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दून कैंट हॉस्पिटल की सच्चाई जान भड़के गणेश जोशी, कैंट बोर्ड की जांच के लिए टीम गठित - उत्तराखंड में कोरोना को लेकर अलर्ट

कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे को देखते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून कैंट अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मंत्री को पता चला कि कैंट बोर्ड ने अस्पताल को किराए पर किसी प्राइवेट इंस्टीट्यूट को दे दिया है. इतना सुनते ही गणेश जोशी बिफर पड़े और सीएमओ की अध्यक्षता में उन्होंने एक जांच टीम गठित कर रिपोर्ट एक महीने के भीतर मांगी है. साथ ही कैंट बोर्ड से रिकवरी करने की भी बात कही है.

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दून कैंट हॉस्पिटल की सच्चाई जान भड़के गणेश जोशी
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Published : Dec 28, 2022, 8:35 PM IST

Updated : Dec 28, 2022, 8:51 PM IST

दून कैंट हॉस्पिटल की सच्चाई जान भड़के गणेश जोशी

देहरादून: देश में कोरोना की वापसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों को सतर्क किया है. कोरोना के नया वेरिएंट COVID B.7 को लेकर उत्तराखंड में भी सरकार और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है. कोविड के खतरे से निपटने के लिए लगातार शासन प्रशासन स्तर पर तैयारियां की जा रही है. इसी कड़ी में आज कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून कैंट हॉस्पिटल में व्यवस्थाओं का जायजा लिया, लेकिन जब उन्होंने वहां की सच्चाई को जाना तो भड़क गए. उन्होंने सीएमओ की अध्यक्षता में टीम गठित कर एक महीने में रिपोर्ट मांगी है. साथ ही धांधली पाए जाने पर कैंट बोर्ड से रिकवरी करने की बात कही है.

अस्पताल निरीक्षण के दौरान भड़के गणेश जोशी: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गणेश जोशी देहरादून छावनी परिषद अस्पताल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान गणेश जोशी अस्पताल की सच्चाई जानकर बिफर पड़े. उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कोरोना काल में सरकार, एमएलए और एमपी फंड सहित कई संस्थाओं की मदद से यह हॉस्पिटल बनवाया था. ताकि स्थानीयों और उत्तराखंड वासियों को परेशानी ना हो और उनका सही तरीके से इलाज हो सके. लेकिन कैंट बोर्ड द्वारा इस अस्पताल को केवल 63 हजार रुपये में किराये पर किसी प्राइवेट इंस्टीट्यूट को दे दिया गया है. जो मात्र रेफरल सेंटर बनकर रह गया है.

गणेश जोशी ने कहा इसको लेकर स्थानीयों में आक्रोश है. मैंने सीएमओ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जिससे मैंने 28 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है. अगर इसमें कुछ भी गड़बड़ी पाई जाती है तो कैंट बोर्ड से रिकवरी की जाएगी. क्योंकि जो पैसे हमने दिया है, वो जनता के हित के लिए दिया है. न की किसी प्राइवेट व्यक्ति को देने के लिए दिया है. कैंट से मामले में रिकवरी की जाएगी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में कोरोना BF.7 वेरिएंट से निपटने की तैयारी, मॉकड्रिल में ऐसी मिली व्यवस्थाएं

कोरोना को लेकर अजय भट्ट ने की बैठक: हल्द्वानी में काठगोदाम सर्किट हाउस में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर नैनीताल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान भट्ट ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की. बैठक के बाद भट्ट ने कहा कोविड के नए वेरिएंट को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है. राहत की बात ये है कि जिले में पिछले 1 सप्ताह में कोई भी कोविड पॉजिटिव नहीं आया है. इसके अलावा कोविड टेस्टिंग बढ़ाए जाने के साथ ही बूस्टर डोज भी तेजी से लगाने के निर्देश दिए गए हैं.

अजय भट्ट ने कहा जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू सहित सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. ऑक्सीजन प्लांट भी पूरी तरह से काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग को भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखा गया है. सभी अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने को कहा गया है. शहर में वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज की किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी. सरकार हर संभव हर मदद के लिए हमेशा तत्पर खड़ी है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में कोरोना BF.7 वेरिएंट को मात देने की तैयारी, सभी अस्पतालों में मॉकड्रिल आज

बिना कोविड जांच नहीं भर्ती होंगे मरीज: नैनीताल अस्पताल में बिना कोविड जांच के मरीजों को भर्ती न करने की एडवाइजरी जारी की गई है. बीडी पांडे अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एलएमएस रावत ने एडवाइजरी जारी कर अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य कर दी है. सीएमएस ने बताया कि कोविड के बढ़ते मामलो को देखते हुए अस्पताल में कोरोना जांच बढ़ा दी गई है. अस्पताल आने वाले मरीजों की रेंडम जांच की जा रही है.

