देहरादून: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव और 2 नए केंद्र शासित राज्यों के स्वरूप में आने के प्रस्ताव के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 2 नए केन्द्र शासित राज्यों के गठन पर कहा कि अब इन राज्यों के नागरिकों की सुरक्षा के साथ देश की सीमा की सुरक्षा की भी गारंटी हो जाएगी. इसके अलावा सीएम ने लद्दाख में पिछले लंबे समय से बुद्धिस्ट समाज के दोहन को लेकर बड़ी बात कही है.
जम्मू-कश्मीर राज्य से धारा 370 हटने के साथ 2 नए केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव देश के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोनों सदन में रखा है. दोनों केंद्र शासित राज्य बनने के बाद निश्चित तौर पर तमाम तरह के बदलाव होंगे, लेकिन खासतौर से लद्दाख के केंद्र शासित राज्य बनने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक ऐसी बात बताई जोकि अधिकतर लोगों को पता नहीं होगी.
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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि लद्दाख में बुद्धिस्ट बालिकाओं की सुनियोजित षड़यंत्र से अन्यत्र विवाह करवाये जा रहे हैं, जिससे उस क्षेत्र में बुद्धिस्ट समाज को खत्म करने का काम किया जा रहा है. इस ऐतिहासिक फैसले के बाद समाज का ये दोहन रुक जाएगा. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने स्पष्ट रूप से कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित राज्य बनने से वहां के बहुसंख्यक बुद्धिस्ट समाज की नस्ले सुरक्षित रह पाएंगी.
गौर हो कि जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाले विधेयक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल को मोदी सरकार ने राज्यसभा से पारित करवा लिया है. हालांकि, अभी लोकसभा में इस विधेयक का पास होना बाकी है. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने, जम्मू कश्मीर को विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र और लद्दाख को बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों और दो संबंधित विधेयकों को राज्यसभा की मंजूरी मिल चुकी है. राज्यसभा ने जम्मू कश्मीर आरक्षण (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2019 व जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पारित करने के लिए उच्च सदन में हुए मत विभाजन में संबंधित प्रस्ताव 61 के मुकाबले 125 मतों से मंजूरी दे दी गई.