देहरादून: उत्तराखंड बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट का जो फॉर्मूला तय किया था, उस पर शासन ने मुहर लगा दी है. 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए पिछली क्लास के रिजल्ट को आधार बनाया जाएगा. इसकी जानकारी खुद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने दी.
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि कक्षा 10वीं और 12वीं के किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाएगा. शिक्षा महानिदेशक विनय शकर पांडेय की अध्यक्षता में गठित रिजल्ट समिति ने जो फार्मला तैयार किया है, उसी के आधार पर 10वीं और 12वीं परिणाम घोषित किए जाएंगे.
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10वीं के रिजल्ट का फॉर्मूला
कक्षा दसवीं के छात्रों का रिजल्ट उनके 9वीं क्लास के परीक्षा परिणाम और 10वीं के इंटरनल एग्जाम के आधार पर तैयार किया जाएगा. इसके तहत 9वीं कक्षा में 75% मार्क्स को आधार बनाया जाएगा. वहीं 10वीं के इंटरनल एग्जाम के 25% अंक परीक्षाफल में जोड़े जाएंगे.
12वीं के रिजल्ट का फॉर्मूला
कक्षा 12वीं को छात्रों को रिजल्ट 10वीं और 11वीं क्लास के परीक्षा परिणाम के आधार पर बनाया जाएगा. इसके तहत दसवीं के परिणाम से 50% अंक जोड़े जाएंगे. वहीं 11वीं की परीक्षा से 40% अंक. इसके साथ ही 12वीं के इंटरनल परीक्षा के 10% अंक परीक्षा फल का आधार बनेंगे.
शिक्षा मंत्री की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो बच्चे ओपन स्कूल से कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे, उन बच्चों के परीक्षाफल को लेकर अलग से फॉर्मूला तैयार किया जाएगा. जिसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है
बरहाल लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उत्तराखंड बोर्ड के कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा फल का फॉर्मूला भी सामने आ ही गया. लेकिन यहां सबसे बड़ी गौर करने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग पिछली कक्षा के परीक्षा परिणाम को कक्षा 10वीं और 12वीं के परीक्षा फल का आधार इसलिए बनाने जा रहा है. क्योंकि कोरोना काल में कई सरकारी स्कूलों में इंटरनल या प्री-बोर्ड की परीक्षाएं हुई ही नहीं है.
बता दें कि उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं कक्षा में एक लाख 23 हजार से अधिक छात्र रजिस्टर्ड हैं, जबकि 10वीं कक्षा की परीक्षा में एक लाख 48 हजार से अधिक छात्र रजिस्टर्ड हैं. किसी की छात्र को इस फेल नहीं किया जाएगा.