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उत्तराखंडः कांग्रेस में कलह, कार्यकारिणी के गठन से पहले बीजेपी ऐसे चल रही चाल

कांग्रेस की कार्यकारिणी का गठन होने के बाद अब उत्तराखंड बीजेपी की कार्यकारिणी भी इसी महीने गठित हो जाएगी इसको लेकर बीजेपी प्रदेश नेतृत्व ने पहले ही नेताओं को हिदायत दे दी है ताकि कांग्रेस की तरह बीजेपी को अंतरकलह

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Published : Feb 4, 2020, 4:51 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 6:41 PM IST

dehradun
उत्तराखंड बीजेपी

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस पिछले कुछ सालों से अपने बुरे दौर से गुजर रही है. वहीं एक बार फिर से एक नया विवाद प्रदेश कांग्रेस में सामने आ गया है. इस बार मामला कार्यकारिणी से जुड़ा है. जिसने कांग्रेस पार्टी को सड़क पर ला दिया है. वहीं बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन होने जा रहा है.

ऐसे में क्या कांग्रेस की तरह ही बीजेपी संगठन में भी विवाद होगा या फिर बीजेपी, कांग्रेस की कार्यकारिणी विवाद से सबक लेकर पहले ही अपने नेताओं का मुंह बंद कर देगी. आखिर क्या कहता है राजनीतिक समीकरण? देखेंगे ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

संगठन के भीतर किसी भी मामले को लेकर विवाद पैदा होना आम बात है, लेकिन बीजेपी एक ऐसा संगठन है. जिसमें नेताओं के बीच विवाद तो है, लेकिन वह मात्र घर के अंदर है, क्योंकि बीजेपी संगठन द्वारा विवाद को घर में ही सुलझा लिया जाता है. ऐसे में संगठन का विवाद ना ही सड़कों पर आ पाता है और ना ही सार्वजनिक हो पाता है. ऐसे में इसी महीने घोषित होने वाली बीजेपी की नई कार्यकारिणी पर बीजेपी नेताओं की निगाहें टिकी हुई हैं कि उनको क्या जिम्मेदारी मिलती है. लेकिन पहले ही बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से मिली हिदायत कहीं ना कहीं बीजेपी के भीतर नेताओं के सुर बुलंद होने को रोक देगी.

सहमति और योग्यता के आधार पर ही दी जाती है जिम्मेदारी

वहीं बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि बीजेपी में काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है, क्योंकि परस्पर बातचीत, सहमति और योग्यता के आधार पर ही जिम्मेदारी दी जाती है. लिहाजा जो नई कार्यकारिणी बनेगी या फिर बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक जो जिम्मेदारियां निर्धारित होंगी वह इन्हीं आधार पर की जाएंगी. अब इसमें किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है.

बीजेपी कार्यकारिणी

अनुशासनहीनता पर बीजेपी नेताओं को हिदायत

देवेंद्र भसीन ने बताया कि अगर गलती से भी कोई व्यक्ति जिम्मेदारी से सहमत नहीं होता है और अपने बातों को सार्वजनिक करता है तो ऐसे मामलों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही नेताओं को सीधे शब्दों में हिदायत दे दी है कि अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यही नहीं अगर ऐसा कोई करता है तो वह अनुशासन की कार्रवाई का हकदार होगा, इसके साथ ही अगर उस व्यक्ति को पार्टी से निकाल दिया गया तो उसकी बीजेपी में वापसी नामुमकिन होगी.

