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निरीक्षण में दिखी लापरवाही से खफा PWD मंत्री, मौके पर ही अधिकारों की लगाई क्लास

प्रेमनगर में पुश्ता ढहने के बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने लापरवाही पाए जाने पर उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.

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Published : Jul 16, 2021, 12:35 PM IST

Updated : Jul 16, 2021, 12:44 PM IST

PWD Minister Satpal Maharaj
पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज

देहरादून: प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो गया है और जिसका असर जनजीवन पर पड़ने लगा है. वहीं, देहरादून शहर से महज 10 किलोमीटर दूर प्रेमनगर में हल्की सी बारिश में पुश्ता ढह गया. हालांकि, पुश्ता कुछ महीनों पहले ही बना था, लेकिन गुणवत्ता और लापरवाही की वजह से पुश्ता, हल्की सी बारिश भी नहीं सह सका. जिस पर नाराज पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों और ठेकेदार की क्लास लगा दी.

उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और आपदा जैसे हालात बनना आम बात है. लेकिन यह घटना है मॉनसून के सीजन के दौरान काफी अधिक बढ़ जाती हैं और पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ दरकने की घटनाएं एकाएक बढ़ जाती हैं. वहीं, देहरादून शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर प्रेमनगर नेशनल हाईवे पर एक पुस्ता ढह गया. इसका निरीक्षण करने पहुंचे पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने मौके पर ही अधिकारियों की फटकार लगाई. वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सबसे पहले पुश्ते का निरीक्षण किया और निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों से इस बाबत जानकारी ली कि आखिर यह पुश्ता कैसे ढह गया.

निरीक्षण में दिखी लापरवाही से खफा PWD मंत्री.

पढ़ें-देहरादून: वैक्सीनेशन के लिए नया हेल्पलाइन नंबर जारी, दिव्यांग और वृद्धजनों को मिलेगी सुविधा

अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट पीडब्ल्यूडी मंत्री ने मौके पर ही सख्त लहजे में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी लापरवाही दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही दोबारा से बनाए जा रहे पुश्ते की गुणवत्ता चेक करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से विभाग द्वारा मौके पर बैरिकेडिंग लगानी चाहिए थी, जिसे अधिकारियों द्वारा नहीं लगया गया है. उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे पर इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं अमूमन होती रहती हैं, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं बहुत कम देखने को मिलता हैं. ऐसे में अगर मैदानी क्षेत्रों में पुश्ता गिरने जैसी घटनाएं सामने आती हैं तो गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है.

पढ़ें-Corona Third Wave: स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उपकरण खरीद के दिए निर्देश

हालांकि, पीडब्ल्यूडी से जुड़े निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. चाहे वह सड़क निर्माण का हो या फिर किसी पुल का निर्माण हो. कुछ महीने पहले डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में बने एक पुल की दीवार का एक हिस्सा ढहने का मामला सामने आया था. जिस की जांच कर कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी. इसके बाद भी इस तरह की घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है. वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अब भविष्य में अगर ऐसी लापरवाही देखने को मिलेगी तो अधिकारियों और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री महाराज ने कहा कि गनीमत है कि पुश्ता ढहने से जान माल का नुकसान नहीं हुआ.

देहरादून: प्रदेश में बारिश का दौर शुरू हो गया है और जिसका असर जनजीवन पर पड़ने लगा है. वहीं, देहरादून शहर से महज 10 किलोमीटर दूर प्रेमनगर में हल्की सी बारिश में पुश्ता ढह गया. हालांकि, पुश्ता कुछ महीनों पहले ही बना था, लेकिन गुणवत्ता और लापरवाही की वजह से पुश्ता, हल्की सी बारिश भी नहीं सह सका. जिस पर नाराज पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों और ठेकेदार की क्लास लगा दी.

उत्तराखंड राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और आपदा जैसे हालात बनना आम बात है. लेकिन यह घटना है मॉनसून के सीजन के दौरान काफी अधिक बढ़ जाती हैं और पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ दरकने की घटनाएं एकाएक बढ़ जाती हैं. वहीं, देहरादून शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर प्रेमनगर नेशनल हाईवे पर एक पुस्ता ढह गया. इसका निरीक्षण करने पहुंचे पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज ने मौके पर ही अधिकारियों की फटकार लगाई. वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सबसे पहले पुश्ते का निरीक्षण किया और निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों से इस बाबत जानकारी ली कि आखिर यह पुश्ता कैसे ढह गया.

निरीक्षण में दिखी लापरवाही से खफा PWD मंत्री.

पढ़ें-देहरादून: वैक्सीनेशन के लिए नया हेल्पलाइन नंबर जारी, दिव्यांग और वृद्धजनों को मिलेगी सुविधा

अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट पीडब्ल्यूडी मंत्री ने मौके पर ही सख्त लहजे में अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी लापरवाही दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही दोबारा से बनाए जा रहे पुश्ते की गुणवत्ता चेक करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से विभाग द्वारा मौके पर बैरिकेडिंग लगानी चाहिए थी, जिसे अधिकारियों द्वारा नहीं लगया गया है. उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे पर इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं अमूमन होती रहती हैं, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं बहुत कम देखने को मिलता हैं. ऐसे में अगर मैदानी क्षेत्रों में पुश्ता गिरने जैसी घटनाएं सामने आती हैं तो गुणवत्ता पर सवाल उठना लाजिमी है.

पढ़ें-Corona Third Wave: स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उपकरण खरीद के दिए निर्देश

हालांकि, पीडब्ल्यूडी से जुड़े निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतने का यह कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं. चाहे वह सड़क निर्माण का हो या फिर किसी पुल का निर्माण हो. कुछ महीने पहले डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में बने एक पुल की दीवार का एक हिस्सा ढहने का मामला सामने आया था. जिस की जांच कर कई अधिकारियों पर गाज गिरी थी. इसके बाद भी इस तरह की घटनाओं पर विराम नहीं लग पा रहा है. वहीं, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि अब भविष्य में अगर ऐसी लापरवाही देखने को मिलेगी तो अधिकारियों और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. मंत्री महाराज ने कहा कि गनीमत है कि पुश्ता ढहने से जान माल का नुकसान नहीं हुआ.

Last Updated : Jul 16, 2021, 12:44 PM IST
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