देहरादून: मुख्य सचिव (Uttarakhand Chief Secretary) डॉ. एसएस संधू ने शुक्रवार को सचिवालय में राजस्व वादों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने राजस्व वादों के तेजी से निस्तारण के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने राजस्व के लंबित प्रकरणों को अभियान चलाते हुए तेजी से निस्तारण करने के निर्देश दिए. सीएस ने कहा कि डाटा लेक के माध्यम से इसकी डायनामिक रैंकिंग (dynamic ranking) की जाए. सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों की लगातार समीक्षा की जाए, ताकि पेंडेंसी को समाप्त किया जा सके. मुख्य सचिव ने कहा कि एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार आदि के पदों को शीघ्र भरने हेतु कार्य किया जाए.
मुख्य सचिव (Chief Secretary Dr SS Sandhu) ने राजस्व वादों के तेजी से निस्तारण हेतु 1 दिसंबर से सभी नए वादों को राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली (आरसीएमएस) पर ऑनलाइन किए जाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने आरसीएमएस को प्रदेश में 100 प्रतिशत लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्रकार के राजस्व न्यायालयों के ऑनलाइन किए जाने हेतु टाइम फ्रेम निर्धारित किया जाए. नए मामलों को पूर्णतः ऑनलाइन करते हुए लीगेसी डाटा को भी अभियान के तौर पर अपलोड किया जाए. मुख्य सचिव ने कमिश्नर कोर्ट में लंबित प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रत्येक माह बैठक कर मॉनिटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए.
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उन्होंने तहसीलदार कोर्ट में अधिक पेंडेंट पर मामले तेजी से निस्तारित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि तहसीलदार, नायब तहसीलदार आदि के पदों को शीघ्र भरने हेतु कार्य किया जाए. मुख्य सचिव ने कहा कि वीआईपी कार्यक्रमों के लिए एसडीएम आदि को लगाए जाने से राजस्व का काफी कार्य बाधित होता है, जिसके कारण पेंडेंसी बढ़ती है. उन्होंने अधिकारियों को इसके लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. इससे जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी अपने कार्य में अधिक समय दे पाएंगे. उन्होंने अधिकारियों को 25, 30 एसडीएम के और पद सृजन कर शीघ्र भर्ती किए जाने के भी निर्देश दिए.