बीजेपी पार्टी की असहमति नहीं आएगी सड़कों पर

वही सियासी पंडितों की मानें तो उनके अनुसार कांग्रेस में जो कल्चर बन रहा है वह ठीक नहीं है, क्योंकि लंबे समय बाद कार्यकारिणी आयी और वह बाधित हो गई, लेकिन बीजेपी में इतना जरूर है कि वह अनुशासन के मामले में वेल ऑर्गेनाइज पार्टी है, हालांकि बीजेपी में कार्यकारिणी आने पर असहमति हो सकती है लेकिन असहमति सड़क पर नहीं आएगी और यह बीजेपी की विशेषता है. बीजेपी में कार्यकर्ताओं को अपडेट, प्रशिक्षित किया जाता है और शिविर भी लगाया जाता है जो कांग्रेस में नहीं होता है. लिहाजा कार्यकारिणी को लेकर जो विवाद कांग्रेस में हुआ वह बीजेपी में नहीं होगा.

ये भी पढ़े: CM त्रिवेंद्र से मिलने पहुंचे हरीश रावत, इस अहम मुद्दे पर हुई बातचीत

खुलकर सामने आएगा बीजेपी का विवाद

कांग्रेस के भीतर कार्यकारिणी गठन से उठे विवाद को खुद कांग्रेस तो नहीं शांत कर पा रही है, लेकिन जब बात सत्ता पक्ष में होने वाले किसी भी विवाद की हो तो विपक्षी दल कैसे चुप रह सकती है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी में एक बड़ा अंतर है कि कांग्रेस अपना घाव छुपाती नहीं है, लेकिन बीजेपी अपने घाव को छुपाती है. यही नहीं बीजेपी के अंदर खाने इतना अंतरकलह है की इस नई कार्यकारिणी के गठन के बाद बीजेपी का विवाद भी खुलकर सामने आएगा.

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस पिछले कुछ सालों से अपने बुरे दौर से गुजर रही है. वहीं एक बार फिर से एक नया विवाद प्रदेश कांग्रेस में सामने आ गया है. इस बार मामला कार्यकारिणी से जुड़ा है. जिसने कांग्रेस पार्टी को सड़क पर ला दिया है. वहीं बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन होने जा रहा है.

ऐसे में क्या कांग्रेस की तरह ही बीजेपी संगठन में भी विवाद होगा या फिर बीजेपी, कांग्रेस की कार्यकारिणी विवाद से सबक लेकर पहले ही अपने नेताओं का मुंह बंद कर देगी. आखिर क्या कहता है राजनीतिक समीकरण? देखेंगे ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

संगठन के भीतर किसी भी मामले को लेकर विवाद पैदा होना आम बात है, लेकिन बीजेपी एक ऐसा संगठन है. जिसमें नेताओं के बीच विवाद तो है, लेकिन वह मात्र घर के अंदर है, क्योंकि बीजेपी संगठन द्वारा विवाद को घर में ही सुलझा लिया जाता है. ऐसे में संगठन का विवाद ना ही सड़कों पर आ पाता है और ना ही सार्वजनिक हो पाता है. ऐसे में इसी महीने घोषित होने वाली बीजेपी की नई कार्यकारिणी पर बीजेपी नेताओं की निगाहें टिकी हुई हैं कि उनको क्या जिम्मेदारी मिलती है. लेकिन पहले ही बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से मिली हिदायत कहीं ना कहीं बीजेपी के भीतर नेताओं के सुर बुलंद होने को रोक देगी.

सहमति और योग्यता के आधार पर ही दी जाती है जिम्मेदारी

वहीं बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि बीजेपी में काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है, क्योंकि परस्पर बातचीत, सहमति और योग्यता के आधार पर ही जिम्मेदारी दी जाती है. लिहाजा जो नई कार्यकारिणी बनेगी या फिर बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक जो जिम्मेदारियां निर्धारित होंगी वह इन्हीं आधार पर की जाएंगी. अब इसमें किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है.

