देहरादूनः एनडीआरएफ यानी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान माउंट भागीरथी 2 चोटी का आरोहण कर वापस लौट चुके हैं. एनडीआरएफ के जवानों ने 6,512 मीटर ऊंची चोटी की सफलतापूर्वक चढ़ाई की है. भागीरथी 2 चोटी का पर्वतारोहण कर लौटे एनडीआरएफ के जवानों का आज सीएम पुष्कर धामी ने स्वागत किया.
दरअसल, एनडीआरएफ के पहले पर्वतारोहण दल ने 6512 मीटर की ऊंचाई पर स्थित माउंट भागीरथी का सफलतापूर्वक पर्वतारोहण किया है. 30 मई को दोपहर 1 बचकर 25 मिनट पर 10 कुशल पर्वतारोहियों ने एनडीआरएफ के ध्वज लहरा कर इतिहास को रचा है. इस अभियान दल का नेतृत्व उप महानिरीक्षक एनडीआरएफ गंभीर सिंह चौहान ने किया. इस दल में 38 सदस्य शामिल रहे. जबकि, अभियान का फ्लैग ऑफ 15 मई को नई दिल्ली में किया गया था.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री से आगे करीब 6,512 मीटर ऊंची भागीरथी 2 चोटी फतह करने के लिए निकले थे. इस जवानों मौसम समेत तमाम चुनौतियों और बाधाओं को पार कर भागीरथी 2 चोटी पर तिरंगा फहराया. जिसके बाद ये अपना अपने बेस कैंप लौटे. आज जवान देहरादून स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात की.
वहीं, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में भागीरथी 2 चोटी का पर्वतारोहण कर लौटे एनडीआरएफ के जवानों का सीएम धामी ने स्वागत किया. सीएम धामी ने दल के सभी सदस्यों को अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई दी. सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में एनडीआरफ (NDRF) के जवान और अधिकारी अहम भूमिका निभाते हैं. उनकी ओर से सेवा और समर्पण भाव से किए जाने वाला काम अत्यंत सराहनीय है.
काफी कठिन है भागीरथी 2 चोटी फतह करनाः बता दें कि भागीरथी 2 चोटी 6,512 मीटर ऊंची है. यहां जाने के लिए सबसे पहले उत्तरकाशी से गंगोत्री धाम पहुंचना होता है. फिर गंगोत्री से पैदल भोज बासा और नंदन वन होते हुए करीब 4,040 मीटर ऊंचाई पर स्थित आधार शिविर पहुंचना होता है. यहां एडवांस बेस कैंप से भागीरथी चोटी फतह करनी होती है. भागीरथी चोटी को फतह करना आसान नहीं है. यहां मौसम पल-पल बदलती है, ऐसे में चढ़ाई करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है.