देहरादून: धामी मंत्रिमंडल की देहरादून सचिवालय में महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक संपन्न हो गई है. बैठक सचिवालय के विश्वकर्मा बिल्डिंग में स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में हुई. इस बैठक में कैबिनेट द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. उत्तराखंड न्यायिक सेवा संशोधन नियमावली को कैबिनेट में मंजूरी दी गई है. न्यायिक पदों के नाम को लेकर बदलाव किया गया है. अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद राजस्व पुलिस के अस्तित्व पर उठे सवालों पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई जिसके बाद फैसला लिया गया है कि राजस्व पुलिस को स्टेप बाई स्टेप तरीके से रेगुलर पुलिस में जोड़ा जाएगा.
इसके साथ ही बागवानी मिशन में एंटी हेलनेट योजना में 50 फीसदी और 25 फीसदी राज्य देगा. नैनीताल के लिए खुशखबरी है. नैनीताल में टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा. अटल आवास योजना में धनराशि को पीएम योजना के बराबर देने की मंजूरी मिली है. आय लिमिट को अब 38 हजार से बढ़कर 42 हजार कर दिया गया है.
- केदारनाथ मास्टर प्लान के अन्तर्गत स्थानीय पुराने आवास के ध्वस्तिकरण की मंजूरी.
- गृह विभाग के अन्तर्गत राजस्व पुलिस क्षेत्र को चरणबद्ध तरीके से पुलिस व्यवस्था से जोड़ा जायेगा. पहले चरण के अन्तर्गत वर्तमान पुलिस थानों एवं चौकियों का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा. इसके अतिरिक्त 6 पुलिस स्टेशन और 20 पुलिस चौकी को अतिरिक्त रूप से उन जगह मंजूरी दी गई, जहां पर पर्यटन और आर्थिक गतिविधियां अधिक हैं.
- पुलिस आरक्षी के लिए एडिशनल एसआई की नियमावली बनाई गई, इसके अन्तर्गत 1750 हेड कॉन्स्टबेल का प्रमोशन किया जाएगा.
- महिला आरक्षण विषय पर अध्यादेश लाने के लिये मुख्यमंत्री को अधीकृत किया गया है.
- परिवहन विभाग के अंतर्गत राज्य सड़क सुरक्षा कोष में परिवर्तन किया गया है, पहले कंपाउंडिंग फीस का 25 प्रतिशत प्रतिवर्ष राज्य सड़क सुरक्षा कोष में जाता था, जिसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया गया है.
- परिवहन विभाग के अन्तर्गत उत्तराखंड सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि को एक लाख से बढ़ाकर दो लाख किया गया है.
- उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी (परिवहन विभाग में इलेक्ट्रॉनिक दाखिल, सृजित एवं जारी करने का यूजर चार्ज) नियमावली 2022 में संशोधन किया गया, पहले इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड के लिए 20 रुपए लिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 50 रुपए किया गया है.
- विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग में एक कर्मचारी को सातवां वेतन आयोग के लाभ देने का निर्णय लिया गया है.
- वन निगम का वार्षिक लेखा परीक्षा रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखा जाएगा.
- आवास विभाग के अन्तर्गत लैंड यूज में परिवर्तन के अन्तर्गत पेट्रोल पम्प के विषय में उच्चीकरण शुल्क, कमर्शियल रूप में लिया जायेगा.
- उत्तराखंड विश एवं कब्जा विक्रय नियमावली 2022 का प्रख्यापन किया गया.
- न्याय विभाग के अंतर्गत सिविल जज (जूनियर डिवीजन) को सिविल जज एवं सिविल जज (सीनियर डिवीजन) को सीनियर सिविल जज के रूप में पदनाम परिवर्तित करने के लिए कार्मिक विभाग द्वारा आदेश निकाला जाएगा.
- कृषि एवं कृषि कल्याण विभाग के अंतर्गत बागवानी मिशन में एंटीहेल नेट के लिए केन्द्र द्वारा दी जाने वाली 50 प्रतिशत की सब्सिडी के अतिरिक्त 25 प्रतिशत अतिरिक्त राज्य सब्सिडी भी दी जाएगी.
- नैनीताल पर्यटन विकास के लिए कंसलटेंट का चयन कर लिया गया है.
- अटल आवास योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली धनराशि प्रधानमंत्री आवास योजना के बराबर करने का निर्णय लिया गया है.
- बाल संरक्षण आयोग की संस्तृति पर शिक्षा विभाग के अन्तर्गत स्कूली शिक्षा से संबंधित बच्चों को 60 दिन बिना अनुमति के अनुपस्थित पाये जाने पर सुविधाएं रोक दी जाती थी, अब इसे घटाकर 30 दिन कर दिया गया है. इसका उद्देश्य अधिक से अधिक बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ना है.
- औद्योगिक विकास के अन्तर्गत लॉजिस्टिक नीति 2022 का प्राख्यापन किया गया है. इसका उद्देश्य परिवहन लागत को कम करना है.
- जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों के लिए दुर्घटना बीमा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए किया गया है.
- विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत समग्र समावेशी शिक्षा के अन्तर्गत विशेष शिक्षा के लिये 143 नये पदों का सृजन किया गया है.
- उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत रुड़की कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का नाम हरिद्वार विश्वविद्यालय करने के लिये विधेयक लाया जायेगा.
- राज्य सरकार ने कर्मचारियों को केन्द्र सरकार के समान बढ़ी हुई मंहगाई भत्ता और बोनस देने के लिए मुख्यमंत्री को अधीकृत किया गया है.
- कौशल एवं सेवायोजन विभाग को उपनल और पीआरडी के अतिरिक्त आउटसोर्सिंग एजेन्सी बनाने की प्रक्रिया की स्वीकृति दी गई है.
- चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अन्तर्गत डार्क रूम में सहायक पदों के सापेक्ष 56 पदों को मानक के अनुसार पुनर्निधारित करने का निर्णय लिया गया है.
- मानव अधिकार रिपोर्ट विधानसभा पटल पर रखा गया था, जिससे कैबिनेट को अवगत कराया गया.
- उत्तराखंड सार्वजनिक जगह पर कूड़ा फेंकने एवं थूकने पर 5000 रुपए का अर्थदण्ड एवं 6 माह के कारावास की व्यवस्था है. जिसमें से अब कारावास को हटा कर केवल अर्थदण्ड की व्यवस्था की गई है. अर्थदण्ड को बढ़ाने का भी प्रस्ताव भेजा जायेगा.