देहरादून: उत्तराखंड में इन्वेस्टर्स समिट के बाद निवेशकों के साथ हुए एमओयू को ग्राउंडिंग करने पर जोर दिया जा रहा है. आयुष विभाग इस मामले में अगले 3 महीने का लक्ष्य तय कर चुका है. सचिव आयुष पंकज कुमार पांडे ने मार्च 2024 तक 1000 करोड़ के निवेश के लिए ग्राउंडिंग करने का होम पूरा किया है और इसके लिए हर सप्ताह समीक्षा बैठक कर लक्ष्य को पूरा करने पर काम किया जा रहा है.
उत्तराखंड के लिए आयुष के क्षेत्र में निवेश का बड़ा मौका दिखाई दे रहा है. इन्वेस्टर्स समिट में कई बड़े औद्योगिक घराने राज्य में आयुष सेक्टर पर निवेश के लिए तैयार भी हुए हैं. लिहाजा इस मौके को भुनाने के लिए सरकार पुरजोर कोशिश में जुट गई है. आयुष सचिव पंकज कुमार पांडे ने राज्य में निवेश को लेकर अधिकारियों के साथ मिलकर विशेष रूपरेखा तैयार की है. इसके तहत अब तक हुए करार के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी गई है. खास बात यह है कि हर सप्ताह निवेश पर समीक्षा की जा रही है. जाहिर है कि अगले 3 महीने के लिए आयुष विभाग ने जो लक्ष्य तय किया है, वह बेहद बड़ा है और इसे पाने के लिए एक खास होमवर्क की जरूरत होगी.
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आयुष विभाग में सचिव पंकज कुमार पांडे बताते हैं कि इन्वेस्टर समिट में विभाग की तरफ से अपने लक्ष्य की तुलना में तीन गुना ज्यादा एमओयू साइन किए गए हैं. बड़ी बात यह है कि लक्ष्य से तीन गुना ज्यादा एमओयू करने के साथ ही 400 करोड़ के निवेश की ग्राउंडिंग भी कर दी गयी है. हालांकि सचिव पंकज कुमार पांडे मार्च 2024 यानी अगले 3 महीने के भीतर करीब 1000 करोड़ की ग्राउंडिंग का दावा भी कर रहे हैं. उत्तराखंड में निवेशकों के आयुष के क्षेत्र में दिलचस्पी दिखाने से न केवल मैदानी जिलों में इसका सीधा लाभ दिखाई देगा, बल्कि पर्वतीय जनपद भी इससे लाभान्वित होंगे.
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पंकज कुमार पांडे कहते हैं कि आयुष सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग के काम को छोड़ दिया जाए तो बाकी निवेश पर्वतीय जनपदों में ही होना है. लिहाजा यह ऐसा सेक्टर है जिसमें मैदानी और पर्वतीय दोनों ही क्षेत्रों में निवेश हो सकेगा. राज्य के लिए अच्छी बात यह भी है कि इस बार आयुष सेक्टर में निवेश करने के लिए कई बड़े औद्योगिक घराने भी आगे आए हैं. उधर निवेशकों के इस सेक्टर में दिलचस्पी दिखाने के बाद अब विभाग का पूरा ध्यान जल्द से जल्द निवेश को राज्य में लाना है.