसपी का भी उल्लेख होना चाहिए था, मगर सरकार किसानों के हितों पर सीधे-सीधे कुठाराघात कर रही है.
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प्रीतम सिंह ने कहा कि अगर यह बिल किसानों के हित में होता तो भाजपा की सहयोगी अकाली दल ने क्यों मंत्रिमंडल छोड़ा ? जबकि एनडीए का सहयोगी बीजू जनता दल हमेशा सरकार के साथ खड़ा रहा, उसने क्यों इस बात को कहा कि इस बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजा जाए.
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बता दें कि कांग्रेस संसद में पारित किए गए 3 किसान विधेयकों को किसान विरोधी बता रही है. कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह प्रदेश में इस बिल के विरोध में आंदोलन करती रहेगी. जिसके लिए 24 सितंबर से लेकर 31 अक्टूबर तक प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. वहीं, 26 सितंबर को स्पीकर फॉर फार्मर हैश टैग के साथ ऑनलाइन अभियान चलाया जाएगा. 28 सितंबर को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी नेता विधेयक के विरोध में राजभवन तक मार्च निकालेंगे.