इसके साथ ही अस्पताल आने वाले सभी मरीजों के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. अस्पताल में 130 बेडों में ऑक्सीजन सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. साथ ही अस्पताल में आईसीयू वार्ड, 4 कोविड स्पेशलिस्ट रूम तैयार कर दिया गया है. ताकि विषम परिस्थितियों में अस्पताल आने वाले मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जा सके.

दून कैंट हॉस्पिटल की सच्चाई जान भड़के गणेश जोशी

देहरादून: देश में कोरोना की वापसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों को सतर्क किया है. कोरोना के नया वेरिएंट COVID B.7 को लेकर उत्तराखंड में भी सरकार और स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है. कोविड के खतरे से निपटने के लिए लगातार शासन प्रशासन स्तर पर तैयारियां की जा रही है. इसी कड़ी में आज कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने देहरादून कैंट हॉस्पिटल में व्यवस्थाओं का जायजा लिया, लेकिन जब उन्होंने वहां की सच्चाई को जाना तो भड़क गए. उन्होंने सीएमओ की अध्यक्षता में टीम गठित कर एक महीने में रिपोर्ट मांगी है. साथ ही धांधली पाए जाने पर कैंट बोर्ड से रिकवरी करने की बात कही है.

अस्पताल निरीक्षण के दौरान भड़के गणेश जोशी: कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए गणेश जोशी देहरादून छावनी परिषद अस्पताल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान गणेश जोशी अस्पताल की सच्चाई जानकर बिफर पड़े. उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कोरोना काल में सरकार, एमएलए और एमपी फंड सहित कई संस्थाओं की मदद से यह हॉस्पिटल बनवाया था. ताकि स्थानीयों और उत्तराखंड वासियों को परेशानी ना हो और उनका सही तरीके से इलाज हो सके. लेकिन कैंट बोर्ड द्वारा इस अस्पताल को केवल 63 हजार रुपये में किराये पर किसी प्राइवेट इंस्टीट्यूट को दे दिया गया है. जो मात्र रेफरल सेंटर बनकर रह गया है.

गणेश जोशी ने कहा इसको लेकर स्थानीयों में आक्रोश है. मैंने सीएमओ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई है, जिससे मैंने 28 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है. अगर इसमें कुछ भी गड़बड़ी पाई जाती है तो कैंट बोर्ड से रिकवरी की जाएगी. क्योंकि जो पैसे हमने दिया है, वो जनता के हित के लिए दिया है. न की किसी प्राइवेट व्यक्ति को देने के लिए दिया है. कैंट से मामले में रिकवरी की जाएगी.
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कोरोना को लेकर अजय भट्ट ने की बैठक: हल्द्वानी में काठगोदाम सर्किट हाउस में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर नैनीताल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान भट्ट ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई तैयारियों की समीक्षा की. बैठक के बाद भट्ट ने कहा कोविड के नए वेरिएंट को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है. राहत की बात ये है कि जिले में पिछले 1 सप्ताह में कोई भी कोविड पॉजिटिव नहीं आया है. इसके अलावा कोविड टेस्टिंग बढ़ाए जाने के साथ ही बूस्टर डोज भी तेजी से लगाने के निर्देश दिए गए हैं.

अजय भट्ट ने कहा जिले के अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, आईसीयू सहित सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग हर परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. ऑक्सीजन प्लांट भी पूरी तरह से काम कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग को भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखा गया है. सभी अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने को कहा गया है. शहर में वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज की किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी. सरकार हर संभव हर मदद के लिए हमेशा तत्पर खड़ी है.
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बिना कोविड जांच नहीं भर्ती होंगे मरीज: नैनीताल अस्पताल में बिना कोविड जांच के मरीजों को भर्ती न करने की एडवाइजरी जारी की गई है. बीडी पांडे अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एलएमएस रावत ने एडवाइजरी जारी कर अस्पताल में भर्ती होने वाले सभी मरीजों की कोविड जांच अनिवार्य कर दी है. सीएमएस ने बताया कि कोविड के बढ़ते मामलो को देखते हुए अस्पताल में कोरोना जांच बढ़ा दी गई है. अस्पताल आने वाले मरीजों की रेंडम जांच की जा रही है.

इसके साथ ही अस्पताल आने वाले सभी मरीजों के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है. अस्पताल में 130 बेडों में ऑक्सीजन सप्लाई व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है. साथ ही अस्पताल में आईसीयू वार्ड, 4 कोविड स्पेशलिस्ट रूम तैयार कर दिया गया है. ताकि विषम परिस्थितियों में अस्पताल आने वाले मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जा सके.

Last Updated : Dec 28, 2022, 8:51 PM IST
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