देहरादून: प्रदेश में भर्ती घोटाले को लेकर सियासत तेज है. उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने पूर्व में हुई भर्ती परीक्षाओं में धांधली की आशंका जताते हुए सीबीआई जांच की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री की नियत साफ है और उत्तराखंड को वास्तव में 2025 तक भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है तो भर्ती परीक्षा धांधली की सीबीआई जांच की जाए.
संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि नकल विरोधी कानून को लेकर केवल प्रचार किया जा रहा है, जबकि धरातल में स्थिति ठीक उलट है. दरअसल बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि लोक सेवा आयोग इन धांधलियों को छुपा और दबा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते घोटालों को लेकर नए-नए प्रकरण सामने आ रहे हैं. वहीं सरकार और आयोग इन मुद्दों को दबाने की भरपूर कोशिश कर रहा है. उन्होंने इसके कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि एक और आयोग दावा कर रहा है कि राज्य में पटवारी भर्ती धांधली प्रकरण पहला मामला है जो की बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि इसके पहले भी अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, जिसके साक्ष्य मौजूद हैं.
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बॉबी पंवार का कहना है कि आयोग यह भी दावा कर रहा है कि चतुर्वेदी को पहली बार अति गोपन विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी, जिससे अन्य परीक्षाओं में गड़बड़ियों के सवाल ही पैदा नहीं होता है. जबकि सच्चाई यह है कि आयोग के अंदर ही कई और चतुर्वेदी हैं. बॉबी पंवार ने आशंका जताई की जब मई 2021 में संपन्न हुई जेई की परीक्षा का प्रश्न पत्र बाहर आ सकता है और 8 जनवरी 2022 को संपन्न हुई पटवारी लेखपाल परीक्षा का प्रश्न पत्र भी बाहर आ सकता है तो इस अंतराल में हुई विभिन्न परीक्षाएं के भी आ सकते हैं.
बता दें कि साल 2021-22 में हुई एई,जेई परीक्षा धांधली को लेकर 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है इसमें भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल का नाम भी शामिल है. इसके अलावा लोक सेवा आयोग का एक और सेक्शन अधिकारी भी पकड़ा गया है. ऐसे में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने भर्ती परीक्षाओं को लेकर लोक सेवा आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पूर्व में हुई भर्ती परीक्षाओं में भी धांधली की आशंका जताई है और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.