बीजेपी कार्यकारिणी

अनुशासनहीनता पर बीजेपी नेताओं को हिदायत

देवेंद्र भसीन ने बताया कि अगर गलती से भी कोई व्यक्ति जिम्मेदारी से सहमत नहीं होता है और अपने बातों को सार्वजनिक करता है तो ऐसे मामलों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही नेताओं को सीधे शब्दों में हिदायत दे दी है कि अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यही नहीं अगर ऐसा कोई करता है तो वह अनुशासन की कार्रवाई का हकदार होगा, इसके साथ ही अगर उस व्यक्ति को पार्टी से निकाल दिया गया तो उसकी बीजेपी में वापसी नामुमकिन होगी.

बीजेपी पार्टी की असहमति नहीं आएगी सड़कों पर

वही सियासी पंडितों की मानें तो उनके अनुसार कांग्रेस में जो कल्चर बन रहा है वह ठीक नहीं है, क्योंकि लंबे समय बाद कार्यकारिणी आयी और वह बाधित हो गई, लेकिन बीजेपी में इतना जरूर है कि वह अनुशासन के मामले में वेल ऑर्गेनाइज पार्टी है, हालांकि बीजेपी में कार्यकारिणी आने पर असहमति हो सकती है लेकिन असहमति सड़क पर नहीं आएगी और यह बीजेपी की विशेषता है. बीजेपी में कार्यकर्ताओं को अपडेट, प्रशिक्षित किया जाता है और शिविर भी लगाया जाता है जो कांग्रेस में नहीं होता है. लिहाजा कार्यकारिणी को लेकर जो विवाद कांग्रेस में हुआ वह बीजेपी में नहीं होगा.

ये भी पढ़े: CM त्रिवेंद्र से मिलने पहुंचे हरीश रावत, इस अहम मुद्दे पर हुई बातचीत

खुलकर सामने आएगा बीजेपी का विवाद

कांग्रेस के भीतर कार्यकारिणी गठन से उठे विवाद को खुद कांग्रेस तो नहीं शांत कर पा रही है, लेकिन जब बात सत्ता पक्ष में होने वाले किसी भी विवाद की हो तो विपक्षी दल कैसे चुप रह सकती है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस और बीजेपी में एक बड़ा अंतर है कि कांग्रेस अपना घाव छुपाती नहीं है, लेकिन बीजेपी अपने घाव को छुपाती है. यही नहीं बीजेपी के अंदर खाने इतना अंतरकलह है की इस नई कार्यकारिणी के गठन के बाद बीजेपी का विवाद भी खुलकर सामने आएगा.

Intro:Ready To Air.....

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस पिछले कुछ सालों से अपने बुरे दिनों से गुजर रही है। वही एक बार फिर से एक नया विवाद प्रदेश कांग्रेस में सामने आ गया है। इस बार मामला कार्यकारिणी से जुड़ा है। जिसने कांग्रेस पार्टी को सड़क पर ला दिया है तो वह अब बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद जल्द ही नई कार्यकारिणी का गठन होने जा रहा है। ऐसे में क्या कांग्रेस की तरह ही बीजेपी संगठन में भी विवाद उत्पन्न होगा या फिर भाजपा, कांग्रेस की कार्यकारिणी विवाद से सबक लेकर पहले ही अपनी नेताओं का मुंह बंद कर देगी। आखिर क्या कहता है राजनीतिक समीकरण? देखेंगे ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.......



Body:संगठन के भीतर किसी भी मामले को लेकर विवाद उत्पन्न होना आम बात है लेकिन भाजपा एक ऐसा संगठन है जिसमें नेताओं के बीच विवाद तो है लेकिन वह मात्र घर के अंदर है क्योंकि भाजपा संगठन द्वारा विवाद को घर में ही सुलझा लिया जाता है ऐसे में संगठन का विवाद ना ही सड़कों पर आ पाता है और ना ही सार्वजनिक हो पाता है। ऐसे में इसी महीने घोषित होने वाली भाजपा की नई कार्यकारिणी पर भाजपा नेताओं की निगाहें टिकी हुई है कि उनको क्या जिम्मेदारी मिलती है। लेकिन पहले ही भाजपा प्रदेश नेतृत्व से मिली हिदायत कहीं ना कहीं भाजपा के भीतर नेताओ के सुर बुलंद होने को रोक देगी।


सहमति और योग्यता के आधार पर ही दी जाती है जिम्मेदारी.......

