देहरादून: दिव्यांग छात्रों के लिए अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत सभी विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए, जिससे दिव्यांग बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह पढ़ाई कर सकें. लेकिन साल 2009 से लेकर अब तक प्रदेश के विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. जिसे लेकर बाल आयोग ने शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है. साथ ही विशेष शिक्षिकों की नियुक्ति को लेकर न्यायालय के आदेशों का पालन करने को कहा है.
गौरतलब है कि उच्च न्यायालय नैनीताल ने जुलाई 2018 में एक जनहित याचिका पर 6 माह के भीतर प्रदेश के सभी स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था. लेकिन इसके बावजूद अब तक विद्यालयों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है. जिसे बाल आयोग ने सीधे तौर पर माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना करार दिया है.
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पूरे मामले पर दिल्ली का उदाहरण देते हुए बाल आयोग ने कहा है कि देश की राजधानी में साल 2009 से दिव्यांग शिक्षकों की नियुक्ति न किए जाने पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोर्ट की अवमानना को देखते हुए दिल्ली के शिक्षा सचिव को तलब किया और एक सप्ताह के भीतर सभी स्कूलों में दिव्यांग शिक्षकों की नियुक्ति किए जाने के आदेश दे दिए थे. जिसके बाद अब एक हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति प्रारंभिक विद्यालयों में की जा रही है.