वहीं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि भाजपा में काम करने का तरीका बिल्कुल अलग है क्योंकि परस्पर बातचीत, सहमति और योग्यता के आधार पर ही जिम्मेदारी दी जाती है। लिहाजा जो नई कार्यकारिणी बनेगी या फिर बूथ स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक जो जिम्मेदारियां निर्धारित होंगी वह इन्हीं आधार पर की जाएंगी। अब इसमें किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है।


अनुशासनहीनता पर भाजपा नेताओं को हिदायत......

साथ ही भसीन ने बताया कि अगर गलती से भी कोई व्यक्ति जिम्मेदारी से सहमत नहीं होता है और अपने बातों को सार्वजनिक करता है तो ऐसे मामलों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने पहले ही नेताओं को सीधे शब्दों में हिदायत दे दी है कि अनुशासनहीनता बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यही नहीं अगर ऐसा कोई करता है तो वह अनुशासन की कार्रवाई का हकदार होगा, इसके साथ ही अगर उस व्यक्ति को पार्टी से निकाल दिया गया तो उसकी भाजपा में वापसी नामुमकिन होगी। 


भाजपा पार्टी की असहमति नहीं आएगी सड़को पर.....

वही सियासी पंडितों की माने तो उनके अनुसार कांग्रेस में जो कल्चर बन रहा है वह ठीक नहीं है क्योंकि लंबे समय बाद कार्यकारिणी आयी और वह बाधित हो गई लेकिन भाजपा में इतना जरूर है कि वह अनुशासन के मामले में वेल ऑर्गेनाइज पार्टी है। हालांकि भाजपा में कार्यकारिणी आने पर असहमति हो सकती है लेकिन भाजपा पार्टी में असहमति सड़क पर नहीं आएगी। और यह भाजपा की विशेषता भी है और दोनों पार्टियों में अंतर भी। साथ ही बताया कि भाजपा में कार्यकर्ताओं को अपडेट, प्रशिक्षित किया जाता है और शिविर भी लगाया जाता है, जो कांग्रेस में नहीं होता है। लिहाजा  कार्यकारिणी को लेकर जो विवाद कांग्रेस में हुआ वह भाजपा में नहीं होगा।


खुलकर सामने आएगी भाजपा का विवाद....

कांग्रेस के भीतर कार्यकारिणी गठन से उठे विवाद को खुद कांग्रेस तो नही शांत कर पा रही है। लेकिन जब बात सत्ता पक्ष में होने वाले किसी भी विवाद की हो तो विपक्षी दल कैसे चुप रह सकती है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने भाजपा पर हमला करते हुए बताया कि कांग्रेस और भाजपा में एक बड़ा अंतर है कि कांग्रेस अपना घाव छुपाती नहीं है, लेकिन भाजपा अपने घाव को छुपाती है। यही नही भाजपा के अंदर खाने इतना अंतर कला है की इस नई कार्यकारिणी के गठन के बाद भाजपा का विवाद भी खुलकर सामने आएगी। 





Conclusion:कांग्रेस की कार्यकारिणी का गठन होने के बाद अब बीजेपी की कार्यकारिणी भी इसी महीने गठित हो जाएगी, हालांकि कांग्रेस की तरह भाजपा में भी सिर फुटव्वल के हालात पैदा ना हो, इसको लेकर भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने पहले ही नेताओं को हिदायत दे दी है। लेकिन प्रदेश नेतृत्व के इस हिदायत का नेताओं पर कितना असर पड़ेगा, ये देखने वाली बात होगी। देहरादून से ईटीवी भारत के लिए रोहित सोनी की रिपोर्ट....


Last Updated : Feb 4, 2020, 6:41 PM IST
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